रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अवैध प्लॉटिंग ( illegal plotting business in raipur) का धंधा जोरों पर चल रहा है. इन रसूखदारों के खिलाफ रायपुर नगर निगम (Municipal Corporation Raipur) ने शहर के विभिन्न थानों में दो माह पहले लिखित शिकायत दर्ज करा रखी है. नगर निगम के तीरफ से 100 से अधिक प्रतिवेदन 32 थानों में दिए गए हैं. जो थाने में पड़ी हुई है, लेकिन एफआईआर महज 40 पर ही हो पाई है. लेकिन FIR की शिकायत के दो महीने बाद भी पुलिस (Raipur Police) ने इन रसूखदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है. जिसकी वजह से रायपुर पुलिस की भूमिका संदिग्ध बनी हुई है
रायपुर दक्षिण और पश्चिम में सबसे अधिक अवैध प्लॉटिंग के केस
राजधानी रायपुर के दक्षिण और पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक अवैध प्लॉटिंग की शिकायत दर्ज की गई है. नगर निगम से बिना अनुमति लिए कबीर नगर थाना क्षेत्र, खमतराई, पुरानी बस्ती, गुढ़ियारी, डीडी नगर, टिकरापारा समेत अनेक थाना क्षेत्रों में अवैध प्लॉटिंग का खेल धड़ल्ले से चल रहा था. जब मामले का पता चला तो जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों ने ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने का सिलसिला शुरू कर दिया. शहर के अलग अलग जोन क्षेत्रों के अधिकारी ने थाने पहुंच कर शिकायत दर्ज कराई है.
किन लोगों के खिलाफ है मामला दर्ज
अवैध प्लॉटिंग के मामले में शहर के कबीर नगर थाने में राहुल शर्मा और दीपू प्रसाद के खिलाफ मामला दर्ज है. वहीं खमतराई में लक्ष्मी, कांति लाल पटेल, दमयंती बेन पटेल, संगीता, भगवती बेन पटेल, अरुण झा और मिथिलेश कुमार का नाम शामिल है. वहीं भाटागांव, सेजबहार और संतोषी नगर इलाके में सबसे ज्यादा अवैध प्लॉटिंग करने वाले भू माफिया कन्हैया साहू के खिलाफ अब तक पुलिस एफआईआर भी दर्ज नहीं कर पाई है. जबकि नगर निगम ने टिकरापारा थाने में उनके खिलाफ शिकायत भी की है. फिलहाल कन्हैया साहू शिकायत के बाद से फरार बताए जा रहे हैं.
पुलिस में की गई है शिकायत
रायपुर नगर निगम के उपायुक्त पुलक भट्टाचार्य ने बताया कि अवैध प्लॉटिंग मामले में पुलिस को कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. नियम अनुसार अवैध प्लाटिंग और अवैध निर्माण में अधिकतम 7 साल और न्यूनतम 3 साल की सजा निर्धारित है. इसके अलावा 1 लाख रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया जाता है. फिलहाल निगम ने अपनी ओर से शिकायत दर्ज कर ली है. अब आगे की कार्रवाई की जिम्मेदारी पुलिस की है.
पुलिस की भूमिका संदिग्ध !
अवैध प्लॉटिंग को लेकर रायपुर नगर निगम की ओर से की गई शिकायत और एफआईआर के बाद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इस केस में जब हमने पुलिस के आला अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो किसी ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया. करीब दो महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस ने अवैध प्लॉटिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है. कार्रवाई नहीं करने को लेकर रायपुर पुलिस की यह चुप्पी अब कई तरह के सवाल पैदा कर रही है. क्योंकि अन्य मामलों में तो पुलिस तत्काल प्रभाव से गिरफ्तारी कर लेती है. लेकिन भू माफियाओं के खिलाफ पुलिस की सुस्ती संदिग्ध हो गई है.
रायपुर में अवैध प्लॉटिंग का कारोबार धड़ल्ले से जारी, FIR के बाद अबतक नहीं हुई किसी की गिरफ्तारी
रायपुर में अवैध प्लॉटिंग (illegal plotting) का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है. नगर निगम रायपुर (Municipal Corporation Raipur) की शिकायत और एफआईआर के बाद भी इस केस में अब तक रायपुर पुलिस (Raipur Police) ने कोई कार्रवाई नहीं की है. जो कई सवाल खड़े कर रही है.
रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अवैध प्लॉटिंग ( illegal plotting business in raipur) का धंधा जोरों पर चल रहा है. इन रसूखदारों के खिलाफ रायपुर नगर निगम (Municipal Corporation Raipur) ने शहर के विभिन्न थानों में दो माह पहले लिखित शिकायत दर्ज करा रखी है. नगर निगम के तीरफ से 100 से अधिक प्रतिवेदन 32 थानों में दिए गए हैं. जो थाने में पड़ी हुई है, लेकिन एफआईआर महज 40 पर ही हो पाई है. लेकिन FIR की शिकायत के दो महीने बाद भी पुलिस (Raipur Police) ने इन रसूखदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है. जिसकी वजह से रायपुर पुलिस की भूमिका संदिग्ध बनी हुई है
रायपुर दक्षिण और पश्चिम में सबसे अधिक अवैध प्लॉटिंग के केस
राजधानी रायपुर के दक्षिण और पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक अवैध प्लॉटिंग की शिकायत दर्ज की गई है. नगर निगम से बिना अनुमति लिए कबीर नगर थाना क्षेत्र, खमतराई, पुरानी बस्ती, गुढ़ियारी, डीडी नगर, टिकरापारा समेत अनेक थाना क्षेत्रों में अवैध प्लॉटिंग का खेल धड़ल्ले से चल रहा था. जब मामले का पता चला तो जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों ने ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने का सिलसिला शुरू कर दिया. शहर के अलग अलग जोन क्षेत्रों के अधिकारी ने थाने पहुंच कर शिकायत दर्ज कराई है.
किन लोगों के खिलाफ है मामला दर्ज
अवैध प्लॉटिंग के मामले में शहर के कबीर नगर थाने में राहुल शर्मा और दीपू प्रसाद के खिलाफ मामला दर्ज है. वहीं खमतराई में लक्ष्मी, कांति लाल पटेल, दमयंती बेन पटेल, संगीता, भगवती बेन पटेल, अरुण झा और मिथिलेश कुमार का नाम शामिल है. वहीं भाटागांव, सेजबहार और संतोषी नगर इलाके में सबसे ज्यादा अवैध प्लॉटिंग करने वाले भू माफिया कन्हैया साहू के खिलाफ अब तक पुलिस एफआईआर भी दर्ज नहीं कर पाई है. जबकि नगर निगम ने टिकरापारा थाने में उनके खिलाफ शिकायत भी की है. फिलहाल कन्हैया साहू शिकायत के बाद से फरार बताए जा रहे हैं.
पुलिस में की गई है शिकायत
रायपुर नगर निगम के उपायुक्त पुलक भट्टाचार्य ने बताया कि अवैध प्लॉटिंग मामले में पुलिस को कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. नियम अनुसार अवैध प्लाटिंग और अवैध निर्माण में अधिकतम 7 साल और न्यूनतम 3 साल की सजा निर्धारित है. इसके अलावा 1 लाख रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया जाता है. फिलहाल निगम ने अपनी ओर से शिकायत दर्ज कर ली है. अब आगे की कार्रवाई की जिम्मेदारी पुलिस की है.
पुलिस की भूमिका संदिग्ध !
अवैध प्लॉटिंग को लेकर रायपुर नगर निगम की ओर से की गई शिकायत और एफआईआर के बाद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इस केस में जब हमने पुलिस के आला अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो किसी ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया. करीब दो महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस ने अवैध प्लॉटिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है. कार्रवाई नहीं करने को लेकर रायपुर पुलिस की यह चुप्पी अब कई तरह के सवाल पैदा कर रही है. क्योंकि अन्य मामलों में तो पुलिस तत्काल प्रभाव से गिरफ्तारी कर लेती है. लेकिन भू माफियाओं के खिलाफ पुलिस की सुस्ती संदिग्ध हो गई है.