रायपुर: छत्तीसगढ़ पुलिस प्रदेश को नक्सल मुक्त बनाने के लिए शहरी नेटवर्क पर प्रहार करते हुए इसे लेकर लगातार खुलासा कर रही है और धड़ाधड़ गिरफ्तारियां सामने आ रही हैं. सूत्रों की मानें तो नक्सलियों को हर साल सैकड़ों करोड़ की लेवी मिलती है, जिससे वे लगातार अपना दायरा बढ़ा रहे हैं. साथ ही संगठन को मजबूत कर रहे हैं. ऐसे में नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को तोड़ना जरूरी हो जाता है. प्रदेश में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के सत्ता में आने के बाद पुलिस ने अर्बन नेटवर्क को तोड़ने का काम किया है. नक्सली बड़े-बड़े ठेकेदारों से लेवी लेते हैं, फिर उसका उपयोग अपनी ताकत बढ़ाने में करते हैं. ऐसे में नक्सलियों के अर्बन नेटवर्क पर प्रहार से नक्सलियों की शक्ति कमजोर हो जाएगी.
कांकेर जिले में पुलिस ने एक के बाद एक कई गिरफ्तारियां की हैं. जिसमें ऐसे लोग सामने आए हैं, जिन पर आरोप है कि वे नक्सलियों के लिए शहरी क्षेत्र में रहकर मददगार की भूमिका निभा रहे थे. इनमें सबसे बड़ा नाम लैंडमार्क कंपनी के मालिक निशांत जैन का है. पुलिस ने हाल ही में 12 लोगों को गिरफ्तार किया है.
अब तक पकड़े गए आरोपी
⦁ 24 मार्च - तापस पालीत, सिकसोड इलाके से भारी मात्रा में नक्सली सामान ने साथ गिरफ्तार.
⦁ 24 अप्रैल- अजय जैन, कोमल प्रसाद, रोहित नाग, सुशील शर्मा, सुरेश शरणागत, दयाशंकर मिश्रा.
⦁ 5 मई -टोनी भदौरिया.
⦁ 7 मई -राजेन्द्र सलाम, मुकेश सलाम.
⦁ 12 मई- अरुण ठाकुर.
⦁ बिलासपुर से लैंडमार्क कंपनी के मालिक निशांत कुमार जैन
नक्सल मामलों के जानकार बताते हैं कि बस्तर समेत पूरे रेड कॉरीडोर में सड़क निर्माण समेत कोई भी ठेका लेने वाले से नक्सली लेवी वसूलते हैं. इसकी रकम भी अलग-अलग समय में सैकड़ों करोड़ तक बताई जाती है. लैंडमार्क कंपनी के मालिक निशांत जैन बिलासपुर के रहने वाले हैं. जिस पर नक्सलियों को नकदी के अलावा जूता, वर्दी, वायरलेस, बिजली के तार जैसे सामान बड़े पैमाने पर सप्लाई करने का आरोप है. नक्सलियों का शहरी नेटवर्क उन्हें हथियार, दवाई और जरूरी सामान मुहैया कराने के अलावा कई तरह का सहयोग पहुंचाता है.
ऐसे में ये गिरफ्तारियां इनके सप्लाई चेन को प्रभावित करने में कारगर मानी जा रही हैं. नक्सलियों के अर्बन नेटवर्क पर कार्रवाई से सुरक्षाबलों और पुलिस को नक्सल समस्या को खत्म करने में अहम मदद मिल सकेगी. अब देखने वाली बात होगी कि क्या सरकार इन कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करती है. इनके पास जो करोडों के ठेके हैं उनका क्या होगा.