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नव संकल्प चिंतन शिविर का छत्तीसगढ़ में पड़ेगा असर, जानिए क्यों हैं राष्ट्रीय नेतृत्व छत्तीसगढ़ मॉडल से खुश ?

'नव संकल्प चिंतिन शिविर' को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता उदयपुर में इकट्ठा हुए थे. इस चिंतन शिविर में पार्टी ने कई मुद्दों पर खुलकर चर्चा की है. जिसका असर आगामी दिनों में प्रदेश की राजनीति पर भी (Nav Sankalp Chintan Shivir impact in Chhattisgarh ) पड़ेगा.

नव संकल्प चिंतन शिविर का छत्तीसगढ़ में पड़ेगा असर
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Published : May 16, 2022, 11:56 AM IST

Updated : May 18, 2022, 8:03 PM IST

रायपुर : राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस का तीन दिवसीय नव संकल्प चिंतन शिविर का रविवार को समापन हुआ. इन तीन दिनों में कांग्रेस ने पार्टी को मजबूत करने की रणनीति बनाई. कई महत्वपूर्ण सुझावों पर विचार किया गया है. इसके अलावा पार्टी ने आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. इन सारी बातों का खाका 'नव संकल्प चिंतन शिविर' में तैयार किया गया.

नव संकल्प शिविर का आयोजन क्यों : चिंतन शिविर में लिए गए निर्णय का छत्तीसगढ़ की राजनीति में काफी असर दिखने वाला है. ईटीवी भारत ने चिंतन शिविर और छत्तीसगढ़ पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर वरिष्ठ पत्रकार रामावतार तिवारी से चर्चा की. तिवारी ने बताया ''चिंतन शिविर के माध्यम से कांग्रेस को जनता के करीब जाने, उनकी भावनाओं को समझने, उनकी समस्याओं को लेकर संघर्ष करने के साथ अपनी खुद की पार्टी और संगठन को खड़ा करने के लिए अवलोकन करने का मौका मिला है. अब देखने वाली बात है कि एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी इस देश को संवारने के लिए किस तरह से रणनीति बनाती है.''

राज्यों में गढ़ बचाना चुनौती : कांग्रेस तीन चार राज्यों तक सिमट गई है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस का गढ़ रहा है. इस गढ़ को बचाना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है. छत्तीसगढ़ सरकार के कृषि नीति की प्रशंसा चिंतन शिविर में की गई है. चिंतन शिविर में यह बात हुई है कि कैसे कांग्रेस ने किसानों के धान का समर्थन मूल्य, उनके वनोपज का समर्थन मूल्य, किसानों को उनका वाजिब हक देने का निर्णय लिया है. इसी तरह का प्रयास देश भर में करने की बात हुई. छत्तीसगढ़ की योजनाओं को अब राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किया गया है. खासकर कृषि नीति, वनवासियों की नीति और ग्रामीण परिवेश में किस तरह से रोजगार दिए गए. नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी ने कैसे छत्तीसगढ़ में क्रांति लाई. ये सारी बातें चिंतन शिविर में रखी (Discussion of Chhattisgarh model in Nav Sankalp Chintan Shivir) गई. छत्तीसगढ़ की नीतियों की राहुल, प्रियंका और सोनिया गांधी ने तारीफ की है.

नव संकल्प चिंतन शिविर का छत्तीसगढ़ में पड़ेगा असर

परिवारवाद पर भी हुई चर्चा : केंद्र में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पर अब तक परिवारवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं . ऐसे में नई युवा पीढ़ी को मौका नहीं मिलने की शिकायतें जमीनी स्तर पर है. इसे देखते हुए एक परिवार से एक टिकट देने का निर्णय लिया गया है. हर बार विपक्ष के पास परिवारवाद एक प्रमुख मुद्दा होता है. इस मुद्दे को कमजोर करने के लिए कांग्रेस ने ये कदम उठाया है.

हिंदुत्व का मुद्दा अब कांग्रेस नें शामिल : बीजेपी अब तक हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर आगे बढ़ती रही है. अब इस मुद्दे की ओर कांग्रेस भी कदम बढ़ा रही है. वोटर इस मुद्दे की ओर प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस इस मुद्दे को लंबे समय तक दरकिनार नहीं कर सकती. मुख्यधारा में आने के लिए कांग्रेस ने हिंदुत्व की बात को स्वीकार किया है. छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel in Nav Sankalp Chintan Shivir) हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर उल्टा बीजेपी को घेरते रहे हैं. यहां भगवान राम सहित अन्य धार्मिक मामलों पर लगातार भूपेश बघेल बीजेपी पर हावी हैं. अब राष्ट्रीय नेतृत्व ने भी हिंदुत्व को अपनी रणनीति में शामिल करने का फैसला किया है.

ये भी पढ़ें - उदयपुर कांग्रेस नव संकल्प चिंतन शिविर में मिले बघेल और सिंहदेव, जय और वीरू में क्या बात हुई ?


आगामी चुनाव को लेकर बनी है बड़ी रणनीति : राजस्थान के उदयपुर में रविवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक 'नव संकल्प चिंतन शिविर' के मंथन सत्र के दौरान हुई. कांग्रेस कार्यसमिति ने राजनीतिक मामलों के पैनल के भीतर चर्चा के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से संबंधित मुद्दों पर मशीनों के हैक होने की संभावना के बारे में सवाल उठे हैं. हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार पर भी विचार-विमर्श किया गया. 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए रोडमैप तैयार करने के लिए आगे की रणनीतियों पर चर्चा की गई.

रायपुर : राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस का तीन दिवसीय नव संकल्प चिंतन शिविर का रविवार को समापन हुआ. इन तीन दिनों में कांग्रेस ने पार्टी को मजबूत करने की रणनीति बनाई. कई महत्वपूर्ण सुझावों पर विचार किया गया है. इसके अलावा पार्टी ने आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. इन सारी बातों का खाका 'नव संकल्प चिंतन शिविर' में तैयार किया गया.

नव संकल्प शिविर का आयोजन क्यों : चिंतन शिविर में लिए गए निर्णय का छत्तीसगढ़ की राजनीति में काफी असर दिखने वाला है. ईटीवी भारत ने चिंतन शिविर और छत्तीसगढ़ पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर वरिष्ठ पत्रकार रामावतार तिवारी से चर्चा की. तिवारी ने बताया ''चिंतन शिविर के माध्यम से कांग्रेस को जनता के करीब जाने, उनकी भावनाओं को समझने, उनकी समस्याओं को लेकर संघर्ष करने के साथ अपनी खुद की पार्टी और संगठन को खड़ा करने के लिए अवलोकन करने का मौका मिला है. अब देखने वाली बात है कि एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी इस देश को संवारने के लिए किस तरह से रणनीति बनाती है.''

राज्यों में गढ़ बचाना चुनौती : कांग्रेस तीन चार राज्यों तक सिमट गई है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस का गढ़ रहा है. इस गढ़ को बचाना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है. छत्तीसगढ़ सरकार के कृषि नीति की प्रशंसा चिंतन शिविर में की गई है. चिंतन शिविर में यह बात हुई है कि कैसे कांग्रेस ने किसानों के धान का समर्थन मूल्य, उनके वनोपज का समर्थन मूल्य, किसानों को उनका वाजिब हक देने का निर्णय लिया है. इसी तरह का प्रयास देश भर में करने की बात हुई. छत्तीसगढ़ की योजनाओं को अब राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किया गया है. खासकर कृषि नीति, वनवासियों की नीति और ग्रामीण परिवेश में किस तरह से रोजगार दिए गए. नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी ने कैसे छत्तीसगढ़ में क्रांति लाई. ये सारी बातें चिंतन शिविर में रखी (Discussion of Chhattisgarh model in Nav Sankalp Chintan Shivir) गई. छत्तीसगढ़ की नीतियों की राहुल, प्रियंका और सोनिया गांधी ने तारीफ की है.

नव संकल्प चिंतन शिविर का छत्तीसगढ़ में पड़ेगा असर

परिवारवाद पर भी हुई चर्चा : केंद्र में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पर अब तक परिवारवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं . ऐसे में नई युवा पीढ़ी को मौका नहीं मिलने की शिकायतें जमीनी स्तर पर है. इसे देखते हुए एक परिवार से एक टिकट देने का निर्णय लिया गया है. हर बार विपक्ष के पास परिवारवाद एक प्रमुख मुद्दा होता है. इस मुद्दे को कमजोर करने के लिए कांग्रेस ने ये कदम उठाया है.

हिंदुत्व का मुद्दा अब कांग्रेस नें शामिल : बीजेपी अब तक हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर आगे बढ़ती रही है. अब इस मुद्दे की ओर कांग्रेस भी कदम बढ़ा रही है. वोटर इस मुद्दे की ओर प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस इस मुद्दे को लंबे समय तक दरकिनार नहीं कर सकती. मुख्यधारा में आने के लिए कांग्रेस ने हिंदुत्व की बात को स्वीकार किया है. छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel in Nav Sankalp Chintan Shivir) हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर उल्टा बीजेपी को घेरते रहे हैं. यहां भगवान राम सहित अन्य धार्मिक मामलों पर लगातार भूपेश बघेल बीजेपी पर हावी हैं. अब राष्ट्रीय नेतृत्व ने भी हिंदुत्व को अपनी रणनीति में शामिल करने का फैसला किया है.

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आगामी चुनाव को लेकर बनी है बड़ी रणनीति : राजस्थान के उदयपुर में रविवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक 'नव संकल्प चिंतन शिविर' के मंथन सत्र के दौरान हुई. कांग्रेस कार्यसमिति ने राजनीतिक मामलों के पैनल के भीतर चर्चा के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से संबंधित मुद्दों पर मशीनों के हैक होने की संभावना के बारे में सवाल उठे हैं. हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार पर भी विचार-विमर्श किया गया. 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए रोडमैप तैयार करने के लिए आगे की रणनीतियों पर चर्चा की गई.

Last Updated : May 18, 2022, 8:03 PM IST

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