कोरबा: छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री और वर्तमान में रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने जोगी के जाति विवाद पर तीखा बयान दिया है. ननकी शुरू से ही अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं, इस बार ननकी जोगी परिवार पर बरस पड़े हैं. उनके अनुसार अजीत जोगी के पिता शेड्यूल ट्राइब यानि आदिवासी नहीं थे, बल्कि शेड्यूल कास्ट से आते थे, इसलिए उनका जाति प्रमाण पत्र अजीत जोगी के जीवित रहते ही निरस्त किया जाना चाहिए था. अमित और ऋचा के नामांकन को निरस्त किए जाने के निर्णय को ननकी ने सही ठहराया है.
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ननकी ने कहा कि यह काम अजीत जोगी के जीवित रहते ही किया जाना चाहिए था. पूर्व में प्रमाण पत्र की जांच सही तरीके से नहीं की गई थी, जिसकी वजह से इतना वक्त लगा. आदिवासी समाज लगातार इस बात की मांग करता रहा है कि असली आदिवासियों को ही उनके लिए तय रियायतों का लाभ मिले. यह मांग विश्व आदिवासी समाज के सम्मेलन और कार्यक्रमों में उठती रही है. आदिवासियों के हितों पर नकली आदिवासी नौकरी से लेकर राजनीति तक लाभ लेते रहे हैं, यह अब बंद हो जाना चाहिए.
अजीत जोगी आदिवासी वर्ग से नहीं
ननकी ने यह भी कहा कि पूर्व में वह अजीत जोगी के गांव के चुनाव प्रभारी रह चुके हैं. दौरा करने वे वहां नियमित तौर पर जाते रहते थे, इसलिए उन्हें इस बात की भलीभांति जानकारी है कि जोगी के पिता शेड्यूल कास्ट थे, लेकिन यह मामला हाईकोर्ट और विभिन्न समितियों में जांच के अधीन था, इसलिए वह इतने दिनों तक चुप बैठे थे. वह इस बात से भलीभांति परिचित थे कि अजीत जोगी आदिवासी वर्ग से नहीं आते.
आसान नहीं होगा मरवाही चुनाव
अमित और ऋचा जोगी के नामांकन निरस्त होने के बाद भी मरवाही चुनाव बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा. ननकीराम कंवर ने कहा है कि भले ही जोगी परिवार अब मरवाही चुनाव का हिस्सा नहीं है, लेकिन बीजेपी के लिए राह अब भी आसान नहीं है.