रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने सोमवार को शहरों में लोगों को लेआउट पास कराने में आ रही दिक्कत को सुलझाने के लिए बड़ा फैसला लिया है. अब लेआउट पास कराने के अधिकार नगर निगमों को दिए गए हैं. पहले लेआउट पास कराने के लिए नगर निगम और नगर और ग्राम निवेश विभाग (Town and Country Investment Department) से अनुमोदन लेना पड़ता था. इस नये फैसले से लोगों को एक ही छत की नीचे लेआउट अनुमोदन की सुविधा मिलेगी. बीते दिनों सीएम भूपेश बघेल ने नगर निगमों को लेआउट के अधिकार देने की घोषणा की थी. जिस पर आवास एवं पर्यावरण विभाग ने अमल करते हुए नगर निगमों को लेआउट पास कराने का अधिकार देने के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी. (Municipal corporations of Chhattisgarh got right to give layout )
13 नगर निगमों में पास होगा लेआउट: अधिसूचना के अनुसार प्रदेश के 9 जिलों के 13 नगर पालिका निगमों रायपुर, बीरगांव, दुर्ग, भिलाई, चरौदा, रिसाली, राजनांदगांव, रायगढ़, जगदलपुर, अम्बिकापुर, बिलासपुर, कोरबा और धमतरी के आयुक्तों को नगर और ग्राम निवेश विभाग द्वारा उनकी सीमा के अंतर्गत शर्तो के साथ लेआउट पास करने के अधिकार दिए गए हैं.
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निगम में टाउन प्लानर की नियुक्ति अनिवार्य: अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि लेआउट के अनुमोदन का काम तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ साथ मास्टर प्लान के क्रियान्वयन का महत्वपूर्ण अंग होगा. प्रत्यायोजित धाराओं का उपयोग छत्तीसगढ़ नगर और ग्राम निवेश के प्रथम और द्वितीय श्रेणी अधिकारियों के लिए निर्धारित शैक्षणिक अर्हता को धारण करने वाले अधिकारियों को ही प्रत्योजित अधिकार के अंतर्गत काम पूरा करने का दायित्व सौंपा जा सकेगा. संबंधित नगर निगमों को लेआउट अनुमोदन के लिए अनिवार्य रूप से टाउन प्लानर की नियुक्ति करनी होगी.
टाउन प्लानिंग की ये रहेगी ड्यूटी: इसी प्रकार विकास अनुज्ञा के अनुमोदन के एक माह के भीतर पूरे लेआउट संबंधित जिले के नगर और ग्राम निवेश विभाग के अधिकारियों से कार्योत्तर स्वीकृति लेनी होगी. स्वीकृत की जाने वाली विकास अनुज्ञाओं को टाउन प्लानिंग के वेबसाइट में अपलोड करने के साथ-साथ स्वीकृत अनुज्ञाओं की कॉपी भी जमा कराना होगा. स्वीकृत अनुज्ञाओं के भौतिक परीक्षण और पुनर्विलोकन का अधिकार नगर तथा ग्राम निवेश के अधिकारियों के पास होगा. छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम छत्तीसगढ़ भूमि विकास अधिनियम, छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश नियम एवं विकास योजना के मापदण्डों के उल्लंघन या अतिक्रमण के लिए संबंधित नगर पालिक निगम जिम्मेदार होंगे.