ETV Bharat / city

chhattisgarh assembly budget session 2022 : मंत्री डॉ. प्रेमसाय टेकाम के विभाग के लिए 38,231 करोड़ रुपए से अधिक की अनुदान मांगें पारित

छत्तीसगढ़ विधानसभा में स्कूल शिक्षा, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास और सहकारिता विभाग के लिए अनुदान मांगें पारित हुई. मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम के विभागों के लिए 38 हजार 231 करोड़ 65 लाख 55 हजार रुपए की अनुदान मांगे सर्व सम्मति से पारित हुईं.

मंत्री डॉ. प्रेमसाय टेकाम के विभाग के लिए 38,231 करोड़ रूपए से अधिक की अनुदान मांगें पारित
author img

By

Published : Mar 16, 2022, 1:05 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा (cg assembly ) में आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास, स्कूल शिक्षा और सहकारिता विभाग के मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ( Minister Dr. Premsai Tekam) द्वारा प्रस्तुत वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु 38 हजार 231 करोड़ 65 लाख 55 हजार रूपए की अनुदान मांगे सर्व सम्मति से पारित की गई.इनमें आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के लिए 32341 करोड़ 55 लाख 74 हजार रूपए, स्कूल शिक्षा विभाग के लिए 5632 करोड़ 50 लाख 90 हजार रूपए और सहकारिता विभाग के लिए 257 करोड़ 58 लाख 91 हजार रूपए की राशि शामिल हैं.अनुदान मांगों की चर्चा में विधायक नारायण चंदेल, शैलेष पाण्डेय, डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी, संगीता सिन्हा, अजय चन्द्राकर, केशव चन्द्रा और पुन्नूलाल मोहले ने भाग लिया. मंत्री डॉ. टेकाम ने अनुदान मांगों पर चर्चा में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सदस्यों द्वारा जो बहुमूल्य सुझाव दिए गए हैं उन्हें विभागों की योजनाओं के क्रियान्वयन में शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि विगत दो वर्षों में शासकीय स्कूलों में 80 हजार से अधिक दर्ज संख्या बढ़ी (The number registered in government schools increased by more than 80 thousand)है. आवश्यकता के आधार पर नवीन भवन स्वीकृत किए जा रहे हैं. साथ ही पुराने भवन की मरम्मत भी कराई जा रही है.

अधोसंरचना विकास के लिए 289 करोड़ 22 लाख रूपए

अधोसंचना विकास के लिए बजट में 289 करोड़ 22 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है. मंत्री डॉ. टेकाम ने बताया कि राज्य में छात्र, शिक्षक अनुपात 1:21 है, जो अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है. शिक्षकों को शिक्षकविहीन एवं कमी वाले स्कूलों में पदांकित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 14580 शिक्षकों की सीधी भर्ती हेतु विज्ञापन(Advertisement for direct recruitment of 14580 teachers) जारी किया था, जिसके विरूद्ध अब तक 2548 व्याख्याता, 2814 शिक्षक तथा 2209 सहायक शिक्षक मिलाकर कुल 7571 शिक्षकों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है. आगामी शिक्षक सत्र के पूर्व शेष पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी. मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि अंग्रेजी भाषा की वैश्विक मान्यता को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय(Swami Atmanand English Medium School) प्रारंभ करने का निर्णय लिया. सरकार चाहती है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में छत्तीसगढ़ के बच्चे हिस्सा लेकर कामयाब हो. इस उद्देश्य के साथ वर्तमान में अंग्रेजी माध्यम के 171 शासकीय स्कूल संचालित हैं. बच्चों के शिक्षण के लिए इन विद्यालयों में उत्कृष्ट शिक्षकों का चयन किया गया है.

महतारी दुलार योजना के सहारे बच्चों का गढ़ा जा रहा भविष्य

शासन ने छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना के अंतर्गत कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए 512 बच्चों को अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में प्रवेश दिया गया है. सत्र 2022-23 में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के समान 32 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय(32 Swami Atmanand Excellent Hindi Medium School) खोले जाएंगे. डॉ. टेकाम ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवा रायपुर छत्तीसगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बोर्डिंग स्कूल खोलने का दूरगामी परिणाम देने वाला निर्णय लिया है. इस विद्यालय में एक हजार छात्र-छात्राएं अध्ययन कर सकेंगे. विद्यालय संचालन के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ उत्कृष्ट विद्यालय सोसायटी का गठन किया गया है. इस विद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पढ़ने-पढ़ाने की सुविधा उपलब्ध होगी.मंत्री डॉ. टेकाम ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने मृतक शासकीय कर्मचारियों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए अनुकम्पा नियुक्ति के लिए 10 प्रतिशत की सीमा को शिथिल किया गया है. इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने तत्परता का परिचय देते हुए 1722 लोगों को सहायक शिक्षक, सहायक ग्रेड एवं भृत्य के पदों पर अनुकम्पा नियुक्ति दी है.

ये भी पढ़ें-छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र की 10 वें दिन की कार्यवाही

घोषणा पत्र के वादों को पहनाया जा रहा अमली जामा

दो वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले 35 हजार से अधिक शिक्षक संवर्ग(merger of more than 35 thousand teacher cadre) (पंचायत एवं नगरीय निकाय) का भी शिक्षा विभाग में संविलयन कर दिया गया है. कक्षा 8वीं में अध्ययनरत छात्रों को जिनका भविष्य अनिश्चित था, उनको दिशा प्रदान करते हुए कक्षा 12वीं तक लागू किया गया है. वर्ष 2021-22 से निजी स्कूलों में शुल्क की प्रतिपूर्ति भी ऑनलाईन की जा रही है. वहीं वन अधिकार अधिनियम अंतर्गत राज्य में 4 लाख 45 हजार से अधिक हितग्राहियों को व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र (Personal forest rights letter to more than 4 lakh 45 thousand beneficiaries) तथा 45 हजार 700 से अधिक हितग्राहियों को सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित किए जा चुके हैं. वन अधिकार अधिनियम के तहत सामुदायिक वन संसाधन अधिकार ग्राम सभाओं को दिया जाएगा. अब तक प्रदेश में 3615 ग्राम सभाओं को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार 14,63,739 हेक्टेयर वन भूमि पर मान्य किया गया है. धमतरी के जबर्रा ग्राम से इसकी शुरूआत की गई. जबर्रा को 5352 हेक्टेयर वन भूमि पर सामुदायिक वन संसाधन अधिकार की मान्यता दी गई है. जो देश में किसी एक गांव की मान्य किए जाने वाला सर्वाधिक क्षेत्र है.

स्थानीय लोगों को नौकरी में प्राथमिकता

बस्तर एवं सरगुजा संभाग के स्थानीय निवासियों को जिला संवर्ग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों में(Recruitment of local residents in the posts of class III and IV of the district cadre) उपलब्ध रिक्तियों पर नियुक्ति दी जा रही है. इसमें जिला कोरबा एवं गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही को भी सम्मिलित कर लिया गया है. सरकार विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूहों के युवकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए विशेष प्रयास कर रही है. आरक्षित स्थान से 20 प्रतिशत तक विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को जिला संवर्ग में नियुक्ति देने का प्रावधान किया गया है. इसके तहत 2011 व्यक्तियों को तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर शासकीय सेवा में नियुक्ति दी गई है. वर्ष 2022-23 में चारों प्राधिकरणों के लिए 161 करोड़ रूपए का प्रावधान बजट में किया गया है. इनमें बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के लिए 55.50 करोड़, सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण हेतु 35.50 करोड़, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण हेतु 34 करोड़ और अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण हेतु 36 करोड़ रूपए का प्रावधान शामिल है.

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा (cg assembly ) में आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास, स्कूल शिक्षा और सहकारिता विभाग के मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ( Minister Dr. Premsai Tekam) द्वारा प्रस्तुत वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु 38 हजार 231 करोड़ 65 लाख 55 हजार रूपए की अनुदान मांगे सर्व सम्मति से पारित की गई.इनमें आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के लिए 32341 करोड़ 55 लाख 74 हजार रूपए, स्कूल शिक्षा विभाग के लिए 5632 करोड़ 50 लाख 90 हजार रूपए और सहकारिता विभाग के लिए 257 करोड़ 58 लाख 91 हजार रूपए की राशि शामिल हैं.अनुदान मांगों की चर्चा में विधायक नारायण चंदेल, शैलेष पाण्डेय, डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी, संगीता सिन्हा, अजय चन्द्राकर, केशव चन्द्रा और पुन्नूलाल मोहले ने भाग लिया. मंत्री डॉ. टेकाम ने अनुदान मांगों पर चर्चा में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सदस्यों द्वारा जो बहुमूल्य सुझाव दिए गए हैं उन्हें विभागों की योजनाओं के क्रियान्वयन में शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि विगत दो वर्षों में शासकीय स्कूलों में 80 हजार से अधिक दर्ज संख्या बढ़ी (The number registered in government schools increased by more than 80 thousand)है. आवश्यकता के आधार पर नवीन भवन स्वीकृत किए जा रहे हैं. साथ ही पुराने भवन की मरम्मत भी कराई जा रही है.

अधोसंरचना विकास के लिए 289 करोड़ 22 लाख रूपए

अधोसंचना विकास के लिए बजट में 289 करोड़ 22 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है. मंत्री डॉ. टेकाम ने बताया कि राज्य में छात्र, शिक्षक अनुपात 1:21 है, जो अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है. शिक्षकों को शिक्षकविहीन एवं कमी वाले स्कूलों में पदांकित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 14580 शिक्षकों की सीधी भर्ती हेतु विज्ञापन(Advertisement for direct recruitment of 14580 teachers) जारी किया था, जिसके विरूद्ध अब तक 2548 व्याख्याता, 2814 शिक्षक तथा 2209 सहायक शिक्षक मिलाकर कुल 7571 शिक्षकों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है. आगामी शिक्षक सत्र के पूर्व शेष पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी. मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि अंग्रेजी भाषा की वैश्विक मान्यता को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय(Swami Atmanand English Medium School) प्रारंभ करने का निर्णय लिया. सरकार चाहती है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में छत्तीसगढ़ के बच्चे हिस्सा लेकर कामयाब हो. इस उद्देश्य के साथ वर्तमान में अंग्रेजी माध्यम के 171 शासकीय स्कूल संचालित हैं. बच्चों के शिक्षण के लिए इन विद्यालयों में उत्कृष्ट शिक्षकों का चयन किया गया है.

महतारी दुलार योजना के सहारे बच्चों का गढ़ा जा रहा भविष्य

शासन ने छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना के अंतर्गत कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए 512 बच्चों को अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में प्रवेश दिया गया है. सत्र 2022-23 में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के समान 32 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय(32 Swami Atmanand Excellent Hindi Medium School) खोले जाएंगे. डॉ. टेकाम ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवा रायपुर छत्तीसगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बोर्डिंग स्कूल खोलने का दूरगामी परिणाम देने वाला निर्णय लिया है. इस विद्यालय में एक हजार छात्र-छात्राएं अध्ययन कर सकेंगे. विद्यालय संचालन के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ उत्कृष्ट विद्यालय सोसायटी का गठन किया गया है. इस विद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पढ़ने-पढ़ाने की सुविधा उपलब्ध होगी.मंत्री डॉ. टेकाम ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने मृतक शासकीय कर्मचारियों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए अनुकम्पा नियुक्ति के लिए 10 प्रतिशत की सीमा को शिथिल किया गया है. इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने तत्परता का परिचय देते हुए 1722 लोगों को सहायक शिक्षक, सहायक ग्रेड एवं भृत्य के पदों पर अनुकम्पा नियुक्ति दी है.

ये भी पढ़ें-छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र की 10 वें दिन की कार्यवाही

घोषणा पत्र के वादों को पहनाया जा रहा अमली जामा

दो वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले 35 हजार से अधिक शिक्षक संवर्ग(merger of more than 35 thousand teacher cadre) (पंचायत एवं नगरीय निकाय) का भी शिक्षा विभाग में संविलयन कर दिया गया है. कक्षा 8वीं में अध्ययनरत छात्रों को जिनका भविष्य अनिश्चित था, उनको दिशा प्रदान करते हुए कक्षा 12वीं तक लागू किया गया है. वर्ष 2021-22 से निजी स्कूलों में शुल्क की प्रतिपूर्ति भी ऑनलाईन की जा रही है. वहीं वन अधिकार अधिनियम अंतर्गत राज्य में 4 लाख 45 हजार से अधिक हितग्राहियों को व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र (Personal forest rights letter to more than 4 lakh 45 thousand beneficiaries) तथा 45 हजार 700 से अधिक हितग्राहियों को सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित किए जा चुके हैं. वन अधिकार अधिनियम के तहत सामुदायिक वन संसाधन अधिकार ग्राम सभाओं को दिया जाएगा. अब तक प्रदेश में 3615 ग्राम सभाओं को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार 14,63,739 हेक्टेयर वन भूमि पर मान्य किया गया है. धमतरी के जबर्रा ग्राम से इसकी शुरूआत की गई. जबर्रा को 5352 हेक्टेयर वन भूमि पर सामुदायिक वन संसाधन अधिकार की मान्यता दी गई है. जो देश में किसी एक गांव की मान्य किए जाने वाला सर्वाधिक क्षेत्र है.

स्थानीय लोगों को नौकरी में प्राथमिकता

बस्तर एवं सरगुजा संभाग के स्थानीय निवासियों को जिला संवर्ग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों में(Recruitment of local residents in the posts of class III and IV of the district cadre) उपलब्ध रिक्तियों पर नियुक्ति दी जा रही है. इसमें जिला कोरबा एवं गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही को भी सम्मिलित कर लिया गया है. सरकार विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूहों के युवकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए विशेष प्रयास कर रही है. आरक्षित स्थान से 20 प्रतिशत तक विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को जिला संवर्ग में नियुक्ति देने का प्रावधान किया गया है. इसके तहत 2011 व्यक्तियों को तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर शासकीय सेवा में नियुक्ति दी गई है. वर्ष 2022-23 में चारों प्राधिकरणों के लिए 161 करोड़ रूपए का प्रावधान बजट में किया गया है. इनमें बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के लिए 55.50 करोड़, सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण हेतु 35.50 करोड़, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण हेतु 34 करोड़ और अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण हेतु 36 करोड़ रूपए का प्रावधान शामिल है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.