रायपुर: रविवार को मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा (Margsirsha Purnima December 2021) पड़ रही है. सभी पूर्णिमा में मार्गशीर्ष पूर्णिमा का विशेष महत्व (Significance of Margashirsha Purnima) है. इस शुभ दिन स्नान, ध्यान और दान इन तीनों का विशेष है. इस दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान ध्यान करके भगवान श्री विष्णु की पूजा करनी चाहिए. इस शुभ दिन गीता के श्लोकों का पाठ करना, विष्णु आराधना, विष्णु सहस्त्रनाम, विष्णु चालीसा, राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करना शुभ माना गया है, यह पूर्णिमा पुंसवन, सीमन्त सूति स्नान, प्रवाल धारण आदि के लिए विशेष मायने रखती है.
चंद्रमा में अमृत का प्रभाव
ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि 'इस पूर्णिमा में मृगशिरा नक्षत्र शुभ योग और सौम्य योग बालव करण का सुंदर संयोग बन रहा है. शुक्र वक्रीय हो रहे हैं. इस दिन किया गया पुण्य कार्य 32 गुना अधिक फल देता है. आज के दिन ऐसी मान्यता है कि चंद्रमा को अमृत से सींचा गया था. जिसकी वजह से चंद्रमा में अमृत का प्रभाव रहता है. चंद्रमा की किरणों में अनेक अमृत के तत्व समाहित रहते हैं. जो जीवन को गति ऊर्जा और बल प्रदान करते हैं.
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शुभ कार्यों के लिए पवित्र मुहूर्त
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन संतान का जन्म होना शुभ माना गया है. पूर्णिमा पक्ष बहुत ही पवित्रता लिए हुए होती है. मार्गशीर्ष शुक्ल पूर्णिमा श्री हरि विष्णु की पूजा आराधना के लिए उत्तम है. इस दिन श्री विष्णु भगवान की स्तुति प्रार्थना और जाप किया जाता है. विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ (reciting Vishnu Sahasranama) करना और और विष्णु जी के 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' इस मंत्र का पाठ करना और विष्णु गायत्री मंत्र का जाप विशेष सिद्ध लिए होता है. चंद्रमा मिथुन राशि में रहेगा और सूर्य धनु राशि में विद्यमान रहेंगे. यह मुहूर्त शुभ कार्यों के लिए पवित्र माना गया है'.