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Makar Sankranti 2022: राशि अनुसार मकर संक्रांति पर इन चीजों का करें दान - छत्तीसगढ़ की बड़ी खबर

daan and snan in Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति का पुण्य काल 14 जनवरी दोपहर 2:28 से शाम 5:39 बजे तक रहेगा. सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं.

Makar Sankranti 2022
मकर संक्रांति 2022
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Published : Jan 14, 2022, 8:53 AM IST

Updated : Jan 14, 2022, 4:27 PM IST

रायपुर: रोहिणी नक्षत्र बव और बालव करण के मंगलकारी योग में पौष शुक्ल पक्ष द्वादशी को मकर संक्रांति का पर्व (Makar Sankranti 2022 )मनाया जा रहा है. इस शुभ दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए उनकी राशि मकर में जाते हैं. इसलिए इसे मकर संक्रांति, उत्तरायण, पोंगल, तिल संक्रांति, शिशिर ऋतु प्रवृत्ति आदि नामों से जाना जाता है. आसाम में इसे बिहू के नाम से मनाया जाता है.

मकर संक्रांति 2022

आज के शुभ दिन से उत्तरायण पक्ष चालू (Uttarayan Paksha start)हो जाता है. यह बहुत ही शुभ माना जाता है. महाभारत काल में इच्छा मृत्यु के धनी भीष्म पितामह ने उत्तरायण के समय मृत्यु को आलिंगन करने का निर्णय लिया था. उत्तरायण काल महापरायण मोक्ष और सभी तरह के शुभ कार्यों के लिए पवित्र माना जाता है.

मकर संक्रांति से लेकर अगले 6 महीने तक उत्तरायण काल रहेगा. इस दिन से विवाह, मांगलिक कार्य, शुभ कार्य जैसे गृह निर्माण, सगाई, सोलह संस्कार शुरू हो जाते हैं. ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि 'मकर संक्रांति का पुण्य काल 14 जनवरी दोपहर 2:28 से शाम 5:39 बजे तक रहेगा. सूर्य का आगमन मकर राशि में दोपहर 2:28 बजे मकर राशि में होगा. यह मकर संक्रांति चंद्रमा के उच्च प्रभाव में मनाई जा रही है.

Makar Sankranti 2022: जानें, मकर संक्रांति पर कैसे बनाते हैं तिल्ली के लड्डू

मकर संक्राति का बाघ में आगमन

इस मकर संक्रांति का आगमन बाघ वाहन में हो रहा है. इसका उप वाहन अश्व है. हाथों में गजा रुपी शस्त्र से सुसज्जित होकर मकर संक्रांति आ रही है. इस पवित्र पर्व पर दान, स्नान उपासना का विशेष महत्व है. आज के शुभ दिन गंगा में स्नान करने का विशेष महत्व माना गया है. इस दिन तिल का तेल, कंबल, उड़द की दाल, खिचड़ी, लड्डू, तिल और गुड़ का लड्डू पापड़ी को दान करना शुभ माना गया है. कई लोग काला छाता, काला कंबल भी दान करते हैं.नई चीजों का दान किया जाना चाहिए. इस दिन पवित्र दिन गंगा, गोदावरी, यमुना, कावेरी में स्नान करने का विशेष महत्व है.

मकर संक्रांति का पर्व उत्तर से लेकर दक्षिण पूर्व से लेकर पश्चिम तक पूरे भारत में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है. यह पर्व ऋतु परिवर्तन का है. अतः यज्ञ करना अच्छा फल देता है. आज के शुभ दिन यज्ञ भी करना चाहिए.

राशि अनुसार मकर संक्रांति पर दान (daan on Makar Sankranti according to zodiac)

मेष, सिंह, धनु तिल का दान करें

वृषभ, मकर, कन्या नई चीजों का दान करें

कर्क, वृश्चिक, मीन राशि वाले कंबल का दान करें

रायपुर: रोहिणी नक्षत्र बव और बालव करण के मंगलकारी योग में पौष शुक्ल पक्ष द्वादशी को मकर संक्रांति का पर्व (Makar Sankranti 2022 )मनाया जा रहा है. इस शुभ दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए उनकी राशि मकर में जाते हैं. इसलिए इसे मकर संक्रांति, उत्तरायण, पोंगल, तिल संक्रांति, शिशिर ऋतु प्रवृत्ति आदि नामों से जाना जाता है. आसाम में इसे बिहू के नाम से मनाया जाता है.

मकर संक्रांति 2022

आज के शुभ दिन से उत्तरायण पक्ष चालू (Uttarayan Paksha start)हो जाता है. यह बहुत ही शुभ माना जाता है. महाभारत काल में इच्छा मृत्यु के धनी भीष्म पितामह ने उत्तरायण के समय मृत्यु को आलिंगन करने का निर्णय लिया था. उत्तरायण काल महापरायण मोक्ष और सभी तरह के शुभ कार्यों के लिए पवित्र माना जाता है.

मकर संक्रांति से लेकर अगले 6 महीने तक उत्तरायण काल रहेगा. इस दिन से विवाह, मांगलिक कार्य, शुभ कार्य जैसे गृह निर्माण, सगाई, सोलह संस्कार शुरू हो जाते हैं. ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि 'मकर संक्रांति का पुण्य काल 14 जनवरी दोपहर 2:28 से शाम 5:39 बजे तक रहेगा. सूर्य का आगमन मकर राशि में दोपहर 2:28 बजे मकर राशि में होगा. यह मकर संक्रांति चंद्रमा के उच्च प्रभाव में मनाई जा रही है.

Makar Sankranti 2022: जानें, मकर संक्रांति पर कैसे बनाते हैं तिल्ली के लड्डू

मकर संक्राति का बाघ में आगमन

इस मकर संक्रांति का आगमन बाघ वाहन में हो रहा है. इसका उप वाहन अश्व है. हाथों में गजा रुपी शस्त्र से सुसज्जित होकर मकर संक्रांति आ रही है. इस पवित्र पर्व पर दान, स्नान उपासना का विशेष महत्व है. आज के शुभ दिन गंगा में स्नान करने का विशेष महत्व माना गया है. इस दिन तिल का तेल, कंबल, उड़द की दाल, खिचड़ी, लड्डू, तिल और गुड़ का लड्डू पापड़ी को दान करना शुभ माना गया है. कई लोग काला छाता, काला कंबल भी दान करते हैं.नई चीजों का दान किया जाना चाहिए. इस दिन पवित्र दिन गंगा, गोदावरी, यमुना, कावेरी में स्नान करने का विशेष महत्व है.

मकर संक्रांति का पर्व उत्तर से लेकर दक्षिण पूर्व से लेकर पश्चिम तक पूरे भारत में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है. यह पर्व ऋतु परिवर्तन का है. अतः यज्ञ करना अच्छा फल देता है. आज के शुभ दिन यज्ञ भी करना चाहिए.

राशि अनुसार मकर संक्रांति पर दान (daan on Makar Sankranti according to zodiac)

मेष, सिंह, धनु तिल का दान करें

वृषभ, मकर, कन्या नई चीजों का दान करें

कर्क, वृश्चिक, मीन राशि वाले कंबल का दान करें

Last Updated : Jan 14, 2022, 4:27 PM IST
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