रायपुर: शरीर को फिट रखने के लिए योग को सबसे बेहतरीन माध्यम कहा गया है. योग की खासियत ये है कि इसे किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं हालांकि ट्रेनर के मार्ग दर्शन में योग करना ज्यादा अच्छा होता है. योग गर्भावस्था के दौरान भी किया जा सकता है. गर्भावस्था के दौरान महिलाएं अगर योगा (yoga for pregnant women ) करती है तो उन्हें प्रेग्नेंसी के दौरान कई सारी परेशानियों से आराम मिलेगा. ETV भारत ने योगाचार्य शिवकुमार साहू (Yogacharya Shiv Kumar Sahu ) से बातचीत की और जाना कि गर्भवती महिलाएं किस तरह गर्भावस्था के दौरान योगा कर सकती हैं और अपने आप को स्वस्थ रख सकती है.
योगाचार्य शिव कुमार साहू ने बताया कि योगा करना सभी के लिए काफी फायदेमंद होता है. बच्चे, बुजुर्ग, महिला, पुरुष कोई भी योगा कर सकता है. योगा करने से शरीर फिट और एक्टिव रहता है. योग को सही तरीके से भी करना जरूरी है. योग को सुबह-सुबह करना चाहिए. इससे ध्यान केंद्रित करने में आसानी होती है. योगाचार्य ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को शुरुआती महीनों में शारीरिक से मानसिक स्थिति में काफी बदलाव आता है. ऐसे में योग करना उनके लिए काफी लाभदायक रहता है. गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अलग-अलग योगा करने की जरूरत होती है.
महिलाओं को गर्भावस्था के 9 महीने को दौरान योग को लेकर 3 भागों में बांटा गया है.
पहली तिमाही में महिलाओं को बहुत हल्का आसन करना चाहिए. पहली तिमाही में लूजनिंग और ब्रीथिंग एक्सरसाइज ही करनी है. जैसे नेक मूवमेंट, रिस्ट मूवमेंट, शोल्डर मूवमेंट, अंकल स्ट्रेचिंग, अंकल ट्विस्टिंग, बटरफ्लाई जैसे एक्सरसाइज ही पहले तिमाही में करनी चाहिए. इसके साथ-साथ प्राणायाम, अनुलोम विलोम, भ्रामरी प्राणायाम, डीप ब्रीथिंग करनी चाहिए.
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दूसरी तिमाही में महिलाओं को पहले तिमाही के दौरान बताए गए सारे आसन और प्राणायाम करने होते हैं. इसके अलावा कुछ और आसन भी जोड़े जाते हैं. जिसमें ताड़ासन , वृक्षासन यह दूसरी तिमाही में जोड़ा जाता है. इसके अलावा प्राणायाम में अनुलोम विलोम, भ्रामरी प्राणायाम, डीप ब्रीथिंग भी करना है.
तीसरी तिमाही में महिलाओं को पहले और दूसरे तिमाही के दौरान बताए गए सारे आसन और प्राणायाम करने होते हैं. इसके अलावा कुछ और आसन जोड़े जाते हैं. जिसमें वीरभद्रासन, ताड़ासन, वृक्षासन, पाश्र्वकोणासन यह तीसरे तिमाही में जोड़ा जाता है. इसके अलावा प्राणायाम में पहले और दूसरे तिमाही के जैसे अनुलोम विलोम, भ्रामरी प्राणायाम, डीप ब्रीथिंग भी करना है.