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बस्तर में शायद ही होगी शराबबंदी, राज्यसरकार नहीं ग्रामसभा तय करेगी : कवासी लखमा

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Published : Mar 25, 2022, 7:55 AM IST

Updated : Mar 25, 2022, 8:45 AM IST

kawasi lakhma statement regarding liquor ban: छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि 'बस्तर में शराबबंदी को लेकर ग्राम सभा का फैसला मान्य होगा. बिहार और गुजरात जाकर शराबबंदी किस तरह की गई ये जानने की कोशिश करेंगे'.

liquor ban in chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में शराबबंदी पर कवासी लखमा का बयान

रायपुर: एक तरफ कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ में शराबबंदी के दावे कर रही है तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश में शराब बिक्री के मामले में एक के बाद एक रिकॉर्ड टूट रहे हैं. जब आबकारी मंत्री कवासी लखमा से प्रदेश में शराब की बढ़ रही बिक्री और शराबबंदी को लेकर सवाल किया गया तो उनका कहना था कि 'इन पैसों से छत्तीसगढ़ में रोजगार, नौकरी के अवसर पैदा किए जा रहे हैं. जरूरतमंद लोगों को पेंशन दी जा रही है, सड़कों को बनाने का काम हो रहा है. विकास के काम हो रहे हैं. यह अच्छे काम है. ऐसे में किसी का पेट दर्द नहीं होना चाहिए. छत्तीसगढ़ की शराबनीति को पड़ोसी राज्य भी अपना रहे हैं'. इधर छत्तीसगढ़ सरकार के प्रवक्ता और कृषि मंत्री रविंद्र चौबे प्रदेश में शराब की रिकॉर्ड बिक्री का श्रेय पूर्व सीएम रमन सिंह को दे रहे हैं.

छत्तीसगढ़ में शराबबंदी पर कवासी लखमा का बयान


शराबबंदी समझने बिहार और गुजरात जाएंगे कवासी लखमा: छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर कवासी लखमा ने कहा 'प्रदेश में शराबबंदी कैसे लागू हो और किस तरह इसका मॉडल तैयार किया जाए. इस स्थिति का जायजा लेने बिहार और गुजरात जाएंगे. वहां किस तरीके से प्रशासन शराबबंदी पर काम कर रहा है. इसका अध्ययन करेंगे. इन राज्यों की पॉलिसी समझकर छत्तीसगढ़ में शराबबंदी लागू की जा सकती है. शराबबंदी होने पर इसके असर को भी समझना जरूरी होगा. जहां शराबबंदी हुई वहां बहुत से आदिवासी आज जेल में है तो हर स्थिति को ध्यान में रखते हुए काम किया जाएगा'.

रिपोर्ट में खुलासा : ड्राई स्टेट बिहार में महिलाएं खूब गटक रहीं शराब



बस्तर में ग्राम सभा तय करेगी शराबबंदी: बस्तर में शराबबंदी को लेकर कवासी लखमा ने कहा कि 'वहां शराबबंदी शायद लागू ना हो, क्योंकि आदिवासी संस्कृति में लोग दुख-सुख, त्योहार, बच्चे के जन्म जैसे मौकों पर शराब का सेवन करते हैं. वह पांचवीं अनुसूची क्षेत्र है. ऐसे में वहां जो ग्राम पंचायत चाहेगी. वहीं होगा ना कि कोई राजनीतिक दल या राज्य सरकार'.


छत्तीसगढ़ में शराबबिक्री पर रविंद्र चौबे का बयान: होली पर रिकार्ड तोड़ शराब बिक्री को लेकर सरकार के प्रवक्ता और कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि 'छत्तीसगढ़ में शराब की नदियां बहाने का श्रेय पूर्व सीएम रमन सिंह को जाता है. जिस समय डॉक्टर रमन सिंह सरकार में आए थे उस समय 400 करोड़ रुपए ही शराब से आय होती थी. लेकिन रमन सिंह के भागीरथ प्रयास से आज शराब से 5000 करोड़ रुपये की आय हो रही है. इसका सारा श्रेय रमन सिंह को जाना चाहिए'.


छत्तीसगढ़ में शराब बिक्री का 10 साल का रिकॉर्ड टूटा: राजधानी में होली पर रिकार्ड तोड़ शराब बिक्री हुई हैं. शराब बिक्री ने पिछले 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. राजधानी में होली पर 3 दिन के भीतर 18 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई है. होली पर सबसे ज्यादा देसी शराब की बिक्री हुई है. विभाग के अधिकारियों ने रायपुर जिले में 12 करोड़ रुपये के शराब बिक्री की उम्मीद की थी, लेकिन विभाग की उम्मीदों के विपरीत शराब की बंपर बिक्री हुई. इतना ही नहीं महंगी शराब पीने वालों के लिए अलग से प्रीमियम शराब दुकानें भी खोली गई. इसका असर भी शराब बिक्री में साफ देखा गया.

रायपुर: एक तरफ कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ में शराबबंदी के दावे कर रही है तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश में शराब बिक्री के मामले में एक के बाद एक रिकॉर्ड टूट रहे हैं. जब आबकारी मंत्री कवासी लखमा से प्रदेश में शराब की बढ़ रही बिक्री और शराबबंदी को लेकर सवाल किया गया तो उनका कहना था कि 'इन पैसों से छत्तीसगढ़ में रोजगार, नौकरी के अवसर पैदा किए जा रहे हैं. जरूरतमंद लोगों को पेंशन दी जा रही है, सड़कों को बनाने का काम हो रहा है. विकास के काम हो रहे हैं. यह अच्छे काम है. ऐसे में किसी का पेट दर्द नहीं होना चाहिए. छत्तीसगढ़ की शराबनीति को पड़ोसी राज्य भी अपना रहे हैं'. इधर छत्तीसगढ़ सरकार के प्रवक्ता और कृषि मंत्री रविंद्र चौबे प्रदेश में शराब की रिकॉर्ड बिक्री का श्रेय पूर्व सीएम रमन सिंह को दे रहे हैं.

छत्तीसगढ़ में शराबबंदी पर कवासी लखमा का बयान


शराबबंदी समझने बिहार और गुजरात जाएंगे कवासी लखमा: छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर कवासी लखमा ने कहा 'प्रदेश में शराबबंदी कैसे लागू हो और किस तरह इसका मॉडल तैयार किया जाए. इस स्थिति का जायजा लेने बिहार और गुजरात जाएंगे. वहां किस तरीके से प्रशासन शराबबंदी पर काम कर रहा है. इसका अध्ययन करेंगे. इन राज्यों की पॉलिसी समझकर छत्तीसगढ़ में शराबबंदी लागू की जा सकती है. शराबबंदी होने पर इसके असर को भी समझना जरूरी होगा. जहां शराबबंदी हुई वहां बहुत से आदिवासी आज जेल में है तो हर स्थिति को ध्यान में रखते हुए काम किया जाएगा'.

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बस्तर में ग्राम सभा तय करेगी शराबबंदी: बस्तर में शराबबंदी को लेकर कवासी लखमा ने कहा कि 'वहां शराबबंदी शायद लागू ना हो, क्योंकि आदिवासी संस्कृति में लोग दुख-सुख, त्योहार, बच्चे के जन्म जैसे मौकों पर शराब का सेवन करते हैं. वह पांचवीं अनुसूची क्षेत्र है. ऐसे में वहां जो ग्राम पंचायत चाहेगी. वहीं होगा ना कि कोई राजनीतिक दल या राज्य सरकार'.


छत्तीसगढ़ में शराबबिक्री पर रविंद्र चौबे का बयान: होली पर रिकार्ड तोड़ शराब बिक्री को लेकर सरकार के प्रवक्ता और कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि 'छत्तीसगढ़ में शराब की नदियां बहाने का श्रेय पूर्व सीएम रमन सिंह को जाता है. जिस समय डॉक्टर रमन सिंह सरकार में आए थे उस समय 400 करोड़ रुपए ही शराब से आय होती थी. लेकिन रमन सिंह के भागीरथ प्रयास से आज शराब से 5000 करोड़ रुपये की आय हो रही है. इसका सारा श्रेय रमन सिंह को जाना चाहिए'.


छत्तीसगढ़ में शराब बिक्री का 10 साल का रिकॉर्ड टूटा: राजधानी में होली पर रिकार्ड तोड़ शराब बिक्री हुई हैं. शराब बिक्री ने पिछले 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. राजधानी में होली पर 3 दिन के भीतर 18 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई है. होली पर सबसे ज्यादा देसी शराब की बिक्री हुई है. विभाग के अधिकारियों ने रायपुर जिले में 12 करोड़ रुपये के शराब बिक्री की उम्मीद की थी, लेकिन विभाग की उम्मीदों के विपरीत शराब की बंपर बिक्री हुई. इतना ही नहीं महंगी शराब पीने वालों के लिए अलग से प्रीमियम शराब दुकानें भी खोली गई. इसका असर भी शराब बिक्री में साफ देखा गया.

Last Updated : Mar 25, 2022, 8:45 AM IST
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