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छत्तीसगढ़ के जलाशयों में जलभराव की स्थिति काफी अच्छी, सौ फीसद भरा है सिकासार, खारंग और मनियारी डैम

छत्तीसगढ़ में इस साल बेहतर मानसून के कारण जलाशयों में जलभराव की स्थिति अच्छी है. अब तक 4756.670 एमसीएम जलभराव है. रायपुर जिला स्थित कुम्हारी जलाशय और सरगुजा के बांकी सिंचाई जलाशय को छोड़कर शेष मध्यम सिंचाई परियोजनाओं में जलभराव की स्थिति 70 से 99 प्रतिशत तक है. waterlogging condition is good in Chhattisgarh

waterlogging condition is good in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ के जलाशयों में जलभराव की स्थिति
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Published : Sep 29, 2022, 1:57 PM IST

रायपुर: इस साल बेहतर मानसून की वजह से राज्य के सिंचाई बांधों और जलाशयों में जलभराव की स्थिति बीते दो सालों की तुलना में बेहतर है. राज्य की 12 वृहद सिंचाई परियोजनाओं में आज की स्थिति में 4756.670 एमसीएम जलभराव है, जो कि इनकी कुल जलभराव क्षमता का 88.81 प्रतिशत है. इसी तरह राज्य की कुल 34 मध्यम परियोजनाओं में 936.710 मिलियन एमसीएम जलभराव है, जो कि इनकी कुल जलभराव क्षमता का 93.25 प्रतिशत है. वर्ष 2020 में वृहद एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं में इसी अवधि में जलभराव की स्थिति क्रमशः 86.67 एवं 86.20 प्रतिशत थी, जबकि वर्ष 2021 में वृहद एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं में 86.44 और 80.79 प्रतिशत जलभराव था. waterlogging condition is good in Chhattisgarh

ज्यादातर सिंचाई बांध और जलाशय लबालब: राज्य की 12 वृहद सिंचाई परियोजनाओं में शामिल सिकासार, खारंग और मनियारी जलाशय आज की स्थिति में लबालब हैं. मिनीमाता बांगो में 84.5 प्रतिशत, रविशंकर गंगरेल बांध में 93.35 प्रतिशत जलभराव है. बीते दो सालों से जलभराव की कमी से जूझ रहे बालोद जिला स्थित तांदुला जलाशय में इस साल स्थिति काफी बेहतर है, तांदुला जलाशय में वर्तमान में 93.64 प्रतिशत जलभराव है. कांकेर स्थित दुधावा और धमतरी जिले का मॉडल सिल्ली बांध भी लबालब होने की स्थिति में है.इन दोनों बांधों में आज की स्थिति में 99 प्रतिशत जलभराव है. सोंढूर डेम में 91.70 प्रतिशत, कोडार बांध में 66.48 प्रतिशत, केलो बैराज में 94.11 प्रतिशत पानी है. बड़े सिंचाई परियोजनाओं में से एकमात्र अरपा भैंसाझार बैराज में 50 प्रतिशत से कम जलभराव है.

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बीते 2 सालों की तुलना में इस साल ज्यादा हुआ जल भराव: राज्य की मध्यम सिंचाई परियोजनाओं में बालोद जिला स्थित खरखरा डेम, बस्तर जिले के कोसार टेडा बांध, कांकेर जिले के परालकोट एवं मायना डेम, कबीरधाम जिले के छीरपानी, सरोदा एवं बहेराखार, राजनांदगांव जिले के पिपरिया नाला,रूसे डेम और मोंगरा बैराज, रायगढ़ जिले के खमारपकुट, सरगुजा जिले के बरनाल डेम और बिलासपुर जिले के घोंघा, कोरिया जिले के झुमका में 100 प्रतिशत जलभराव है. रायपुर जिला स्थित कुम्हारी जलाशय और सरगुजा के बांकी सिंचाई जलाशय को छोड़कर शेष मध्यम सिंचाई परियोजनाओं में जलभराव की स्थिति 70-99 प्रतिशत तक है. कुम्हारी जलाशय में आज की स्थिति में 32.78 और सरगुजा के बांकी बांध में 32.28 प्रतिशत पानी है।.

रायपुर: इस साल बेहतर मानसून की वजह से राज्य के सिंचाई बांधों और जलाशयों में जलभराव की स्थिति बीते दो सालों की तुलना में बेहतर है. राज्य की 12 वृहद सिंचाई परियोजनाओं में आज की स्थिति में 4756.670 एमसीएम जलभराव है, जो कि इनकी कुल जलभराव क्षमता का 88.81 प्रतिशत है. इसी तरह राज्य की कुल 34 मध्यम परियोजनाओं में 936.710 मिलियन एमसीएम जलभराव है, जो कि इनकी कुल जलभराव क्षमता का 93.25 प्रतिशत है. वर्ष 2020 में वृहद एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं में इसी अवधि में जलभराव की स्थिति क्रमशः 86.67 एवं 86.20 प्रतिशत थी, जबकि वर्ष 2021 में वृहद एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं में 86.44 और 80.79 प्रतिशत जलभराव था. waterlogging condition is good in Chhattisgarh

ज्यादातर सिंचाई बांध और जलाशय लबालब: राज्य की 12 वृहद सिंचाई परियोजनाओं में शामिल सिकासार, खारंग और मनियारी जलाशय आज की स्थिति में लबालब हैं. मिनीमाता बांगो में 84.5 प्रतिशत, रविशंकर गंगरेल बांध में 93.35 प्रतिशत जलभराव है. बीते दो सालों से जलभराव की कमी से जूझ रहे बालोद जिला स्थित तांदुला जलाशय में इस साल स्थिति काफी बेहतर है, तांदुला जलाशय में वर्तमान में 93.64 प्रतिशत जलभराव है. कांकेर स्थित दुधावा और धमतरी जिले का मॉडल सिल्ली बांध भी लबालब होने की स्थिति में है.इन दोनों बांधों में आज की स्थिति में 99 प्रतिशत जलभराव है. सोंढूर डेम में 91.70 प्रतिशत, कोडार बांध में 66.48 प्रतिशत, केलो बैराज में 94.11 प्रतिशत पानी है. बड़े सिंचाई परियोजनाओं में से एकमात्र अरपा भैंसाझार बैराज में 50 प्रतिशत से कम जलभराव है.

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बीते 2 सालों की तुलना में इस साल ज्यादा हुआ जल भराव: राज्य की मध्यम सिंचाई परियोजनाओं में बालोद जिला स्थित खरखरा डेम, बस्तर जिले के कोसार टेडा बांध, कांकेर जिले के परालकोट एवं मायना डेम, कबीरधाम जिले के छीरपानी, सरोदा एवं बहेराखार, राजनांदगांव जिले के पिपरिया नाला,रूसे डेम और मोंगरा बैराज, रायगढ़ जिले के खमारपकुट, सरगुजा जिले के बरनाल डेम और बिलासपुर जिले के घोंघा, कोरिया जिले के झुमका में 100 प्रतिशत जलभराव है. रायपुर जिला स्थित कुम्हारी जलाशय और सरगुजा के बांकी सिंचाई जलाशय को छोड़कर शेष मध्यम सिंचाई परियोजनाओं में जलभराव की स्थिति 70-99 प्रतिशत तक है. कुम्हारी जलाशय में आज की स्थिति में 32.78 और सरगुजा के बांकी बांध में 32.28 प्रतिशत पानी है।.

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