रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने 5 डिसमिल से कम क्षेत्रफल के भूखंडों के रजिस्ट्री की अनुमति के साथ (Registry ban of small plots removed in Chhattisgarh) रजिस्ट्री शुल्क में 30 प्रतिशत की छूट दी. इससे लोगों को बड़ी राहत मिली है. प्रदेश में छोटे प्लाट की रजिस्ट्री से रोक हटने का फायदा सबसे ज्यादा गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार को मिल रहा है. मध्यम वर्गीय परिवार के लोग भी अब बड़ी संख्या में रजिस्ट्री कराने पहुंच रहे हैं. इसकी पुष्टि विभाग के आंकड़े कर रहे हैं. विभागीय आंकड़ों की मानें तो पिछले 3 वर्षों में 2 लाख 75 हजार से ज्यादा छोटे प्लाट की रजिस्ट्री हुई है.
रायपुर में सबसे अधिक रजिस्ट्री
छत्तीसगढ़ में छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री से रोक हटने के बाद (Registry ban of small plots removed in Chhattisgarh) बड़ी संख्या में लोग जमीन का निबंधन करा रहे हैं. प्रदेश में सबसे अधिक रजिस्ट्री राजधानी रायपुर में हुई है. पिछले तीन साल की बात करें तो अकेले रायपुर में 1 जनवरी 2019 से लेकर 30 नवंबर 2021 तक सवार्धिक 86 हजार 473 लोगों ने रजिस्ट्री कराई है. इनमें महिलाओं की संख्या 14 हजार 827 है. रायपुर के बाद दुर्ग में सर्वाधिक रजिस्ट्री हुई. जबकि बिलासपुर रजिस्ट्री के मामले में तीसरे नंबर पर है.
महिलाओं को पंजीयन शुल्क में मिली छूट
राज्य सरकार ने महिलाओं को जमीन जायदाद के दस्तावेजों के पंजीयन कराने पर पंजीयन शुल्क में छूट(Registration fee exemption for women) दी है. इसी का परिणाम है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 51 करोड़ 56 लाख 26 हजार से अधिक की छूट दी है. इस वित्तीय वर्ष में 76 हजार 30 महिलाओं ने जमीन और मकान की रजिस्ट्री कराई है. माना जा रहा है कि जमीन रजिस्ट्री में महिलाओं की भूमिका इस वित्तीय वर्ष में सर्वाधिक है.
2 वित्तीय वर्षों में कितना प्राप्त हुआ राजस्व
पूर्ववर्ती सरकार ने छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी थी, लेकिन कांग्रेस की नई सरकार बनने के बाद छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री की पाबंदी हटा दी(Restriction on registry of small plots removed). जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोगों ने रजिस्ट्री करवानी शुरू कर दी. इससे सरकार को करोड़ों रूपये का राजस्व फायदा हुआ है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1589.42 और वित्तीय वर्ष 2021-22 में अक्टूबर माह तक 902.79 करोड़ की राशि का राजस्व फायदा हुआ है.
लोगों का सपना हो रहा साकार
रायपुर पंजीयक बीएस नायक ने बताया कि "छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री शुरू होने से अब ज्यादातर लोगों के घरों का सपना पूरा हो रहा है. इससे जनता को काफी राहत मिली है. वहीं शासन को इससे राजस्व की प्राप्ति भी हो रही है. पिछले 3 सालों की यदि बात की जाए तो बहुत अच्छी संख्या में लोगों ने जमीन और मकान का पंजीयन कराया है."
जिला | कुल संख्या | महिलाएं |
रायपुर | 86473 | 14827 |
बालोद | 4417 | 2110 |
बलोदा बाजार | 9489 | 3587 |
बस्तर | 3421 | 801 |
बेमेतरा | 6184 | 2786 |
बिलासपुर | 38774 | 8650 |
दंतेवाड़ा | 622 | 229 |
धमतरी | 5501 | 1556 |
दुर्ग | 49707 | 11200 |
गरियाबंद | 2060 | 893 |
जांजगीर चांपा | 1849 | 5679 |
जशपुर | 1146 | 835 |
कबीरधाम | 5448 | 2586 |
कांकेर | 1886 | 999 |
कोरबा | 3627 | 1376 |
कोरिया | 1384 | 797 |
महासमुंद | 4806 | 2063 |
मुंगेली | 4448 | 1919 |
नारायणपुर | 304 | 83 |
रायगढ़ | 7561 | 3170 |
राजनांदगांव | 14336 | 5008 |
सरगुजा | 8528 | 2572 |
बलरामपुर | 706 | 397 |
बीजापुर | 137 | 62 |
कोंडागांव | 738 | 267 |
सुकमा | 236 | 104 |
सूरजपुर | 1692 | 885 |
गौरेला पेंड्रा मरवाही | 1187 | 592 |
यह आंकड़े 1 जनवरी 2019 से 30 नवंबर 2021 तक के हैं.