रायपुर : 17 दिसंबर 2018 को कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में 15 साल के सत्ता का वनवास खत्म किया और भूपेश बघेल की अगुवाई में सरकार का गठन हुआ. भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली. जनघोषणा पत्र के जिन 36 वादों पर जनता की मुहर के साथ कांग्रेस को सत्ता का सिंहासन मिला. क्या एक साल बाद वो सभी वादे पूरे हो गए हैं. एक तरफ जहां बघेल सरकार घोषणा पत्र में किए वादे को पूरा करने का दावा कर रही, तो वहीं विपक्ष सरकार पर हमलावर है.
बघेल सरकार पर बीजेपी का वार
बीजेपी राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रही है. उसे हर मोर्चे पर फेल बता रही है. बीजेपी ने कहा है कि सरकार ने जनघोषणा पत्र में किए एक भी वादे को पूरा नहीं किया है. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने का आरोप है कि सत्ता पर काबिज होने के बाद कांग्रेस सरकार ने कर्जमाफी के नाम पर किसानों के साथ छलावा किया है. धान का समर्थन मूल्य ₹2500 देने में सरकार विफल रही. साथ ही शराबबंदी के मामले में भी सरकार बैकफुट पर है.
- 'सरकार ने किसानों से की वादाखिलाफी'
- 'किसान धान बेचने के लिए भटक रहे'
- 'राज्य में विकास कार्य ठप'
- 'SIT पर सरकार हुई फेल'
- 'राज्य में महिला अपराध, अपहरण की घटनाएं बढ़ी'
- 'जनता परेशान और त्रस्त है'
जेसीसीजे प्रमुख ने बघेल सरकार को बताया फेल
जहां बीजेपी बघेल सरकार पर जनता को ठगने का आरोप लगा रही है. वहीं जेसीसीजे के मुखिया अजीत जोगी बघेल सरकार को दिशाहीन बता रहे हैं उनका कहना है कि इस सरकार के पास सोच की कमी है, विजन का आभाव है. अजीत जोगी ने कहा है कि नरवा, गरवा, घुरवा अउ बारी के नाम पर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार प्रदेश को पीछे की ओर ढकेल रही है. यह कोई आज की चीजें नहीं है. कई पीढ़ियों से यह चली आ रही है. अजीत जोगी का मानना है कि बघेल सरकार पूरे प्रदेश को पीछे ले जा रही है.
- 'सरकार के पास विजन की कमी'
- 'बघेल सरकार ने प्रदेश की जनता से किया वादा नहीं निभाया'
- 'रोजगार,शराबबंदी के मुद्दे पर सरकार फेल'
- 'कर्जमाफी के नाम पर सरकार ने किया दिखावा'
कांग्रेस ने विपक्ष के आरोपों को नकारा
उधर कांग्रेस का दावा है कि उन्होंने जनघोषणा पत्र में जो भी प्रमुख वादे किए थे, उसे प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जा रहा है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि सत्ता पर काबिज होते ही कांग्रेस सरकार ने किसानों की कर्जमाफी का वादा पूरा किया. उसके बाद बिजली बिल हाफ किया. जमीन के पट्टे बांटे गए हैं. बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने प्रयास किए जा रहे हैं.
जानकारों की नजर में बघेल सरकार का काम संतोषजनक
पत्रकार बाबूलाल शर्मा ने कहा कि 1 साल में 4 से 5 महीने विभिन्न चुनाव के कारण आचार संहिता में गुजर गए. बाकी के समय में जो काम हुए हैं वे पर्याप्त तो नहीं है , लेकिन संतोषजनक जरूर कहा जा सकता है.
पहले साल में बघेल सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने का काम किया है, लेकिन कई मोर्चे पर सरकार को और काम करना बाकी है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस सरकार अपने जनघोषणा पत्र में किए गए वादों को कब तक पूरा करती है या फिर उनके वादे सिर्फ वादे ही रह जाते हैं.