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पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने दिया ये जवाब

छत्तीसगढ़ में पत्रकारों (journalist in chhattisgarh) की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने पत्रकार सुरक्षा कानून लागू (journalist protection law) किए जाने की बात कही थी. इस कानून को अब तक लागू नहीं किया गया है. इस पर पत्रकारों के सवाल पूछने पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू (Home Minister Tamradhwaj Sahu) ने पूछकर पता करने की बात कही है.

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गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू
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Published : Jul 2, 2021, 12:06 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा कानून (journalist protection law) लागू करने को लेकर लंबे समय से कवायद की जा रही है. कांग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र (congress manifesto) में भी पत्रकार सुरक्षा कानून लाए जाने की बात कही थी, लेकिन कांग्रेस सरकार को ढाई साल का समय बीत गया है. बावजूद इसके अब तक पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर सरकार की ओर से कोई बड़ी पहल नहीं की गई है. इस पर जब गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू (Home Minister Tamradhwaj Sahu) से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि 'मैं पूछ लेता हूं कि कहा रुका है. मुख्यमंत्री ने इसे तत्काल लागू करने कहा था.'

गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू

गृहमंत्री ने पत्रकार सुरक्षा कानून लागू होने से पहले तक पत्रकारों की गिरफ्तारी को लेकर नए मापदंड तय किए जाने की बात कही. उन्होंने कहा कि 'आप सुझाव दे दीजिए. क्या क्या होना है' इसे लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा करने की बात कही है.

किसानों को लेकर छत्तीसगढ़ में एक और अहम योजना होगी शुरू, भूमिहीन किसानों को मिलेगा लाभ

ऑनलाइन सुक्षाव लेकर तैयार किया गया कानून

राज्य शासन ने प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लाने के लिए मार्च 2019 में उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति आफताब आलम की अध्यक्षता में वरिष्ठ कानून विद, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, वरिष्ठ पत्रकारों की एक समिति का गठन किया था. समिति ने अनेक दौर की चर्चा पश्चात प्रस्तावित पत्रकार सुरक्षा कानून का प्रारूप तैयार कर नवंबर 2019 में प्रदेश के अनेक जिलों में भ्रमण कर सुझाव प्राप्त किए और संशोधित प्रारूप तैयार किया. कोरोना संकट को देखते हुए संशोधित प्रारूप पर अक्टूबर 2020 में ऑनलाइन सुझाव प्राप्त कर प्रस्तावित छत्तीसगढ़ पत्रकार सुरक्षा कानून को अंतिम रूप दिया गया है.

कानून का प्रारूप तैयार

पत्रकार निर्भीकता से स्वतंत्र लेखन कर सकें, इसके लिए राज्य सरकार ने पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने का निर्णय लिया है. कानून पर पत्रकारों, पत्रकार संगठनों, आमजनों से चर्चा और सुझाव लेने के लिए समिति गठित की गई थी. इस समिति में हाईकोर्ट की सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति अंजना प्रकाश, हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राजूराम चन्द्रन, हाईकोर्ट महाधिवक्ता, पुलिस महानिदेशक, विधि विभाग के प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रूचिर गर्ग, वरिष्ठ पत्रकार ललित सुरजन और प्रकाश दुबे शामिल हैं. गठित समिति ने प्रस्तावित कानून का प्रारूप तैयार किया है.

रायपुर : छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा कानून (journalist protection law) लागू करने को लेकर लंबे समय से कवायद की जा रही है. कांग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र (congress manifesto) में भी पत्रकार सुरक्षा कानून लाए जाने की बात कही थी, लेकिन कांग्रेस सरकार को ढाई साल का समय बीत गया है. बावजूद इसके अब तक पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर सरकार की ओर से कोई बड़ी पहल नहीं की गई है. इस पर जब गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू (Home Minister Tamradhwaj Sahu) से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि 'मैं पूछ लेता हूं कि कहा रुका है. मुख्यमंत्री ने इसे तत्काल लागू करने कहा था.'

गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू

गृहमंत्री ने पत्रकार सुरक्षा कानून लागू होने से पहले तक पत्रकारों की गिरफ्तारी को लेकर नए मापदंड तय किए जाने की बात कही. उन्होंने कहा कि 'आप सुझाव दे दीजिए. क्या क्या होना है' इसे लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा करने की बात कही है.

किसानों को लेकर छत्तीसगढ़ में एक और अहम योजना होगी शुरू, भूमिहीन किसानों को मिलेगा लाभ

ऑनलाइन सुक्षाव लेकर तैयार किया गया कानून

राज्य शासन ने प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लाने के लिए मार्च 2019 में उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति आफताब आलम की अध्यक्षता में वरिष्ठ कानून विद, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, वरिष्ठ पत्रकारों की एक समिति का गठन किया था. समिति ने अनेक दौर की चर्चा पश्चात प्रस्तावित पत्रकार सुरक्षा कानून का प्रारूप तैयार कर नवंबर 2019 में प्रदेश के अनेक जिलों में भ्रमण कर सुझाव प्राप्त किए और संशोधित प्रारूप तैयार किया. कोरोना संकट को देखते हुए संशोधित प्रारूप पर अक्टूबर 2020 में ऑनलाइन सुझाव प्राप्त कर प्रस्तावित छत्तीसगढ़ पत्रकार सुरक्षा कानून को अंतिम रूप दिया गया है.

कानून का प्रारूप तैयार

पत्रकार निर्भीकता से स्वतंत्र लेखन कर सकें, इसके लिए राज्य सरकार ने पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने का निर्णय लिया है. कानून पर पत्रकारों, पत्रकार संगठनों, आमजनों से चर्चा और सुझाव लेने के लिए समिति गठित की गई थी. इस समिति में हाईकोर्ट की सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति अंजना प्रकाश, हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राजूराम चन्द्रन, हाईकोर्ट महाधिवक्ता, पुलिस महानिदेशक, विधि विभाग के प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रूचिर गर्ग, वरिष्ठ पत्रकार ललित सुरजन और प्रकाश दुबे शामिल हैं. गठित समिति ने प्रस्तावित कानून का प्रारूप तैयार किया है.

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