रायपुर: निलंबित सीनियर आईपीएस जीपी सिंह (Suspended IPS GP Singh) को हाईकोर्ट(High Court Chhattisgarh) से बड़ा झटका लगा है, उन्हें हाईकोर्ट से अंतरिम राहत नहीं मिली है. इस मामले में जस्टिस एन.के व्यास के सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद फैसला दिया है. अंतरिम राहत की मांग करते हुए जीपी सिंह की ओर से पेश की गई दोनों एप्लीकेशन को हाईकोर्ट ने रिजेक्ट कर दिया है. पहले एप्लीकेशन में जीपी सिंह ने राज्य पुलिस द्वारा की जा रही जांच पर रोक लगाने की मांग की थी. वहीं दूसरे एप्लीकेशन में जीपी सिंह ने राजद्रोह के मामले में दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी.
जीपी सिंह की बढ़ जाएंगी मुश्किलें
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद जीपी सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं, इससे पहले एडीजी रैंक के इस अधिकारी के ठिकानों पर एसीबी ने छापा मारा था, इस दौरान आय से ज्यादा संपत्ति का खुलासा हुआ था, साथ ही कुछ ऐसे सबूत भी मिले थे जिसे शासन के खिलाफ मानते हुए उनके खिलाफ रायपुर में एफआईआर कराते हुए राजद्रोह का केस दर्ज किया गया है. साथ ही सरकार ने उन्हें पद से फिलहाल निलंबित कर दिया है. बताया जा रहा है कि इस कार्रवाई में जहां जीपी सिंह द्वारा कई जगहों पर निवेश करने की जानकारी के साथ ही कुछ डायरियां मिली हैं. जिसकी जांच अब पुलिस द्वारा की जा रही है.
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जीपी पर राजद्रोह के साथ बेनामी संपत्ति का आरोप
एडीजी के पद पर पदस्थ रह चुके निलंबित आईपीएस जीपी सिंह के घर में एसीबी की टीम ने 1 जुलाई को छापेमार कार्रवाई की. इस दौरान जीपी सिंह के घर से 10 करोड़ रुपये की अनुपातहीन संपत्ति मिली है. इसके अलावा एसीबी को जीपी सिंह की एक डायरी भी हाथ लगी है. जिसमें सरकार के खिलाफ षडयंत्र रचने का जिक्र किया गया है. जिसके बाद एसीबी की टीम ने कोतवाली थाने में जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह समेत अन्य मामलों में एफआईआर दर्ज की है.
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एसीबी को मिल रही थी शिकायत
जीपी सिंह के खिलाफ आर्थिक अपराध ब्यूरो के कार्यकाल के दौरान डरा-धमकाकर अवैध वसूली के जरिए आय से अधिक संपत्ति रखने की शिकायत मिल रही थी. जिसके आधार पर जांच शुरू की गई. अब तक 10 करोड़ से ज्यादा के अवैध लेनदेन का खुलासा हुआ है. रायपुर, भिलाई, राजनांदगांव और ओडिशा राज्य में बेनामी संपत्तियां अर्जित करने की पुष्टि हुई है.
निलंबित गुरजिंदर पाल सिंह 1994 बैच के IPS हैं. प्रदेश के अलग-अलग जिलों में SP भी रह चुके हैं. इसके अलावा बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर जिले के IGP भी रह चुके हैं. जीपी सिंह EOW और एंटी करप्शन ब्यूरो के मुखिया भी रह चुके हैं. सरकार ने उन्हें ACB से हटाकर पुलिस अकादमी में पदस्थ किया था. फिलहाल उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है.