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रायपुर में बारिश से मुंबई जैसे हालात, जलभराव से बिगड़ी स्थिति - water filled in low-lying areas

स्मार्ट सिटी रायपुर (smart city raipur) में घंटे भर बारिश होने के बाद सड़कें लबालब हो रही हैं. रायपुर के पॉश इलाका (posh area) हो या निचली बस्तियां, इस बार हुई बारिश (Rain) के कारण रायपुर शहर के लोगों को जल-जमाव (Water logging) में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ गया है. लोग बता रहे हैं कि पिछले एक दशक में जल-जमाव की ऐसी मुसीबत गले नहीं पड़ी.

Mumbai-like situation due to rain in Raipur
रायपुर में बारिश से मुंबई जैसे हालात
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Published : Sep 16, 2021, 8:46 PM IST

रायपुर: स्मार्ट सिटी रायपुर में घंटे भर बारिश के बाद सड़क लबालब (roads are full) गई. रायपुर के पॉश इलाके हो या निचली बस्तियां, इस बार की बारिश (Rain) के कारण रायपुर शहर के लोगों को जल-जमाव (Water logging) के कारण काफी परेशानियां हुईं. यह स्थिति राजधानी के अलग-अलग वार्डों (wards) में देखने को मिल रही है. दो दिनों की बारिश ने शासन और नगर निगम (Government and Municipal Corporation) के दावों की पोल खोलकर रख दी है. ऐसे इलाके जहां पहले जल-जमाव की स्थिति नहीं होती थी, इस बार वहां भी जल-जमाव देखा जा रहा है.

जल-जमाव (Water logging) के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सड़क और नाले का गंदा पानी (sewage water) लोगों के घरों में घुस गया है. इसके साथ ही कई लोगों के घरों में राशन और खाने (ration and food) की चीजों में भी बारिश का पानी घुस चुका है.

रायपुर में बारिश से मुंबई जैसे हालात

रायपुर की प्राचीन महामाया मंदिर के गर्भ गृह में भी भरा पानी

जल-जमाव के कारण एक ओर जहां राजधानी में जनता परेशान है. तो वहीं इतिहास में पहली बार देखा गया है कि राजधानी के प्राचीनतम मंदिर महामाया मंदिर (Oldest Temple Mahamaya Temple) के गर्भगृह (sanctum sanctorum) तक में जल-जमाव (Water logging) हो गया है. इससे नगर निगम के दावों की पोल खुल गई है.

10 सालों का टूट गया रिकाॅर्ड

जलभराव को लेकर प्रोफेसर कॉलोनी निवासी राजेंद्र बुंदेल का कहना है कि पिछले 10 सालों की अपेक्षा इस साल जल-जमाव अधिक रहा है. इसके कारण बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि एक जनप्रतिनिधि (public representatives) से यही उम्मीद कि जाती है कि वह मूलभूत सुविधाओं को सही ढंग से उपलब्ध कराएगा. इसमें नाली सफाई, बिजली पानी की व्यवस्था शामिल है. लेकिन नगर निगम (Municipal council) की ओर से ठीक से यह काम भी नहीं किया जा रहा है.

कांग्रेसियों का चल रहा नालों पर कब्जा
नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रमेश सिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद उनके कार्यकर्ता और समर्थकों की बड़ी मात्रा में नालों पर कब्जे (encroachment on drains) हुए हैं. इसके अलावा नगर निगम द्वारा नालों की सफाई नहीं की. स्मार्ट सिटी के नाम पर भारी-भरकम भ्रष्टाचार (rampant corruption) किया जा रहा है. उसी के कारण रायपुर की जनता को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.

दो घंटे की बारिश में ही राजधानी जलमग्न (capital submerged) हो गई है. आज तक कभी महामाया मंदिर के अंदर जल-जमाव (Water logging) का पानी प्रवेश नहीं किया. आज 600 करोड रुपए स्मार्ट सिटी के नाम पर खर्च कर दिया जाता है लेकिन स्मार्ट सिटी की मूल भावना (The spirit) के अनुरूप राजधानी में काम नहीं हो सका. स्मार्ट सिटी (smart City) के तहत जो काम होना चाहिए विपरीत काम करके भ्रष्टाचार किया जा रहा है. महापौर (Mayor) के कार्यकाल में सिर्फ भ्रष्टाचार का काम चल रहा है. नालियों की सफाई नहीं हो रही है. नालों पर अवैध कब्जे हो रहे हैं.

अत्यधिक बारिश बनी जल-जमाव की वजह
जलभराव को लेकर रायपुर नगर निगम महापौर कई बड़े महानगर पालिका जलभराव का उदाहरण देते हुए कहा कि जब इन बड़े महानगरों में जल-जमाव की स्थिति हो रही है. रायपुर में जल-जमाव (
Water logging) का कारण लगातार हुई बारिश है. ऐसा नहीं है कि उसमें रायपुर नगर निगम (
Raipur Municipal Corporation) काम नहीं कर रहा. नोडल अधिकारियों (nodal officers) की भी नियुक्ति (Appointment) हो गई है, जहां दिन और रात काम होगा.

कम बारिश से कवर्धा के जलाशयों में 80 फीसदी जलभराव भी नहीं, गहरा सकता है जल संकट

लोगों की परेशानी के प्रति निगम है जवाबदेह
महापौर ने कहा कि अगर बारिश होगी तो पानी तो भर आएगा लेकिन लोगों किसी प्रकार से परेशानी ना हो, जनहानि ना हो, इन सभी चीजों को हम मान रहे हैं और सभी चीजों की हमारी जवाबदारी है. यह हमारा कर्तव्य (our duty) है कि लोगों को परेशानी ना हो. इसके लिए हम काम कर रहे हैं. बारिश को कोई नहीं रोक सकता. बारिश होती है और पानी अगर जमा हुआ है तो नगर निगम (Municipal council) पूरी तरह से उत्तरदायी (Responsible) है. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर शिकायतें मिली हैं जहां पर नाले के ऊपर पार्टी बना दिए गए हैं और अवैध कब्जे (illegal possession) किए गए हैं. ऐसे जगह पर लगातार नगर निगम काम कर रहा है. तोड़फोड़ की कार्रवाई (sabotage action) शुरू हो गई है.

क्या रहा जल जल-जमाव के कारण
राजधानी में हुए जलभराव के कारणों की ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो पाया कि जलभराव का मुख्य कारण नालियों का जाम होना (clogged drains), कचरा, प्लास्टिक और डिस्पोजल (Garbage, plastic and disposal) के नालों में जाम होने और उनकी सफाई नहीं होना है. इसकी वजह से नालियों का पानी सड़कों पर आ पहुंचा. इसके अलावा अवैध निर्माण और दुकानों के सामने कब्जे (Illegal construction and occupation in front of shops) की वजह से सालों से वहां सफाई नहीं हो पाई, जिसके कारण जल-जमाव की स्थिति निर्मित हुई.

रायपुर: स्मार्ट सिटी रायपुर में घंटे भर बारिश के बाद सड़क लबालब (roads are full) गई. रायपुर के पॉश इलाके हो या निचली बस्तियां, इस बार की बारिश (Rain) के कारण रायपुर शहर के लोगों को जल-जमाव (Water logging) के कारण काफी परेशानियां हुईं. यह स्थिति राजधानी के अलग-अलग वार्डों (wards) में देखने को मिल रही है. दो दिनों की बारिश ने शासन और नगर निगम (Government and Municipal Corporation) के दावों की पोल खोलकर रख दी है. ऐसे इलाके जहां पहले जल-जमाव की स्थिति नहीं होती थी, इस बार वहां भी जल-जमाव देखा जा रहा है.

जल-जमाव (Water logging) के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सड़क और नाले का गंदा पानी (sewage water) लोगों के घरों में घुस गया है. इसके साथ ही कई लोगों के घरों में राशन और खाने (ration and food) की चीजों में भी बारिश का पानी घुस चुका है.

रायपुर में बारिश से मुंबई जैसे हालात

रायपुर की प्राचीन महामाया मंदिर के गर्भ गृह में भी भरा पानी

जल-जमाव के कारण एक ओर जहां राजधानी में जनता परेशान है. तो वहीं इतिहास में पहली बार देखा गया है कि राजधानी के प्राचीनतम मंदिर महामाया मंदिर (Oldest Temple Mahamaya Temple) के गर्भगृह (sanctum sanctorum) तक में जल-जमाव (Water logging) हो गया है. इससे नगर निगम के दावों की पोल खुल गई है.

10 सालों का टूट गया रिकाॅर्ड

जलभराव को लेकर प्रोफेसर कॉलोनी निवासी राजेंद्र बुंदेल का कहना है कि पिछले 10 सालों की अपेक्षा इस साल जल-जमाव अधिक रहा है. इसके कारण बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि एक जनप्रतिनिधि (public representatives) से यही उम्मीद कि जाती है कि वह मूलभूत सुविधाओं को सही ढंग से उपलब्ध कराएगा. इसमें नाली सफाई, बिजली पानी की व्यवस्था शामिल है. लेकिन नगर निगम (Municipal council) की ओर से ठीक से यह काम भी नहीं किया जा रहा है.

कांग्रेसियों का चल रहा नालों पर कब्जा
नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रमेश सिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद उनके कार्यकर्ता और समर्थकों की बड़ी मात्रा में नालों पर कब्जे (encroachment on drains) हुए हैं. इसके अलावा नगर निगम द्वारा नालों की सफाई नहीं की. स्मार्ट सिटी के नाम पर भारी-भरकम भ्रष्टाचार (rampant corruption) किया जा रहा है. उसी के कारण रायपुर की जनता को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.

दो घंटे की बारिश में ही राजधानी जलमग्न (capital submerged) हो गई है. आज तक कभी महामाया मंदिर के अंदर जल-जमाव (Water logging) का पानी प्रवेश नहीं किया. आज 600 करोड रुपए स्मार्ट सिटी के नाम पर खर्च कर दिया जाता है लेकिन स्मार्ट सिटी की मूल भावना (The spirit) के अनुरूप राजधानी में काम नहीं हो सका. स्मार्ट सिटी (smart City) के तहत जो काम होना चाहिए विपरीत काम करके भ्रष्टाचार किया जा रहा है. महापौर (Mayor) के कार्यकाल में सिर्फ भ्रष्टाचार का काम चल रहा है. नालियों की सफाई नहीं हो रही है. नालों पर अवैध कब्जे हो रहे हैं.

अत्यधिक बारिश बनी जल-जमाव की वजह
जलभराव को लेकर रायपुर नगर निगम महापौर कई बड़े महानगर पालिका जलभराव का उदाहरण देते हुए कहा कि जब इन बड़े महानगरों में जल-जमाव की स्थिति हो रही है. रायपुर में जल-जमाव (
Water logging) का कारण लगातार हुई बारिश है. ऐसा नहीं है कि उसमें रायपुर नगर निगम (
Raipur Municipal Corporation) काम नहीं कर रहा. नोडल अधिकारियों (nodal officers) की भी नियुक्ति (Appointment) हो गई है, जहां दिन और रात काम होगा.

कम बारिश से कवर्धा के जलाशयों में 80 फीसदी जलभराव भी नहीं, गहरा सकता है जल संकट

लोगों की परेशानी के प्रति निगम है जवाबदेह
महापौर ने कहा कि अगर बारिश होगी तो पानी तो भर आएगा लेकिन लोगों किसी प्रकार से परेशानी ना हो, जनहानि ना हो, इन सभी चीजों को हम मान रहे हैं और सभी चीजों की हमारी जवाबदारी है. यह हमारा कर्तव्य (our duty) है कि लोगों को परेशानी ना हो. इसके लिए हम काम कर रहे हैं. बारिश को कोई नहीं रोक सकता. बारिश होती है और पानी अगर जमा हुआ है तो नगर निगम (Municipal council) पूरी तरह से उत्तरदायी (Responsible) है. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर शिकायतें मिली हैं जहां पर नाले के ऊपर पार्टी बना दिए गए हैं और अवैध कब्जे (illegal possession) किए गए हैं. ऐसे जगह पर लगातार नगर निगम काम कर रहा है. तोड़फोड़ की कार्रवाई (sabotage action) शुरू हो गई है.

क्या रहा जल जल-जमाव के कारण
राजधानी में हुए जलभराव के कारणों की ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो पाया कि जलभराव का मुख्य कारण नालियों का जाम होना (clogged drains), कचरा, प्लास्टिक और डिस्पोजल (Garbage, plastic and disposal) के नालों में जाम होने और उनकी सफाई नहीं होना है. इसकी वजह से नालियों का पानी सड़कों पर आ पहुंचा. इसके अलावा अवैध निर्माण और दुकानों के सामने कब्जे (Illegal construction and occupation in front of shops) की वजह से सालों से वहां सफाई नहीं हो पाई, जिसके कारण जल-जमाव की स्थिति निर्मित हुई.

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