रायपुर: छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके के अभिभाषण के साथ सोमवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र की शुरुआत की. छत्तीसगढ़ राज्य की पांचवीं विधानसभा के सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 'आशा ही नहीं बल्कि विश्वास है कि नए वर्ष 2020 में भी आप लोग जनता के नुमाइंदे के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह पूरी लगन और निष्ठा से करते हुए जनता के सपनों को पूरा करेंगे'.
निचले स्तर पर लोकतंत्र को मजबूती मिली
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को आगामी 10 वर्षों के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव पारित करने में आप लोगों का योगदान दर्ज होना निश्चय ही सौभाग्य का विषय है. मेरी सरकार ने त्वरित निर्णयों और विभिन्न कार्यों से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक वर्ग, पिछड़े तबकों सहित सभी वर्गों में नई उम्मीद जगाई है.
प्रदेश में नगरीय निकायों और त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव पूरी पारदर्शिता, निष्पक्षता से संपन्न हुए इससे निचले स्तर पर लोकतंत्र को मजबूती मिली. इस महती जिम्मेदारी को पूरा करने में सहयोगी अमले और मतदाताओं को बधाई प्रेषित करती हूं'.
राज्यपाल ने कहा कि 'एक साल पहले बस्तर के बहुत से आदिवासी परिवारों की जिंदगी आपराधिक प्रकरणों के कारण बेहद कष्ट में थी. सरकार ने इसके लिए जस्टिस ए. के. पटनायक की अध्यक्षता में एक समिति गठित की, जिसकी सिफारिश पर निर्दोष आदिवासियों को प्रकरण से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त हुआ है, जो उनके लिए बहुत बड़ी आर्थिक और सामाजिक राहत भी है.
आदर्श पुनर्वास कानून के लिए सरकार गंभीर है
अनुसुइया उइके ने कहा कि 'प्रसन्नता का विषय है कि सरकार गठन के मात्र एक माह की अल्प अवधि में ही जमीन वापसी की सारी प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है.
तेंदूपत्ता प्रति मानक बोरा 4000 हजार रुपए की गई
उन्होंने कहा कि सरकार ने तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 2500 रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4000 हजार रूपए प्रति मानक बोरा की है, जिसके कारण विगत वर्ष 15 लाख से अधिक परिवारों को 602 करोड़ रूपए का भुगतान हुआ.
वन-धन-विकास केंद्र की स्थापना की गई
एक हजार से अधिक हाट-बाजारों पर संग्रहण केंद्र तथा वन-धन-विकास केंद्र की स्थापना की गई है. 50 हजार आदिवासी महिलाओं को इन केन्द्रों से जोड़ा गया है. वन्य प्राणियों द्वारा जनहानि होने पर क्षतिपूर्ति सहायता राशि 4 लाख से बढ़ाकर 6 लाख रुपए की गई है. वहीं दूसरी ओर कोरबा, कटघोरा, धरमजयगढ़, सरगुजा वन मंडलों के 1995 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रों में ‘लेमरू एलिफेंट रिजर्व’ बनाने की दिशा में कार्यवाही प्रगति पर है.
उठाए गए अनेक कदम
राज्यपाल ने कहा कि 'सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बच्चों को शिक्षा की बेहतर सुविधाएं दी हैं. प्री-मेट्रिक छात्रावास और आवासीय विद्यालयों सहित आश्रमों में निवासरत विद्यार्थियों की शिष्यवृत्ति दर बढ़ाकर 1000 रूपए प्रतिमाह कर दी है. मेट्रिकोत्तर छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए भोजन सहायता की राशि बढ़ाकर 700 रुपए प्रतिमाह कर दी गई है. 17 नये एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शुरू किए गए हैं.
15 हजार स्थाई शिक्षक-शिक्षिकाओं की भर्ती की जाएगी
स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सरकार लगभग 15 हजार स्थाई शिक्षक-शिक्षिकाओं की भर्ती कर रही है, जिससे 7 हजार से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाएं आदिवासी अंचलों की शालाओं को मिलेंगे. सरकार ने बस्तर और सरगुजा संभाग के साथ कोरबा जिले में अनुसूचित जनजाति युवाओं की बहुलता को देखते हुए जिला संवर्ग के तहत तृतीय, चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों में भर्ती की अवधि 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ा दी है.
जनता के नजदीक पहुंचने उठाए गए कारगर कदम
राज्यपाल ने कहा कि 'सरकार ने प्रशासनिक विकेन्द्रीयकरण के माध्यम से जनता के अधिक से अधिक निकट पहुंचने और उन्हें विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करने के कारगर कदम उठाए हैं. इसके तहत प्रदेश के 28वें जिले के रूप में ‘‘गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही’’ 10 फरवरी 2020 से अस्तित्व में आ गया है.
'महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना'
'महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना' के अंतर्गत अब तक सृजित 685 लाख मानव दिवसों में से 287 लाख मानव दिवस अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं. सरकार ने सार्वभौम पीडीएस के माध्यम से लगभग 65 लाख परिवारों को खाद्यान्न और पोषण सुरक्षा दी है. 35 किलो चावल देने का वायदा निभाया है, जिसमें से अन्त्योदय, प्राथमिकता, अन्नपूर्णा राशन कार्डों के माध्यम से लगभग 26 लाख परिवारों को 1 रूप प्रतिकिलो की दर पर चावल देने का इंतजाम किया है.
आदिवासी अंचलों में पोषण सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम
उन्होंने कहा कि आदिवासी अंचलों में पोषण सुरक्षा के लिए सरकार ने विशेष इंतजाम किए हैं. अंत्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्डधारी परिवारों को निःशुल्क रिफाइन्ड आयोडाइज्ड नमक दिया जा रहा है.
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया
राज्यपाल ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को विश्व के सामने प्रस्तुत करने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया, जिसमें 24 प्रदेशों, 6 अन्य देशों के 1800 कलाकारों ने सीधी भागीदारी निभाई.
किसानों का विश्वास खेती किसानी के प्रति मजबूत हुआ
सरकार ने किसानों को प्रति क्विंटल धान के लिए 2500 रुपए देने, अल्पकालीन ऋण माफी के साथ ही मक्के की खरीदी समर्थन मूल्य पर करने, उद्यानिकी फसलों का विस्तार करने जैसे अनेक किसान हितकारी कदम उठाए हैं, जिससे किसानों की आए बढ़ाने में मदद मिल रही है.
शक्कर कारखाने में इथेनॉल प्लांट की स्थापना की जाएगी
राज्य के सहकारी शक्कर कारखानों में उत्पादित शक्कर को सार्वजनिक वितरण प्रणाली में लिया जा रहा है. कवर्धा स्थित शक्कर कारखाने में इथेनॉल प्लांट की स्थापना की कार्यवाही शुरू कर दी है. पंडरिया और अंबिकापुर के सहकारी शक्कर कारखानों में भी इथेनॉल प्लांट लगाये जाएंगे. धान से इथेनॉल बनाने के लिए भी पुरजोर कोशिश की जा रही है.
जल संसाधन विकास के सारे विकल्पों पर गंभीरता
सरकार जल संसाधन विकास के सारे विकल्पों पर भी गंभीरता से कार्य कर रही है. समग्र और समन्वित प्रयासों के लिए जल संसाधन नीति तैयार की जा रही है. सिंचाई विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है. वर्तमान में निर्मित योजनाओं से लगभग 13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में वास्तविक सिंचाई हो पाती है. इसे बढ़ाकर 5 वर्षों में दोगुना करने के लिए 55 सूक्ष्म सिंचाई 2,292 लघु 80 उद्वहन सिंचाई योजनाएं और 689 एनीकट,स्टापडेम का कार्य शीघ्र पूरा करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.
ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए अनेक कदम
राज्यपाल ने कहा कि सरकार पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए जनभागीदारी बढ़ाने और संस्थाओं के सशक्तिकरण का काम तेजी से कर रही है. छत्तीसगढ़ पंचायत अधिनियम, 1993 में संशोधन करके उम्मीदवारों की न्यूनतम योग्यता में कक्षा का मापदण्ड हटाकर साक्षर कर दिया है.
‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ के हजारों किमी की सड़कें बनाई जा रही
ग्रामीण अधोसंरचना के विकास के लिए ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ के अंतर्गत 3 हजार 700 किलोमीटर से अधिक 355 सड़कों और 10 वृहद पुलों के निर्माण हेतु 2 हजार 210 करोड़ रुपए की लागत की परियोजनाओं की स्वीकृति हाल ही में प्राप्त की गई है. इसे मिलाकर प्रदेश में प्रधानमंत्री सड़क योजना से निर्मित सड़कों की लम्बाई 40 हजार 690 किलोमीटर हो जाएगी.
घर पहुंच बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी
स्वच्छ भारत मिशन, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं विकास योजना, मुख्यमंत्री ग्राम गौरव पथ जैसी सभी योजनाओं में भी तेजी लाई जाएगी. ग्रामीण अंचलों में घर पहुंच बैंकिंग सेवाएं बढ़ाने के लिए 3 हजार ‘बीसी सखी सेवा’ शुरू करने का लक्ष्य है और 1 हजार ने काम शुरू कर दिया है. सर्वाधिक नक्सल प्रभावित 8 जिलों में एक वर्ष में 32 नई बैंक शाखाएं खोली गई हैं. इस प्रकार बैंक शाखाओं और एटीएम को मिलाकर ऐसी सुविधा के 869 केंद्र बन गए.
सरकार ग्रामोद्योग को बढ़ावा दे रही
उन्होंने कहा कि सरकार ने ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं, जिसमें से मैनपाट में बंद पड़ा कालीन उत्पादन का कार्य फिर से शुरू किया गया. 175 करोड़ रुपए के हाथकरघा वस्त्रों की खरीदी सरकारी विभागों द्वारा की गई.
सरकार ने गौठानों से लेकर छोटेे कारखानों तक को ऐसे उत्पादों के लिए प्रेरित किया है, जो अपनी माटी की महक और कलाकारी की चमक से बाजारों में अपनी जगह बना रहे हैं. मुझे विश्वास है कि महिलाओं, किसानों, वन-निवासियों को समूह गतिविधियों के लिए संगठित और प्रोत्साहित करने के बेहतर नतीजे आएंगे.
देखिए राज्यपाल के अभिभाषण की 10 बड़ी बातें –
1. नगरीय निकाय चुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पूरी निष्पक्षता से हुई.
2. सारकेगुड़ा मामले में सरकार ने जस्टिस एके पटनायक की अध्यक्षता में कमेटी गठित की, जिससे निर्दोष लोगों को राहत मिली.
3. सरकार ने तेंदूपत्ता की दरों को बढ़ाकर ₹4000 प्रति मानक बोरा किया है इससे आदिवासियों को लाभ हुआ है.
4. सरकार लेमरु एलीफेंट रिजर्व बनाने की दिशा में काम कर रही है.
5. सरकार ने बस्तर सरगुजा और मध्य क्षेत्र में विकास प्राधिकरणों का गठन किया है, इसके अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रुप में स्थानीय विधायकों को अवसर दिया गया है.
6. प्रशासनिक विकेंद्रीकरण के लिए सरकार ने पेंड्रा गौरेला मरवाही को जिले का दर्जा दिया है.
7. सरकार ने सार्वभौम पीडीएस के तहत सभी को राशन कार्ड उपलब्ध कराया है.
8. आदिवासी संस्कृति को प्रोत्साहित करने सरकार ने आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जिसमें देश विदेश के 15 हजार कलाकार शामिल हुए.
9. सरकार के अभिनव पहल नरवा, गरवा, घुरुवा, बारी से ग्रामीण विकास के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.
10. सरकार ने खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत 56 लाख परिवारों को उपचार की सुविधा दी है.