रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अगर आप को भूख लगी हो और आपके पास नाश्ता करने के लिए रुपये नहीं हो तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है. आपको यहां फ्री में एक प्लेट नाश्ता मिल सकता है. बशर्ते आपको 1 किलो पॉलीथीन देना पड़ेगा. अंबिकापुर के गार्बेज कैफे की तर्ज पर रायपुर को भी प्लास्टिक फ्री बनाने के लिए रायपुर नगर निगम की तरफ से अनोखे फूड बैंक की शुरुआत की गई है. जहां यूज्ड या नान यूज्ड पॉलीथीन देने से एक प्लेट टेस्टी सेव वाला पोहा और समोसा मिलता है. शुक्रवार को मेयर एजाज ढेबर ने इस अनोखे फूड बैंक की शुरुआत की.
रायपुर नगर निगम का फूड बैंक: रायपुर नगर निगम की तरफ से शहर को पॉलीथीन मुक्त बनाने के लिए शास्त्री बाजार में फूड बैंक की शुरुआत की गई है. इस फूड बैंक का संचालन जान्हवी महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं की तरफ से किया जा रहा है. यहां शुरुआत में पोहा और समोसा रखा गया है. आगे और भी कई तरह के व्यंजन रखने की प्लानिंग है. इस फूड बैंक के जरिए जहां महिलाओं को रोजगार मिल रहा है. वहीं महिलाओं ने रायपुर को स्वच्छ बनाने की दिशा में काम करते हुए पॉलीथीन के बदले नाश्ता देने की नई शुरुआत की है. इस फूड बैंक में जमा होने वाले पॉलीथीन को रायपुर नगर निगम की तरफ से खरीदा जाएगा. जो नाश्ता समूह की महिलाओं की तरफ से दिया जा रहा है. उसका भुगतान भी निगम ही करेगा.
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रायपुर नगर निगम के फूड बैंक में पॉलीथीन देने पर नाश्ता: जान्हवी महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष रीना यादव ने बताया कि 'नगर निगम की तरफ से फूड बैंक के रूप में हमें रोजगार का अवसर मिला है. इसके माध्यम से हम एक कदम स्वच्छता की ओर भी बढ़ा रहे हैं. अगर कोई भी व्यक्ति 1 किलो पॉलीथीन लेकर आता है तो उसके बदले में हम एक प्लेट नाश्ता देंगे. प्लास्टिक मुक्त रायपुर की ओर बढ़ने के लिए ये एक अच्छी पहल है. शास्त्री बाजार में बड़ी संख्या में प्लास्टिक पड़े रहते हैं. जिन्हें नाश्ता करना होगा वो बाजार से ही प्लास्टिक और पॉलीथीन कलेक्ट कर के हमारे पास लेकर आएंगे तो हम उन्हें नाश्ता देंगे'.
रायपुर नगर निगम के NULM (National Urban Livelihoods Mission) विभाग की CEO दीपा चंद्राकर ने बताया कि 'आने वाले दिनों में पब्लिक के डिमांड पर व्यंजन तैयार किया जाएगा. शहर को स्वच्छ बनाने और स्वच्छता रैंकिंग में नंबर वन आने के लिए पूरा नगर निगम लगा हुआ है. इस दिशा में हमारा यह छोटा सा प्रयास है. रायपुर शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए हमारा पूरा प्रयास रहेगा. इस फूड बैंक के जरिए महिलाओं को रोजगार मिलेगा. साथ ही हमारा शहर प्लास्टिक मुक्त भी होगा'.
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रायपुर को प्लास्टिक फ्री बनाने की योजना: रायपुर नगर निगम जोन 4 के कमिश्नर विनय मिश्रा का कहना है कि 'शासन का निर्देश है कि पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए शहर प्लास्टिक मुक्त करना है. इसी उद्देश्य से फूड बैंक की शुरुआत की गई है. इसका मुख्य उद्देश्य है कि रायपुर शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाया जाए. इसमें महिलाओं को भी रोजगार मिल रहा है. इसके साथ ही जो लोग प्लास्टिक इकट्ठा कर हम तक लाएंगे. उन्हें हम नाश्ता भी उपलब्ध करवा रहे हैं. यह एक प्रयोग के रूप में शुरू किया गया है. लोगों का सहयोग रहेगा तो निश्चित तौर पर हमें अच्छी सफलता हासिल होगी'.
फूड बैंक में पॉलीथीन लेकर पहुंचे रजत तांडी ने बताया कि 'वे शास्त्री बाजार में सब्जी का व्यवसाय करता हूं. मुझे जानकारी मिली कि पॉलिथीन जमा करने के बाद यहां नाश्ता दिया जा रहा है तो मैंने 1 किलो पॉलिथीन जमा किया. जिसके बदले में एक प्लेट नाश्ता दिया गया. यहां का नाश्ता बहुत ही स्वादिष्ट है. यह पहल बहुत अच्छी है'. छत्तीसगढ़ में सबसे पहला गार्बेज कैफे अंबिकापुर में खोला गया था. अंबिकापुर के बाद रायपुर प्रदेश का दूसरा शहर है. जहां शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए इस तरह की शुरुआत की गई है.