रायपुर: राजधानी में आयोजित धर्म संसद में महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कालीचरण महाराज के खिलाफ एफआईआर दर्ज (FIR against Kalicharan Maharaj in raipur) हो गई है. कालीचरण महाराज के विवादित बयान पर सीएम भूपेश बघेल ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि 'अब तक बीजेपी के नेताओं की ओर से कोई बयान क्यों नहीं आया. इस पर बीजेपी क्यों मौन बैठी है. बघेल ने कहा कि ये धरती शांति की, प्रेम की, भाईचारे की, गुरु घासीदास की धरती है. यहां उत्तेजक और अहिंसात्मक बातें बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी. प्रशासन की ओर से जितने कड़े से कड़े कदम हो सकता है उठाया जाएगा. विधि सम्मत कार्रवाई होगी'. सीएम ने ये बातें सतना रवाना होने से पहले रायपुर एयरपोर्ट पर कहीं.
नवाब मलिक ने कसा तंज
सोशल मीडिया में कालीचरण महाराज का वीडियो वायरल होने के बाद देशभर के नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है. महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने ट्वीट के जरिए तंज कसा है. उन्होंने कहा कि 'सत्य और अहिंसा को झूठे और हिंसक कभी हरा नहीं सकते. बापू हम शर्मिंदा हैं तेरे कातिल जिंदा हैं'.
राहुल ने महात्मा गांधी के विचारों को किया शेयर
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महात्मा गांधी के विचारों को लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि 'आप मुझे बेड़ियों से जकड़ सकते हैं, यातना दे सकते हैं, आप इस शरीर को खत्म भी कर सकते हैं, लेकिन आप मेरे विचारों को क़ैद नहीं कर सकते'.
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'राष्ट्रपिता पर जो भी टिप्पणी करेगा वो दंडित होगा'
जबलपुर से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि धर्मसंसद में महात्मा गांधी पर की गई टिप्पणी गलत है. इस पर कानून सम्मत कार्रवाई होनी चाहिए. कानून के ऊपर कोई नहीं है. राष्ट्रपिता को नीचा दिखाने की इजाजत किसी को नहीं है. जो भी इस तरह का काम करेगा वह दंडित होगा.
धर्मसंसद में कालीचरण महाराज का विवादित बयान (Kalicharan Maharaj statement in Dharma sansad)
रविवार को रायपुर धर्म संसद 2021 (Raipur Dharma Sansad 2021) में महाराष्ट्र से आए संत कालीचरण ने मंच से राष्ट्रपिता (Father of the Nation Mahatma Gandhi) महात्मा गांधी (controversial statement on Mahatma Gandhi in Dharmasansad) पर कई विवादित बयान दिए. उन्होंने सन 1947 में हुए भारत के बंटवारे के लिए बापू को जिम्मेदार ठहराया और महात्मा गांधी के खिलाफ अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल भी किया. कालीचरण ने कहा कि 'सन 1947 में हमने यह देखा है कि कैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश पर इस्लाम ने कब्जा किया. मोहनदास करमचंद गांधी ने देश का सत्यानाश किया. नमस्कार है नाथूराम गोडसे को जिन्होंने उन्हें मार दिया.
महंत रामसुंदर दास ने छोड़ा मंच
इस बयान के बाद धर्मसंसद में हंगामा मच गया. कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक और राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास (Mahant Ramsundar Das Chairman of State Gauseva Commission) ने कालीचरण के बयान पर कड़ा ऐतराज जताया. उन्होंने कहा कि 'वह अगले साल धर्म संसद में शामिल नहीं होंगे. मंच से महात्मा गांधी के खिलाफ अशोभनीय बातें कही गई है. हम इसका विरोध करते हैं. मैं इस कार्यक्रम से ताल्लुक नहीं रखता'. यह कहते हुए वे मंच छोड़कर चले गए.
विवाद के बाद सीएम के आने का कार्यक्रम हुआ था रद्द
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल होने वाले थे. उनके कार्यक्रम में शामिल होने की सूचना मंच से दी गई थी. उनके बैठने के लिए कुर्सी लगा दी गई और सुरक्षा के सारे इंतजाम कर दिए गए थे. लेकिन जब कालीचरण का संबोधन हुआ. उसके बाद सीएम का इस संसद में आने का कार्यक्रम रद्द हो गया था.
गांधी पर विवादित बयान के दौरान मौजदू थे बीजेपी और कांग्रेस के नेता
जिस समय मंच से संत कालीचरण, महात्मा गांधी को अपशब्द कह रहे थे. उस समय दर्शकों के बीच में कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे, बीजेपी नेता सच्चिदानंद उपासने और नंदकुमार साय भी मौजूद थे. लेकिन किसी ने भी हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं की.
देर रात पीसीसी चीफ पहुंचे थाने
धर्म संसद में कालीचरण महाराज द्वारा महात्मा गांधी पर किए गए आपत्तिजनक टिप्पणी (Objectionable remarks on Mahatma Gandhi in Raipur Dharma Sansad ) के बाद देर रात 12 बजे मोहन मरकाम सिविल लाइन थाने पहुंचे. उनके साथ युवा कांग्रेस के अध्यक्ष कोको पाढ़ी समेत बड़ी संख्या में यूथ कार्यकर्ता मौजूद रहे. इस दौरान कांग्रेसियों ने थाने के बाहर कालीचरण महाराज के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. पीसीसी चीफ मरकाम ने कहा कि 'धर्म संसद में जिस तरह से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है. उसके विरोध में वे राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज करवाने थाने पहुंचे हैं. कालीचरण बाबा ने जिस तरह से गांधी जी का अपमान किया है ये पूरे देश का अपमान है'.
कालीचरण महाराज पर ये धाराएं लगी
मामले को लेकर सिविल लाइन सीएसपी वीरेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि 'पीसीसी चीफ मरकाम ने आवेदन दिया है. चूंकि मामला टिकरापारा थाना क्षेत्र का है. वहां भी कुछ लोग शिकायत दर्ज कराने पहुंचे थे. घटना स्थल टिकरापारा थाना क्षेत्र का है. वस्तुस्थिति को देखते हुए टिकरापारा थाना को पत्र स्थानांतरित कर दिया गया. मोहन मरकाम जिस समय सिविल लाइन थाने में थे उसी समय नगर निगम सभापति प्रमोद दुबे टिकरापारा थाने में थे. प्रमोद दुबे की शिकायत के आधार पर टिकरापारा पुलिस ने कालीचरण महाराज के खिलाफ धारा 505(2) और 294 के तहत मामला दर्ज कर लिया है.