रायपुर: राजधानी हॉस्पिटल में शनिवार को बेहद भयानक हादसा हुआ था. अस्पताल में लगी आग में कोरोना का इलाज करा रहे 5 मरीजों की दर्दनाक मौत हो गई थी. परिवार वाले इस दु:ख से बेहाल थे ही, हॉस्पिटल की बेरुखी भी कम नहीं थी. इस भयानक हादसे के 28 घंटे बाद रविवार शाम 6 बजे के करीब परिजनों को अपनों का शव मिल पाया. इस दौरान परिवारवाले भूखे-प्यासे अस्पताल के बाहर बैठे. हादसे को 2 दिन बीतने वाले हैं लेकिन अब तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.
रायपुर के प्राइवेट कोविड अस्पताल राजधानी हॉस्पिटल में आग लगने से एक मरीज की जिंदा जलकर जबकि चार मरीजों की दम घुटने से मौत हो गई थी. हादसे में 5 लोगों की मौत होने का दावा शनिवार रात को प्रशासन ने किया था. शव रात को ही अस्पताल से निकाल लिया गया था. पोस्टमार्टम में देरी की वजह से परिजन बेबस होकर पार्थिव देह मिलने के इंतजार में बैठे थे. 5 मौतों की आधिकारिक पुष्टि के बाद रविवार की सुबह राजधानी अस्पताल के मरीजों में से 6 के शव लाए गए. जानकारी के मुताबिक एक मरीज की मौत आग लगने की वजह से जान बचाकर भागने के दौरान हो गई. हालांकि इस पर आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से अफसर बच रहे हैं. शनिवार को किए गए सरकारी दावे के मुताबिक राजधानी अस्पताल में लगी आग की वजह से कोरोना मरीज रमेश साहू की जलने, ईश्वर राव, वंदना गजमाला, देवकी सोनकर और भाग्यश्री की दम घुटने की वजह से मौत हो गई थी.
राजधानी अस्पताल में आग से 5 मरीजों की मौत, मुआवजे का ऐलान
परिजनों को करना पड़ा लंबा इंतजार
परिजनों को पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के दौरान सरकारी लेट लतीफी से दो चार होना पड़ा. मृतक रमेश साहू के भाई प्रिय प्रकाश ने बताया कि सुबह से मैं पूछता रहा कि बॉडी कब मिलेगी ? हर बार अस्पताल का स्टाफ औपचारिकताएं गिनाता रहा. कभी पुलिस की जानकारी तो कभी तहसीलदार के लेटर का हवाला दिया गया. कभी बताया गया कि स्टाफ कम है बॉडी ज्यादा है. इसी तरह बाकी मृतकों के परिजन भी परेशान थे. राजधानी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ टिकरापारा थाने में FIR दर्ज कर ली गई है लेकिन अब तक किसी के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं हुई है.
इस घटना के बाद स्वास्थ्य संचालनालय से छत्तीसगढ़ के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को आदेश जारी किया गया है. आदेश में लिखा गया है कि शासकीय और प्राइवेट अस्पतालों की फायर सेफ्टी ऑडिट की जानी है. सभी प्राइवेट अस्पताल फायर ऑडिट किए जाने की जानकारी चीफ मेडिकल अफसर को दें. सरकारी अस्पतालों का भी फायर ऑडिट होगा. आदेश में ये भी कहा गया है कि प्राइवेट अस्पतालों में नर्सिंग होम एक्ट के तहत सुविधा, बनावट और दस्तावेज की छापा मारकर जांच करें. हर तीन महीने में इस तरह की जांच होती रहनी चाहिए.
शनिवार को हुआ था हादसा
पचपेड़ी नाका इलाके में राजधानी नाम के कोविड अस्पताल में शनिवार की दोपहर आग लगी. इसकी वजह अब तक शॉर्ट सर्किट को बताया जा रहा है. शुरुआती जांच में अस्पताल में आग बुझाने के कोई इंतजाम, इमरजेंसी एग्जिट और वेंटिलेशन का प्रॉपर इंतजाम नहींं मिला है. रात के वक्त जिला कलेक्टर डॉक्टर एस भारतीदासन और एसएसपी अजय यादव घटनास्थल पर पहुंच गए थे. हादसे के बाद 19 मरीजों के दूसरे अस्पताल और 10 को यशोदा अस्पताल भेजा गया. मृतकों के परिजनों के लिए सरकार ने 4-4 लाख रुपए का मुआवजा देने का एलान किया है.