रायपुर: छत्तीसगढ़ में जेसीसीजे यानि की जोगी कांग्रेस (Janta Congress Chhattisgarh j) का जन्म यहां की जनता को नए राजनीतिक दल का विकल्प देने के लिए हुआ था. लेकिन अजीत जोगी के निधन (death of ajit jogi) के बाद से जोगी कांग्रेस को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं हैं. इस बात को लेकर राजनीतिक प्रेक्षक अपनी अलग-अलग राय रखते हैं . मगर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी (jccj State President Amit Jogi) का मानना है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी का प्रदर्शन काफी बेहतर होगा. वे मानते हैं कि हाल ही में हुए नगरीय निकाय चुनाव (chhattisgarh urban body election) में इस बात के संकेत भी कई जगहों पर मिले हैं. बिरगांव और जामुल जैसे निकायों में पार्टी के कई पार्षद जीत कर आए हैं , वहीं कई स्थानों पर पार्टी के प्रत्याशियों ने अपने विपक्षी उम्मीदवारों को कड़ी चुनौती भी पेश की है. पार्टी के भविष्य की योजनाओं और प्रदेश से जुड़े अन्य विषयों पर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है. इस बातचीच में उन्होंने ईटीवी भारत के सवालों को बेबाकी से जवाब दिया है.
सवाल : आपके पिता ,अजीत जोगी (Ajit jogi) जी के नहीं रहने से आपको व्यक्तिगत रूप से तो नुकसान हुआ ही हैं. आपकी पार्टी को भी इससे नुकसान हुआ. अब इसकी भरपाई किस तरह से कर रहे हैं
जवाब : कुछ लोगों को गलतफहमी है कि अजीत जोगी जी के नहीं रहने के बाद हम अनाथ हो गए हैं. लेकिन जोगी जी का मानना था कि छत्तीसगढ़ महतारी , यहां की गरीब जनता , आदिवासी और शोषित लोगों का हाथ जिसके ऊपर रहेगा वह कभी अनाथ नहीं हो सकता. जोगी जी ने छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया का नारा दिया और उनके इस सपने को हमें साकार करना है. मैं जोगी जी का अकेला बेटा नहीं हूं बल्कि उन्हें स्नेह करने वाले प्रदेश में बेटे , बेटियों की संख्या अनगिनत है. जोगी जी का सपना था कि क्षेत्रीय पार्टी की प्रदेश में सरकार बने और इसी धरती से जनता के हित के अपने फैसले स्वयं लें. रही बात हमारी पार्टी के भविष्य की बात की तो नगरीय निकाय चुनाव में कई जगह हमारा प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा. बिरगांव और जामुल में खासकर काफी बढ़िया प्रदर्शन रहा. अब लोगों को प्रदेश में तीसरे मोर्चे की उपस्थिति देखने को मिल रही है. हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में प्रदेश की जनता का आशीर्वाद , हमें जरूर मिलेगा.
सवाल : विधानसभा चुनाव में क्या आप लोग, थर्ड फ्रंट के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा पाएंगे.
जवाब : हम लगातार अपने संगठन को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. हमें स्थानीय मुद्दों को लेकर प्रदेश में लड़ाई लड़नी पड़ेगी. राज्य में विपक्ष कमजोर है ऐसे में हमें सशक्त विपक्ष की भूमिका निभानी पड़ेगी .
सवाल : आपके नेतृत्व क्षमता को भी लेकर कुछ लोगों ने सवाल खड़े किए थे.
जवाब : मैं खुद को नेतृत्वकर्ता मानता ही नहीं हूं. मेरे पिता अजीत जोगी जी ने भी पार्टी का गठन इसी उद्देश्य को लेकर किया था. ताकि इस पार्टी का हाईकमान छत्तीसगढ़ की जनता रहे. इसके अनुरूप ही हम आगे बढ़ रहे हैं. प्रदेश की राजनीति का एजेंडा भी हम ही आगे तय करेंगे. जैसे शराबबंदी प्रदेश का एक बड़ा मुद्दा है. पहले मुख्यमंत्री जी दारू वाले बाबा और वर्तमान मुख्यमंत्री को लोग, दारू वाले काका कहने लग गए हैं. ऐसे में शराबबंदी की लड़ाई हम ही लड़ेंगे
सवाल : शराबबंदी के लिए सरकार ने कमेटी का गठन किया है और बीजेपी से भी उस कमेटी के सदस्य के रूप में एक विधायक का नाम मांगा है. क्या आपको लगता है कि इस दिशा में सरकार , सकारात्मक पहल कर रही है
जवाब : कमेटी में नाम रखने के लिए मुझसे भी हमारी पार्टी के विधायक का नाम मांगा गया था. लेकिन हम उनसे यह पूछना चाहते हैं कि सरकार बनने से पहले जब घोषणा पत्र में उन्होंने यह वायदा किया था, तो क्या , इन बिंदुओं का जिक्र किया था कि हम शराबबंदी के लिए कमेटी बनाएंगे. उसके बाद ही हम शराबबंदी करेंगे. उसमें तो कमेटी की बात ही नहीं की गई थी.कांग्रेस को बदलाव का जनादेश मिला था. मगर, बदलाव की की जगह प्रदेश की कांग्रेस सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. हमारे पड़ोसी राज्य लगातार तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और हमारी सरकार बेरोजगारी पर बात भी नहीं कर रही है. छत्तीसगढ़िया को सबसे बढ़िया बनना है तो हमारी धरती पर , हमारे वनों पर , हमारी नदियों पर और यहां पनप रहे रोजगार पर पहला अधिकार छत्तीसगढ़िया का होना चाहिए. बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि सिलगेर में आदिवासियों , किसानों पर गोली चली लेकिन अभी तक न्यायिक जांच का गठन नहीं किया गया है.
सवाल : मगर सरकार में बैठे लोग तो यह कहते हैं कि उनकी सरकार , गरीब ,आदिवासी , शोषित और किसानों की सरकार है. इसमें कितनी सच्चाई है.
जवाब : जहां कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी गए थे वहीं पर जंगल काट दिए गए . वहां पर 6 कोयला खदानों की परमिशन दे दी गई. नारायणपुर में आदिवासी खदानों के खिलाफ लगातार विरोध कर रहे हैं. ऐसे में यह कहना कि यह गरीब , किसानों ,आदिवासियों की सरकार है यह सच नहीं है
सवाल : क्या इस बात में कोई सच्चाई है कि आने वाले दिनों में आपकी पार्टी का विलय कांग्रेस में होगा . इस बात को लेकर चर्चाएं भी चलती रहती हैं.
जवाब : प्रदेश में , हम फर्स्ट फ्रंट पार्टी बनना चाहते हैं. छत्तीसगढ़ के हितों के साथ हमेशा तिरस्कार हुआ है. अब ऐसा नहीं चलेगा और हम पहली पंक्ति के पार्टी बनकर लोगों की आवाज उठाएंगे.
सवाल : अक्सर ये देखा गया है कि देश में जहां-जहां क्षेत्रीय पार्टियां हैं. वहां पर परिवारवाद को लेकर सवाल खड़े होते हैं. क्या आपको भी इस तरह के सवालों का सामना करना पड़ता है
जवाब : मुझे यह लगता है कि जनता, अपने नेता को पहले परखती है. अगर नेता में काबिलियत नहीं है , तो जनता उसे मौका नहीं देती है.
सवाल : वर्ष 2022 में पार्टी को मजबूत करने के लिए आपने , क्या कार्य योजना बनाई है
जवाब : हम लोग कोंटा से लेकर बलरामपुर तक पार्टी संगठन को तैयार कर रहे हैं. हम लोगों ने हालांकि फैसला लिया है कि अभी हम धीरे-धीरे, कछुए की तरह काम करेंगे. क्योंकि हमारे लोगों को तरह तरह से दबाव और प्रलोभन भी दिए जाते हैं हम अपनी पार्टी में सेकंड लाइन भी डेवलप कर रहे हैं. आने वाले चुनाव में एक नई पीढ़ी को हम लोग अवसर प्रदान करेंगे.
सवाल : ममता बनर्जी देशभर के अलग-अलग हिस्सों में जाकर वहां के क्षेत्रीय दलों के नेताओं से बातचीत कर रही हैं. क्या आप लोगों से भी उनकी कोई चर्चा हुई क्या
जवाब : बात तो होती ही रहती है . मां के साथ उनका काफी निकटतम संबंध है . उनके चुनाव के दौरान मैंने भी उनसे बातचीत की थी. उनके नेतृत्व में गैर कांग्रेस और गैर भाजपाई विकल्प तैयार हो रहा है. यह अच्छी बात है. जो काम कांग्रेस को बतौर विपक्ष करना था. उस भूमिका को निभाने में कांग्रेस विफल रही और ममता दीदी ने अकेले केंद्र के खिलाफ लड़ाई लड़ी. उन्होंने सिद्ध भी किया कि, वे केंद्र सरकार या बीजेपी के खिलाफ बेबाकी से लड़ाई लड़ सकती हैं. ऐसा नेतृत्व अगर देश को मिलेगा तो अच्छा होगा , क्योंकि अगर कांग्रेस खुद में बदलाव नहीं करती है तो गैर कांग्रेसी या गैर भाजपाई विकल्प देश के लिए बेहद जरूरी है.