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SPECIAL: लॉकडाउन में विज्ञापन हुए लॉक, एड एजेंसियों में काम ठप - कोरोना से एड एजेंसी को नुकसान

लॉकडाउन में जहां एक ओर सारे कारोबार ठप पड़े हुए हैं, वहीं विज्ञापन का कारोबार भी इससे अछूता नहीं है. प्रदेश भर के लगभग डेढ़ सौ विज्ञापन एजेंसियां इस लॉकडाउन में प्रभावित हुई हैं. विज्ञापन के काम से जुड़े लोग आने वाले दिनों में विज्ञापन जगत में करोड़ों के नुकसान की संभावना जता रहे हैं.

Effect of lockdown in advertising agencies of Chhattisgarh
विज्ञापन एजेंसी में काम ठप
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Published : May 18, 2020, 3:06 PM IST

Updated : May 19, 2020, 12:10 PM IST

रायपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से एक तरफ जहां उद्योग धंधे चौपट हो गए हैं, वहीं विज्ञापन एजेंसियों का कारोबार भी पूरी तरह से ठप हो गया है. विज्ञापन एजेंसियों को लॉकडाउन के दौरान कहीं से एक पैसे का विज्ञापन नहीं मिल रहा है. लॉकडाउन को 2 महीने होने वाले हैं और इन 2 महीनों में पूरे प्रदेश में एजेंसियों को करीब 8 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. विज्ञापन एजेंसियों को कम से कम 5 महीने तक काम मिलने की संभावना बहुत कम नजर आ रही है.

एड एजेंसियों पर लॉकडाउन का असर

एजेंसियों में काम करने वाले पूरे प्रदेश में करीब डेढ़ हजार कर्मचारी भी बेरोजगार हो गए और संकट के दौर से गुजर रहे हैं. देश के साथ प्रदेश के अखबारों और चैनलों में विज्ञापन देने का काम विज्ञापन एजेंसियां करती है. इसी के साथ शहरों में होर्डिंग्स और फ्लेक्स का काम भी एड एजेंसियों के हाथ में रहता है. कोरोना काल में सबसे ज्यादा परेशानी एड एजेंसियां को उठानी पड़ रही है. काम धंधा नहीं होने के कारण कोई भी दुकानदार, संचालक अपने उत्पादन का एड देने को तैयार नहीं है.

प्रदेश में लगभग डेढ़ सौ विज्ञापन एजेंसियों का काम बंद

एजेंसियों को निजी काम के ही भरोसे ही रहना पड़ रहा है. प्रदेश की बात की जाए तो प्रदेश में छोटी-बड़ी मिलाकर लगभग डेढ़ सौ एड एजेंसी हैं. इनमें से आधे से ज्यादा एड एजेंसी रायपुर में है. इन एजेंसियों में 3 तरह से काम होता है. पहला होर्डिंग्स और फ्लेक्स का एड, दूसरा अखबारों का और तीसरा चैनलों के लिए एड लेने का काम. इन तीन तरह के काम में सबसे ज्यादा कारोबार रायपुर में ही होता है.

Effect of lockdown in advertising agencies of Chhattisgarh
एजेंसियों में कामकाज ठप

पढ़ें: सरकार नए उद्यमी पैदा करे और गांवों पर ध्यान दे, किसी और की जरूरत नहीं पड़ेगी: तुलसी टावरी

करोड़ों के नुकसान की संभावना

सामान्य दिनों की बात की जाए तो 1 महीने में लगभग 4 करोड़ रुपए का एड का कारोबार होता था. एड एजेंसी से जुड़े लोगों का साफ कहना है कि जिस तरह की स्थिति कोरोना को लेकर नजर आ रही है, उससे तय है की बाजार दीपावली से पहले गुलजार नहीं होगा. अगर बाजार गुलजार नहीं होगा तो एड का काम भी नहीं मिलने वाला है. आने वाले 5 महीने में लगभग 20 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित होने की संभावना है. वहीं अब एड एजेंसियों का काम करने वाले कारोबारी राज्य सरकार से होर्डिंग्स पर टैक्स माफ करने की मांग कर रहे हैं.

रायपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से एक तरफ जहां उद्योग धंधे चौपट हो गए हैं, वहीं विज्ञापन एजेंसियों का कारोबार भी पूरी तरह से ठप हो गया है. विज्ञापन एजेंसियों को लॉकडाउन के दौरान कहीं से एक पैसे का विज्ञापन नहीं मिल रहा है. लॉकडाउन को 2 महीने होने वाले हैं और इन 2 महीनों में पूरे प्रदेश में एजेंसियों को करीब 8 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. विज्ञापन एजेंसियों को कम से कम 5 महीने तक काम मिलने की संभावना बहुत कम नजर आ रही है.

एड एजेंसियों पर लॉकडाउन का असर

एजेंसियों में काम करने वाले पूरे प्रदेश में करीब डेढ़ हजार कर्मचारी भी बेरोजगार हो गए और संकट के दौर से गुजर रहे हैं. देश के साथ प्रदेश के अखबारों और चैनलों में विज्ञापन देने का काम विज्ञापन एजेंसियां करती है. इसी के साथ शहरों में होर्डिंग्स और फ्लेक्स का काम भी एड एजेंसियों के हाथ में रहता है. कोरोना काल में सबसे ज्यादा परेशानी एड एजेंसियां को उठानी पड़ रही है. काम धंधा नहीं होने के कारण कोई भी दुकानदार, संचालक अपने उत्पादन का एड देने को तैयार नहीं है.

प्रदेश में लगभग डेढ़ सौ विज्ञापन एजेंसियों का काम बंद

एजेंसियों को निजी काम के ही भरोसे ही रहना पड़ रहा है. प्रदेश की बात की जाए तो प्रदेश में छोटी-बड़ी मिलाकर लगभग डेढ़ सौ एड एजेंसी हैं. इनमें से आधे से ज्यादा एड एजेंसी रायपुर में है. इन एजेंसियों में 3 तरह से काम होता है. पहला होर्डिंग्स और फ्लेक्स का एड, दूसरा अखबारों का और तीसरा चैनलों के लिए एड लेने का काम. इन तीन तरह के काम में सबसे ज्यादा कारोबार रायपुर में ही होता है.

Effect of lockdown in advertising agencies of Chhattisgarh
एजेंसियों में कामकाज ठप

पढ़ें: सरकार नए उद्यमी पैदा करे और गांवों पर ध्यान दे, किसी और की जरूरत नहीं पड़ेगी: तुलसी टावरी

करोड़ों के नुकसान की संभावना

सामान्य दिनों की बात की जाए तो 1 महीने में लगभग 4 करोड़ रुपए का एड का कारोबार होता था. एड एजेंसी से जुड़े लोगों का साफ कहना है कि जिस तरह की स्थिति कोरोना को लेकर नजर आ रही है, उससे तय है की बाजार दीपावली से पहले गुलजार नहीं होगा. अगर बाजार गुलजार नहीं होगा तो एड का काम भी नहीं मिलने वाला है. आने वाले 5 महीने में लगभग 20 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित होने की संभावना है. वहीं अब एड एजेंसियों का काम करने वाले कारोबारी राज्य सरकार से होर्डिंग्स पर टैक्स माफ करने की मांग कर रहे हैं.

Last Updated : May 19, 2020, 12:10 PM IST
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