रायपुर : 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. प्रतिबंधित वस्तुओं में प्लास्टिक से बनी स्टीक भी शामिल है. गुब्बारे ईयर बड प्लास्टिक के कप गिलास चम्मच कांटे चाकू स्ट्रा और प्लास्टिक या पीवीसी से बने 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले बैनर पर भी अब रोक लगा दी गई. यह पर्यावरण की दिशा में एक बेहतर कदम है. लेकिन सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित किये जाने का असर राजधानी में देखने को मिल रहा (Effect of ban on single use plastic in Chhattisgarh) है. यहां के छोटे व्यापारी और दुकानदार पॉलिथीन नहीं मिलने के कारण अपने ग्राहकों को सामान भी नहीं बेच पा रहे हैं. छोटे दुकानदार और व्यापारियों में पॉलिथीन को लेकर निराशा देखने को मिली उनका कहना है कि ''सरकार को इसका कोई विकल्प निकालना चाहिए.''
क्या-क्या हुए हैं प्रतिबंधित : दुकानदार मुकेश अग्रवाल का कहना है कि "सिंगल यूज प्लास्टिक आज से प्रतिबंधित नहीं बल्कि इसमें पहले से प्रतिबंध लगा हुआ है. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा केंद्र सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक के दायरे में 19 तरह के आइटम को रखा (Customers have no choice in Raipur) है. जिसका उपयोग करें या ना करें इसका कोई फर्क नहीं पड़ता. उनका कहना है कि अगर आम जनता ही जागरूक होकर बाजार में थैला लेकर आते हैं. तो सिंगल यूज प्लास्टिक पर स्वता ही प्रतिबंध लग जाएगा. दुकानदार का कहना है कि कपड़े का कैरी बैग ग्राहक को देते हैं. तो इसका नुकसान हमें ही भरना पड़ेगा. ग्राहक इसके पैसे देने को तैयार नहीं है "
कितने लोगों का रोजगार होगा प्रभावित : गोल बाजार मर्चेंट संघ के अध्यक्ष सतीश जैन का कहना है कि '' प्लास्टिक लोगों की दिनचर्या और व्यवहार में शामिल हो गया है फैक्ट्री या कारखाने में काम करने वाले लाखों लोगों की रोजी-रोटी इस व्यवसाय से जुड़ी हुई है. जो पूरी तरह से प्रतिबंधित होने पर उनकी रोजी-रोटी छीन जाएगी और वे बेरोजगार हो जाएंगे. उन्होंने बताया कि व्यापारी अगर 100 माइक्रोन के प्लास्टिक का उपयोग करता है. तो वजन बढ़ने के साथ ही उसकी लागत भी बढ़ जाएगी. उन्होंने बताया कि पर्यावरण विभाग या नगर निगम के द्वारा प्लास्टिक प्रतिबंधित किए जाने को लेकर किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है. "
जोन स्तर पर टीम का गठन किया गया : रायपुर नगर निगम के अपर आयुक्त सुनील कुमार चंद्रवंशी ने बताया (Raipur Municipal Corporation formed team) कि "रायपुर नगर निगम के 10 जोन में जोन स्तर पर पर्यावरण विभाग और नगर निगम की टीम का गठन करने के साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर शहर में कार्यवाही की जा रही है"
कंपनियों में सिंगल यूज की संख्या ज्यादा : छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स और कैट के कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंह देव का कहना है कि "देश में सिंगल यूज प्लास्टिक का 98% उपयोग बहुराष्ट्रीय कंपनियां कारपोरेट निर्माताओं उत्पादकों ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा किया जाता है. एकाएक सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करने से बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो सकती है. बड़े पैमाने पर लोग सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करते हैं .पहले इसका विकल्प ढूंढा जाए उसके बाद इस पर प्रतिबंध लगाया जाए नहीं तो इससे उद्योगों को नुकसान होगा."
कब हुआ था नोटिफिकेशन जारी : आपको बता दें कि फरवरी 2022 में केंद्र सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद किए जाने का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया था और 5 महीने के समय में सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह से प्रतिबंधित हो जाना चाहिए था लेकिन अब तक सिंगल यूज प्लास्टिक बाजार में देखने को मिल रहे जब तक सिंगल यूज प्लास्टिक बाजार में मिलेगा तब तक लोग इसका उपयोग करेंगे पूरी तरह से प्रतिबंध लगने के बाद ही सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लग सकेगा.
सालाना लगभग 200 करोड़ रुपए का व्यापार होगा प्रभावित : पूरे प्रदेश में लगभग प्लास्टिक बनाने के 90 कारखाने हैं और 2000 लोगों की रोजी रोटी प्रत्यक्ष रुप से प्रभावित होने के साथ ही बेरोजगार हो जाएंगे पूरे प्रदेश में 5000 ट्रेडर्स हैं इसके साथ ही लगभग 3000 स्ट्रीट वेंडर की रोजी रोटी भी प्रभावित होगी पूरे प्रदेश में एक महीने में लगभग 15 से 16 करोड़ रुपए का व्यापार होता है अगर 1 साल की बात करें तो लगभग 200 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित होगा .