रायपुर: कोरोना वायरस ने विश्वभर में कोहराम मचा कर रखा है. भारत में बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामले को देखते हुए केंद्र सरकार ने 25 मार्च से लॉकडाउन की घोषणा की थी, जो कि 3 जून तक चला. अब देश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है. लॉकडाउन के दौरान राजधानी में मार्च से लेकर जुलाई तक घरेलू हिंसा के भी मामले काफी ज्यादा बढ़ गए हैं.
आंकड़ों के मुताबिक मार्च से लेकर जुलाई तक सिर्फ रायपुर जिले में ही घरेलू हिंसा के करीब 350 मामले महिला थाने में आए हैं. 11 मामलों में FIR दर्ज कर उन पर कार्रवाई की जा रही है. करीब 300 केस पर काउंसलिंग कर समझौता कराया जा रहा है. महिला थाना टीआई मंजू लता राठौर ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जिन महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा के मामले बढ़े हैं. उन केसों की काउंसलिंग की जा रही है. जिस घरेलू हिंसा के मामले में ज्यादा प्रताड़ना हुई है, उस पर FIR दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.
परिवार में बढ़ा टकराव
समाज सेविका ममता शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन ने सभी परिवारों को बहुत कुछ सिखा दिया है. लॉकडाउन के दौरान सभी पुरुष, महिला और बच्चे घर में एक साथ रह रहे थे. पहले किसी को आदत नहीं थी, पुरुष ऑफिस के लिए सुबह घर से चले जाते थे. बच्चे भी स्कूल चल जाते थे, जिस वजह से महिलाओं को अपने लिए समय मिल पाता था. जब बच्चे और पुरुष घर वापस आते थे, तो महिला दोनों को समय दे पाती थी, लेकिन लॉकडाउन के दौरान जब सभी एक साथ रह रहे थे. इस दौरान परिवार में टकराव ज्यादा बढ़ता गया. कई जगह घरेलू हिंसा के मामले देखने को मिले. कई मामलों को हमने बाहर ही बाहर सॉल्व कर लिया, तो कई केस की सूचना हमने थाने में दी.
रायपुर: स्टील कारोबारी रोहित मित्तल के ठिकानों पर आईटी का छापा
शराब भी झगड़े की मुख्य वजह
मनोवैज्ञानिक जेसी अजवानी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान परिवारों में परिस्थिति पहले जैसी नहीं रही. पहले पति और बच्चे स्कूल, ऑफिस चल जाते थे. इस वजह से महिलाओं को अपने लिए समय मिल पाता था, लेकिन लॉकडाउन के दौरान सभी एक साथ दिन भर घर में रहते थे, जिस वजह से परिवार के लोगों के बीच बहस भी हो जाती थी. घरेलू हिंसा में कई बार मदिरापान की भी शिकायतें आई है. लॉकडाउन के दौरान पुरुष घर में ही मदिरा का सेवन करने लगे. जिस वजह से घर में महिलाओं और पुरुषों के बीच लड़ाई-झगड़ा बढ़ता चला गया. घरेलू हिंसा के मामले और ज्यादा आने लगे. लॉकडाउन के दौरान उन परिवारों में ही ऐसी स्थिति ज्यादा देखने को मिली है, जिन परिवारों में पहले ही लड़ाई-झगड़े ज्यादा होते थे.