रायपुर : टीएस सिंहदेव-बृहस्पति सिंह विवाद अब सिंहदेव बनाम भूपेश सरकार का विवाद बनता नजर आ रहा है. आज विधानसभा में सिंहदेव ने जिस तरह बयान देते हुए नाराजगी जताई और सदन के बाहर निकल आए थे. उसके बाद कांग्रेस के अंतरकलह पर खुलकर बात होने लगी है. हालांकि दिल्ली से पीएल पुनिया और कुछ साथी मंत्रियों के फोन पर बातचीत के बाद सिंहदेव वापस विधानसभा पहुंचे और मुख्यमंत्री के कक्ष में आयोजित बैठक में शामिल हुए. ये बैठक मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों के साथ टीएस सिंहदेव से सीधी चर्चा के लिए रखी थी. करीब ढाई घंटे के मंथन के बाद जो बयान आया है उससे यही जाहिर हो रहा है कि मामला अभी सुलझा नहीं है.
मामला अभी भविष्य के गर्भ में है !
अपने सरल स्वभाव और साफगोई से बयान देने वाले टीएस सिंहदेव ने मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित बैठक के बाद कहा कि, मैंने अपना पक्ष रख दिया है. साथ ही मामला सुलझने पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि, मामला भविष्य के गर्भ में है. मैं अब भी अपने बयान पर कायम हूं. जैसे आगे परिस्थिति रहेगी उसी हिसाब से देखा जाएगा.
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गृहमंत्री के बयान के बाद सिंहदेव का टूटा सब्र
आज विधानसभा में शून्य काल में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सिंहदेव-बृहस्पति सिंह विवाद मामले में एफआईआर की कॉपी को पढ़ा. इस बयान के बाद सिंहदेव ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मैं भी इंसान हूं मेरी सहनशीलता की सीमा है. उन पर लगे आरोपों के संबंध में जब तक सरकार का बयान नहीं आ जाता तब तक वे सदन में नहीं आएंगे.ये कहते हुए वे सदन का बहिर्गमन कर देते हैं. विपक्ष ने इस मामले पर सरकार को जमकर घेरा. विपक्ष ने कहा कि जब एक मंत्री को सरकार पर भरोसा नहीं है तो जनता कैसे भरोसा कर सकती है. संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने बृहस्पति सिंह को जान के खतरे की बात को खारिज करते हुए कहा कि बृहस्पति सिंह ने ना FIR में,ना ही पार्टी के सामने, ना ही CM के सामने कोई शिकायत की है. जरूर टीएस सिंहदेव को गलतफहमी हुई है. हमारी उनसे लगातार बात हो रही है.
क्या है पूरा मामला ?
शनिवार रात को कांग्रेस विधायक के काफिले पर अंबिकापुर में पत्थर से हमला हुआ. इसे लेकर बृहस्पति सिंह का बयान आया कि, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के लोगों ने उन पर जानलेवा हमला किया है. क्योंकि उन्होंने कुछ दिन पहले मीडिया में उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तारीफ की थी और उनके द्वारा अच्छे काम किए जा रहे हैं. इसके चलते उन्हें 20-25 सालों तक कोई सत्ता से हटा नहीं सकता. इसको लेकर शायद सिंहदेव के लोग नाराज हैं. इसके बाद उन्होंने यहां तक कह दिया था कि अगर मेरा मर्डर करा कर सिंहदेव मुख्यमंत्री बन जाते हैं तो उन्हें मुबारक.बस इसी मामले को लेकर प्रदेश की सियासत में नया गुबार आ गया है.