रायपुर : देव गुरु बृहस्पति पश्चिम में अस्त होने के बाद करीब एक माह बाद 22 मार्च 2022 रंग पंचमी के अवसर पर उदय (Devguru Jupiter will rise on March 22) होंगे. चैत्र कृष्ण पंचमी विशाखा नक्षत्र हर्षण और श्रीवत्स योग बालव करण विशाखा में सनी वेद और केतु युति के साथ गुरुदेव बृहस्पति महाराज उदित होंगे. गुरु महाराज का उदय होना एक सुंदर घटना है. जब भी कोई ग्रह सूर्य के अत्यंत नजदीक आता है तो वह ग्रह अस्त हो जाता है. इस पूरे 1 महीने में शुभ कार्य वर्जित रहे हैं . 22 मार्च के उपरांत सभी तरह के शुभ कार्य किए जा सकते (good things can be done) हैं. किंतु सूर्य का गमन मीन राशि में होने की वजह से मांगलिक कार्य निषेध रहेंगे. वह 16 अप्रैल के उपरांत प्रारंभ हो जाएंगे. लेकिन बाकी कार्य किए जा सकते हैं. जैसे विवाह के लिए चर्चा करना अन्य शुभ संस्कार जैसे विद्यारंभ अध्ययन, चूड़ाकर्म उपनयन संस्कार इस दौरान किए जा सकेंगे.
देवगुरु बृहस्पति 22 मार्च को होंगे उदय, जानिए राशियों पर कैसा रहेगा प्रभाव ? - देवगुरु बृहस्पति राशियों पर प्रभाव
हिंदू धर्म में ग्रहों की चाल और राशियों पर पड़ने वाले असर का खास महत्व है.रंगपंचमी के मौके पर देवगुरु बृहस्पति का उदय हो रहा है. देवगुरु के उदय होते ही पिछले 1 महीने से जो शुभ कार्य रुके थे उन्हें शुरु किया जा सकेगा.
रायपुर : देव गुरु बृहस्पति पश्चिम में अस्त होने के बाद करीब एक माह बाद 22 मार्च 2022 रंग पंचमी के अवसर पर उदय (Devguru Jupiter will rise on March 22) होंगे. चैत्र कृष्ण पंचमी विशाखा नक्षत्र हर्षण और श्रीवत्स योग बालव करण विशाखा में सनी वेद और केतु युति के साथ गुरुदेव बृहस्पति महाराज उदित होंगे. गुरु महाराज का उदय होना एक सुंदर घटना है. जब भी कोई ग्रह सूर्य के अत्यंत नजदीक आता है तो वह ग्रह अस्त हो जाता है. इस पूरे 1 महीने में शुभ कार्य वर्जित रहे हैं . 22 मार्च के उपरांत सभी तरह के शुभ कार्य किए जा सकते (good things can be done) हैं. किंतु सूर्य का गमन मीन राशि में होने की वजह से मांगलिक कार्य निषेध रहेंगे. वह 16 अप्रैल के उपरांत प्रारंभ हो जाएंगे. लेकिन बाकी कार्य किए जा सकते हैं. जैसे विवाह के लिए चर्चा करना अन्य शुभ संस्कार जैसे विद्यारंभ अध्ययन, चूड़ाकर्म उपनयन संस्कार इस दौरान किए जा सकेंगे.