रायपुर : अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा और समस्याओं के निराकरण को लेकर सर्व आदिवासी समाज रायपुर (Aadiwashi samaj) में धरना-प्रदर्शन कर रहा है. इसके बाद विधानसभा घेराव की भी तैयारी है. छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष सोहन पोटाई ने बताया कि अपने अधिकारों को लेकर हुंकार रैली और विधानसभा घेराव (vidhansabha gherav) का आयोजन किया गया है. पूर्व में भी धरना-प्रदर्शन के माध्यम से हमने मांगों को पूरा करने के लिए आंदोलन किया था, लेकिन सरकार ने सिर्फ आश्वासन दिया. हमारी मांगों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण बहुसंख्यक आदिवासी समाज हताश और नाराज है. इसलिए आज मांगों को लेकर हम विधानसभा घेराव की भी तैयारी कर रहे हैं.
यह हैं प्रमुख मांगें
1 जिला-सुकमा के ग्राम-सिलेगर में निर्दोष ग्रामीणों पर अंधाधुंध गोलीबारी में मृतकों के परिजनों को 50 लाख और घायलों को 5 लाख का मुआवजा और मृतक के परिवार के एक सदस्य को योग्यतानुसार शासकीय नौकरी दी जाए. एडसमेटा सारकेगुडा ताड़मेटला घटनाओं की न्यायिक जांच में सभी एनकाउंटर फर्जी पाये गए हैं. दोषी अधिकारी-कर्मचारी पर तत्काल दंडात्मक कार्यवाही एवं मृतक-प्रभावित के परिवार को उचित मुआवजा के साथ-साथ बस्तर में नक्सल समस्या के स्थायी समाधान के लिए शासन स्तर पर पहल की जाए.
2. छत्तीसगढ़ में करीब 60 प्रतिशत क्षेत्रफल 5वीं अनुसूची क्षेत्र में आता है. कानून के नियम अतिशीघ्र लागू किये जाएं.
3. छत्तीसगढ़ में विभिन्न शासकीय पदों की पदोन्नति में आरक्षण लागू करें.
4. पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में गैर संवैधानिक रूप से बनाये गये नगर पंचायतों, नगर पालिक निगम को वापस ग्राम बनाया जाए.
5. छत्तीसगढ़ में समस्त वन ग्राम, राजस्व ग्राम बनाए जाएं. वहां निवासरत किसानों को राजस्व ग्राम की तरह अधिकार एवं सुविधा दी जाए. सीतानदी अभ्यारण्य में प्रभावित धनग्राम / ग्राम में वनोपज संग्रहण और विक्रय का अधिकार दिया जाए.
6. मात्रात्मक त्रुटि में सुधार किया जाकर 18 जनजाति को जाति प्रमाण पत्र सामाजिक पारस्थितिक प्रमाणीकरण पत्र जारी करे. अनुसूची में उल्लेखित जनजातियों का जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं करने वाले संबंधित अधिकारी पर दण्डात्मक कार्रवाई करे. फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्रकरण पर दोषियों पर शीघ्र कार्रवाई हो.
7. शासकीय नौकरी में बैकलॉग एवं नई भर्तियों पर आरक्षण रोस्टर लागू किया जाए. पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भर्ती में शत-प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाए.
8. प्रदेश के पांचवीं अनुसूचित क्षेत्रों में ग्रामसभा की सहमति के बिना किये गये भूमि अधिग्रहण रद्द करें एवं बिना ग्रामसभा की सहमति के किसी प्रकार का कार्य न किया जाए.
9. प्रदेश में खनिज उत्खनन के लिए जमीन अधिग्रहण न की जाए. आवश्यकता होने पर लीज पर लेकर जमीन मालिक को शेयर होल्डर बनाए जाए.
10. पांचवीं अनुसूची क्षेत्र कांकेर जिला की 14 ग्राम पंचायत में सरपंच पद को अनारक्षित किया गया है, उसे पुनः आदिवासी के लिए आरक्षित किया जाए.
11. आदिवासी सलाहकार परिषद का गठन नियमानुसार किया जाए. इस परिषद का अध्यक्ष आदिवासी सलाहकार परिषद के सदस्यों में से ही होना चाहिए. आदिवासी सलाहकार परिषद का एक कार्यालय होना चाहिए.
12 प्रदेश में विधिसम्मत बसाये गए विदेशी शरणार्थियों के अलावा अवैध रूप से आदिवासी क्षेत्रों में रह रहे विदेशी घुसपैठियों की निष्पक्ष जांच कर इसे आदिवासी क्षेत्रों से बाहर भेजा जाए.
13. बस्तर संभाग में हजारों बेकसूर आदिवासियों को नक्सली या उनका सहयोगी बताकर नवसल धारा लागू कर जेलों में बिना कारण के बन्दी बनाकर रखा गया है, ऐसे निरपराध आदिवासियों को निष्पक्ष जांच कर निःशर्त जेलों से रिहा किया जाए. फर्जी तरीके से मारे गए आदिवासियों के परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाये.