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Chhattisgarh Assembly Budget Session 2022: भूपेश बघेल के विभागों के लिए 12,682 करोड़ रुपये की अनुदान मांगें पारित

विधानसभा में चर्चा करते हुए सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' की तर्ज पर काम हो रहा है. 2018 से पहले छत्तीसगढ़ कराह रहा था.

Chhattisgarh Assembly Budget Session 2022
भूपेश बघेल के विभागों के लिए
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Published : Mar 22, 2022, 12:52 PM IST

Updated : Mar 22, 2022, 1:16 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विभागों के लिए 12681 करोड़ 75 लाख 82 हजार रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी गईं. इस राशि में से सामान्य प्रशासन विभाग के लिए 339 करोड़ 68 लाख 81 हजार रुपये, सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित अन्य व्यय के लिए 429 करोड़ 60 लाख 90 हजार रुपये, वित्त विभाग से संबंधित व्यय के लिए 7734 करोड़ 24 लाख 25 हजार रुपये, जिला परियोजनाओं से संबंधित व्यय के लिए 208 करोड़ 65 लाख रुपये, ऊर्जा विभाग से संबंधित व्यय के लिए 2634 करोड़ 17 लाख 38 हजार रुपये, खनिज साधन विभाग से संबंधित व्यय के लिए 751 करोड़ 70 लाख 42 हजार रुपये, जनसम्पर्क विभाग से संबंधित व्यय के लिए 329 करोड़ 87 लाख 10 हजार रुपये, इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के लिए 192 करोड़ 32 लाख 68 हजार रुपये और विमानन विभाग के लिए 61 करोड़ 49 लाख 28 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है. (Chhattisgarh Assembly Budget Session 2022)

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार 'सेवा, जतन, सरोकार’ और ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ इन दो ध्येय वाक्यों को लेकर चल रही है. हमने जनता को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने पर जोर दिया है. वहीं प्रदेश के विकास में भागीदार बनाने के हरसंभव उपाय कर रहे हैं. साल 2018 में जिन हालात में कराहता हुआ छत्तीसगढ़ मिला था. उसकी याद करके भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं. हमने तीन वर्षों में बहुत से बड़े-बड़े बदलाव लाए हैं, जिसके कारण छत्तीसगढ़ की जनता को राहत भी मिली और सशक्तिकरण भी हुआ'.

मंत्री टीएस सिंहदेव के विभागों के लिए 11,196 करोड़ रुपए से अधिक की अनुदान मांगें पारित

इस साल मिल सकता है 11 हजार 900 करोड़ रुपये का खनिज राजस्व

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ महतारी का सबसे बड़ा आशीर्वाद हमें प्रचुर मात्रा में खनिज के रूप में मिला है. हमारा मानना है कि खनिज ऐसी धरोहर है, जिससे वर्तमान को संवारना है और इसे भविष्य के लिए सुरक्षित भी रखना है ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी खनिज संसाधन मिल सके. हमने बहुत ही पारदर्शी नीतियां और योजनाएं बनाई हैं. जिसके कारण खनिज राजस्व में तेजी से वृद्धि हो रही है. वहीं इनका लाभ स्थानीय निवासियों को मिल रहा है. राज्य के समग्र विकास में हमारे खनिज संसाधन का समुचित उपयोग किया जा रहा है. खनिज राजस्व में लगातार वृद्धि हो रही है. खनिज राजस्व के रूप में राज्य शासन को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 5 हजार 517 करोड़ मिले. वित्तीय वर्ष 2021-22 में अप्रैल से दिसम्बर 2021 तक की स्थिति में निर्धारित लक्ष्य 7 हजार 800 करोड़ रुपये का है. अबतक 8 हजार 200 करोड़ रुपए का राजस्व मिल चुका है. इस तरह वित्तीय वर्ष के अंत तक लगभग 11 हजार 900 करोड़ रुपये का खनिज राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि ''डीएमएफ के दुरुपयोग के बहुत से किस्से इस सदन में गूंज चुके हैं. डीएमएफ के सदुपयोग की दिशा में गंभीर कदम उठाए हैं. डीएमएफ का उपयोग अब खनन से प्रभावित व्यक्तियों और क्षेत्र के विकास के लिए किया जा रहा है. हमारी सरकार आने के बाद डीएमएफ के अंशदान से जिलों के कुपोषण दर कम करने, स्वास्थ्य, शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने, कृषि, प्रसंस्करण को बढ़ावा, रोजगार और हितग्राही मूलक कार्य प्राथमिकता पर स्वीकृत हो रहे हैं. वित्तीय वर्ष 2021-22 में अप्रैल से दिसम्बर 2021 तक डीएमएफ मद में अंशदान के रूप में 2 हजार 20 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हो चुकी है. डीएमएफ से अंशदान के रूप में साल 2015 से अब तक कुल 8 हजार 35 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हो चुकी है.''

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विभागों के लिए 12681 करोड़ 75 लाख 82 हजार रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी गईं. इस राशि में से सामान्य प्रशासन विभाग के लिए 339 करोड़ 68 लाख 81 हजार रुपये, सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित अन्य व्यय के लिए 429 करोड़ 60 लाख 90 हजार रुपये, वित्त विभाग से संबंधित व्यय के लिए 7734 करोड़ 24 लाख 25 हजार रुपये, जिला परियोजनाओं से संबंधित व्यय के लिए 208 करोड़ 65 लाख रुपये, ऊर्जा विभाग से संबंधित व्यय के लिए 2634 करोड़ 17 लाख 38 हजार रुपये, खनिज साधन विभाग से संबंधित व्यय के लिए 751 करोड़ 70 लाख 42 हजार रुपये, जनसम्पर्क विभाग से संबंधित व्यय के लिए 329 करोड़ 87 लाख 10 हजार रुपये, इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के लिए 192 करोड़ 32 लाख 68 हजार रुपये और विमानन विभाग के लिए 61 करोड़ 49 लाख 28 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है. (Chhattisgarh Assembly Budget Session 2022)

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार 'सेवा, जतन, सरोकार’ और ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ इन दो ध्येय वाक्यों को लेकर चल रही है. हमने जनता को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने पर जोर दिया है. वहीं प्रदेश के विकास में भागीदार बनाने के हरसंभव उपाय कर रहे हैं. साल 2018 में जिन हालात में कराहता हुआ छत्तीसगढ़ मिला था. उसकी याद करके भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं. हमने तीन वर्षों में बहुत से बड़े-बड़े बदलाव लाए हैं, जिसके कारण छत्तीसगढ़ की जनता को राहत भी मिली और सशक्तिकरण भी हुआ'.

मंत्री टीएस सिंहदेव के विभागों के लिए 11,196 करोड़ रुपए से अधिक की अनुदान मांगें पारित

इस साल मिल सकता है 11 हजार 900 करोड़ रुपये का खनिज राजस्व

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ महतारी का सबसे बड़ा आशीर्वाद हमें प्रचुर मात्रा में खनिज के रूप में मिला है. हमारा मानना है कि खनिज ऐसी धरोहर है, जिससे वर्तमान को संवारना है और इसे भविष्य के लिए सुरक्षित भी रखना है ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी खनिज संसाधन मिल सके. हमने बहुत ही पारदर्शी नीतियां और योजनाएं बनाई हैं. जिसके कारण खनिज राजस्व में तेजी से वृद्धि हो रही है. वहीं इनका लाभ स्थानीय निवासियों को मिल रहा है. राज्य के समग्र विकास में हमारे खनिज संसाधन का समुचित उपयोग किया जा रहा है. खनिज राजस्व में लगातार वृद्धि हो रही है. खनिज राजस्व के रूप में राज्य शासन को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 5 हजार 517 करोड़ मिले. वित्तीय वर्ष 2021-22 में अप्रैल से दिसम्बर 2021 तक की स्थिति में निर्धारित लक्ष्य 7 हजार 800 करोड़ रुपये का है. अबतक 8 हजार 200 करोड़ रुपए का राजस्व मिल चुका है. इस तरह वित्तीय वर्ष के अंत तक लगभग 11 हजार 900 करोड़ रुपये का खनिज राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि ''डीएमएफ के दुरुपयोग के बहुत से किस्से इस सदन में गूंज चुके हैं. डीएमएफ के सदुपयोग की दिशा में गंभीर कदम उठाए हैं. डीएमएफ का उपयोग अब खनन से प्रभावित व्यक्तियों और क्षेत्र के विकास के लिए किया जा रहा है. हमारी सरकार आने के बाद डीएमएफ के अंशदान से जिलों के कुपोषण दर कम करने, स्वास्थ्य, शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने, कृषि, प्रसंस्करण को बढ़ावा, रोजगार और हितग्राही मूलक कार्य प्राथमिकता पर स्वीकृत हो रहे हैं. वित्तीय वर्ष 2021-22 में अप्रैल से दिसम्बर 2021 तक डीएमएफ मद में अंशदान के रूप में 2 हजार 20 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हो चुकी है. डीएमएफ से अंशदान के रूप में साल 2015 से अब तक कुल 8 हजार 35 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हो चुकी है.''

Last Updated : Mar 22, 2022, 1:16 PM IST
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