रायपुर: वैसे तो तीजा और पोला पर्व को सभी महिलाएं अपने मायके में मनाती हैं. लेकिन रायपुर में प्रदर्शन कर रहीं वनविभाग की महिला कर्मचारियों ने प्रदर्शन स्थल पर ही पोला तिहार (Daily wage workers celebrates the Pola festival) मनाया.
महिला प्रदर्शनकारियों ने की पूजा: महिलाओं ने मिट्टी के बने खिलौने और बैलों की पूजा की. उन्होंने बड़े उत्साह और उमंग के साथ सुआ नृत्य भी किया.
मायके नहीं जा पाने का महिलाओं को अफसोस: प्रदर्शन करने वाली इन महिलाओं ने बताया कि "हर साल तीजा और पोला का पर्व बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ वे अपने मायके में मनाते हैं. लेकिन इस बार अनिश्चितकालीन प्रदर्शन की वजह से वे सभी अपने मायके नहीं जा सकीं, जिसका उन्हें अफसोस है. महिलाओं का साफ कहना है कि "जब तक भूपेश सरकार इनकी मांगों को पूरा नहीं करती है. तब तक प्रदर्शनकारी प्रदर्शनी स्थल पर डटे रहेंगे."
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दैनिक वेतन भोगी कर्मचारीयों की 2 सूत्रीय मांग: वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों की 2 सूत्रीय मांग है. पहली मांग स्थायीकरण और दूसरी मांग नियमितीकरण की है. कर्मचारियों का कहना है कि जो कर्मचारी 2 साल की सेवा पूरी कर चुके हैं, उन्हें स्थाई किया जाए. जो दैनिक वेतनभोगी 10 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके हैं, उन्हें नियमित किया जाए. पूरे प्रदेश में वन विभाग में दैनिक वेतनभोगी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या लगभग 6500 है. इन कर्मचारियों को प्रति माह महज 9 हजार रुपये ही वेतन मिलता है. ये कर्मचारी वन विभाग में वाहन चालक, कंप्यूटर ऑपरेटर, रसोईया और बेरियर का काम करने के साथ ही जंगल का काम भी देखते हैं.