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रायपुर: नहीं थम रहा सप्रे मैदान का विवाद, भाजयुमो ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी - सप्रे शाला मैदान पर सियासत

रायपुर में सप्रे शाला मैदान को छोटा करने का विवाद लगातार गहराता जा रहा है.बीजेपी ने नगर निगम पर बूढ़ातालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर साजिश रचने का आरोप लगाया है.

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सप्रे शाला मैदान को छोटा करने का विवाद गहराया
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Published : Jun 7, 2020, 5:14 PM IST

रायपुर: सप्रे शाला मैदान का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है, अब भारतीय जनता युवा मोर्चा के संजू नारायण ठाकुर ने रायपुर नगर निगम पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की स्मृतियों को मिटाने का आरोप लगाया है.

सप्रे शाला मैदान पर सियासत तेज

बूढ़ातालाब के सौंदर्यीकरण की आड़ में सप्रे शाला के मैदान को छोटा करने का विवाद गहराता जा रहा है. भाजयुमो नेता ने नगर निगम को चेतावनी देते हुए 24 घंटे के अंदर मैदान में काम बंद नहीं करने पर उग्र आंदोलन की बात कही है.

संजू नारायण ने कहा कि 'प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कई सभा और रैलियां इस मैदान में हुई है और छत्तीसगढ़ राज्य की घोषणा भी इसी मैदान से हुई है. उन्होंने कहा कि 'सप्रे शाला मैदान से अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृतियां जुड़ी हुई है, इसके अलावा सप्रे मैदान में प्रदेश के बड़े - बड़े राज्यस्तरीय खेल एवं बड़े धार्मिक आयोजन भी होते आए हैं. ऐसे में अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृतियों को सप्रे शाला मैदान और दानी स्कूल मैदानों को खत्म करने की बड़ी साजिश की जा रही है. भाजयुमो के सदस्यों ने कहा कि बूढ़ातालाब के सौंदर्यीकरण की आड़ में नगर निगम बड़ी साजिश रच रहा है'.

रायपुर: इस मैदान में गांधी ने की थी सभा, इतिहासकार ने कहा- 'सहेज लीजिए, जिससे अगली पीढ़ी को गर्व हो'

गौरतलब है कि नगर निगम की तरफ से बूढ़ातालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर ऐतिहासिक सप्रे शाला के मैदान की जमीन अधिग्रहित की गई है, जिसके बाद से ही स्थानीय लोगों के साथ बीजेपी ने भी इसका विरोध शुरू कर दिया है. इससे पहले रायपुर सांसद सुनील सोनी और पूर्व मंत्री विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने भी मैदान पहुंचकर इसका विरोध किया था. बीजेपी का कहना है कि हम सप्रे मैदान और दानी स्कूल के मैदान को छोड़कर सौंदर्यीकरण का स्वागत करते हैं. लेकिन ये ऐतिहासिक मैदान स्वतंत्रता के आंदोलन से जुड़ा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है कि सार्वजनिक स्थान के मूल रूप को बिना परिवर्तित किए कोई भी योजना लाई जा सकती है, लेकिन यहां तालाब सुंदरीकरण के नाम पर मैदान को ही खत्म किया जा रहा है. फिलहाल मैदान में रेलिंग लगाकर मैदान के मूल स्वरूप को छोटा किया गया है.

रायपुर: सप्रे शाला मैदान का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है, अब भारतीय जनता युवा मोर्चा के संजू नारायण ठाकुर ने रायपुर नगर निगम पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की स्मृतियों को मिटाने का आरोप लगाया है.

सप्रे शाला मैदान पर सियासत तेज

बूढ़ातालाब के सौंदर्यीकरण की आड़ में सप्रे शाला के मैदान को छोटा करने का विवाद गहराता जा रहा है. भाजयुमो नेता ने नगर निगम को चेतावनी देते हुए 24 घंटे के अंदर मैदान में काम बंद नहीं करने पर उग्र आंदोलन की बात कही है.

संजू नारायण ने कहा कि 'प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कई सभा और रैलियां इस मैदान में हुई है और छत्तीसगढ़ राज्य की घोषणा भी इसी मैदान से हुई है. उन्होंने कहा कि 'सप्रे शाला मैदान से अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृतियां जुड़ी हुई है, इसके अलावा सप्रे मैदान में प्रदेश के बड़े - बड़े राज्यस्तरीय खेल एवं बड़े धार्मिक आयोजन भी होते आए हैं. ऐसे में अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृतियों को सप्रे शाला मैदान और दानी स्कूल मैदानों को खत्म करने की बड़ी साजिश की जा रही है. भाजयुमो के सदस्यों ने कहा कि बूढ़ातालाब के सौंदर्यीकरण की आड़ में नगर निगम बड़ी साजिश रच रहा है'.

रायपुर: इस मैदान में गांधी ने की थी सभा, इतिहासकार ने कहा- 'सहेज लीजिए, जिससे अगली पीढ़ी को गर्व हो'

गौरतलब है कि नगर निगम की तरफ से बूढ़ातालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर ऐतिहासिक सप्रे शाला के मैदान की जमीन अधिग्रहित की गई है, जिसके बाद से ही स्थानीय लोगों के साथ बीजेपी ने भी इसका विरोध शुरू कर दिया है. इससे पहले रायपुर सांसद सुनील सोनी और पूर्व मंत्री विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने भी मैदान पहुंचकर इसका विरोध किया था. बीजेपी का कहना है कि हम सप्रे मैदान और दानी स्कूल के मैदान को छोड़कर सौंदर्यीकरण का स्वागत करते हैं. लेकिन ये ऐतिहासिक मैदान स्वतंत्रता के आंदोलन से जुड़ा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है कि सार्वजनिक स्थान के मूल रूप को बिना परिवर्तित किए कोई भी योजना लाई जा सकती है, लेकिन यहां तालाब सुंदरीकरण के नाम पर मैदान को ही खत्म किया जा रहा है. फिलहाल मैदान में रेलिंग लगाकर मैदान के मूल स्वरूप को छोटा किया गया है.

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