रायपुरः प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि नान घोटाले की प्रेस कांफ्रेंस लेने वाले वही हैं जो 15 साल के इसी 36 हजार करोड़ 'नान घोटाले' के सबसे बड़े भागीदार रहे हैं. सबसे पहले डॉ रमन सिंह यह बताएं कि नान घोटाला के डायरी (Diary) में दर्ज सीएम (CM) मैडम कौन थीं? ऐश्वर्या रेसिडेन्सी का नाम किसकी साली के लिए आया था? इन नामों पर पिछली सरकार में क्या जांच की गयी थी?
त्रिवेदी ने कहा है कि अगर रमन सिंह सच में चाहते हैं कि नान घोटाला का वास्तविक आरोपी सामने आए तो उन्हें बता देना चाहिए की सीएम मैडम कौन हैं? इस खुलासे के बिना केस अधूरा है. इसी खुलासे को रोकने के लिए नेता प्रतिपक्ष (Opposition Leader) ने याचिका लगाई थी. त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस सरकार पर झूठे आरोप मढ़ने के बजाय अपनी भूमिका को भाजपा स्वीकार करे.
विक्रम उसेंडी एवं धरमलाल कौशिक पर साधा निशाना
त्रिवेदी ने कहा है कि जब दोनों आईएएस केंद्र (IAS Center) से अभियोजन स्वीकृति जून 2016 में आ गयी थी तो चालान के लिए दिसम्बर 2018 का क्यों इंतजार किया गया? रमन सिंह को बताना चाहिए कि शिव शंकर भट्ट ने उनकी सरकार के किस मंत्री के ऊपर आरोप लगते हुए पोल खोल अभियान किया था? विक्रम उसेंडी एवं धरमलाल कौशिक (Vikram Usendi And Dharamlal Kaushik) क्यों नहीं चाहते कि नान केस में अग्रिम जांच हो?
दोनों भाजपा नेताओं ने हाई कोर्ट में अग्रिम जांच पर रोक लगाने की याचिका दायर क्यों की है? भट्ट के 113 पन्नों में 107 पन्ने वो कौन से हैं जिसे दबा दिया गया था? उन 107 पन्नों को क्या इसलिये दबाया गया था कि इन पन्नो में सीएम मैडम के अलावा सीएम सर का भी जिक्र था? त्रिवेदी ने कहा है कि नान मामले की पूरी जांच रमन सिंह के कार्यकाल में हुई और अगर आज रमन सिंह सरकार जाने के 3 साल बाद यह कह रहे हैं कि केस कमजोर हुआ है तो स्वयं मुख्यमंत्री के रूप में उनको इसकी नैतिक जिम्मेदारी (moral responsibility) स्वीकार करना चाहिए.
सीएम भूपेश बघेल हैं संविदा मुख्यमंत्री-रमन सिंह
रमन सिंह लें केस कमजोर करने की जिम्मेवारी
36 हजार करोड़ का नान घोटाला, 20 लाख फर्जी राशन कार्ड (fake ration card) से गरीबों के राशन में घोटाला और रमन सिंह 'चाउर वाले बाबा' बनते थे. उन्होंने 36 हजार करोड़ का नान घोटाला कैसे होने दिया और इस केस को कमजोर कैसे होने दिया? इसकी नैतिक जिम्मेदारी (moral responsibility) स्वीकार करें. अगर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने के बाद एसआईटी गठित की गई. नान की जांच के लिए भाजपा के वर्तमान नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और विक्रम उसेंडी ने अदालत में जाकर, उच्च न्यायालय में जाकर जांच में रोक लगाने की याचिका दायर की थी.