ETV Bharat / city

छत्तीसगढ़ के बांध हैं खाली, कम बारिश ने बढ़ाया सूखे का खतरा - Chhattisgarh Meteorological Department claims it will rain soon

छत्तीसगढ़ में मौसम की बेरुखी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. वहीं कम बारिश होने से उद्योगों को दिया जाने वाला जल भी प्रभावित होगा. ऐसे में आने वाला समय छत्तीसगढ़ के लिए संकट भरा हो सकता (condition of reservoirs in Chhattisgarh is bad) है.

condition of reservoirs in Chhattisgarh is bad
छत्तीसगढ़ के बांध हैं खाली
author img

By

Published : Jul 2, 2022, 5:52 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ में जून का महीना बीत चुका है. लेकिन मॉनसून अब तक प्रदेश पर मेहरबान नहीं है. जून माह में बारिश नहीं होने से प्रदेश के बड़े जलाशयों में जलभराव नहीं हो पाया है. हर साल शुरुआती बारिश में बांधों में जलभराव की स्थिति ठीक रहती थी. लेकिन इस बार बारिश नहीं होने से स्थिति गड़बड़ा गई ( Chhattisgarhs dams are empty) है. अब हालात ये हो गए हैं कि यदि हफ्ते भर के अंदर प्रदेश में भारी बारिश नहीं हुई तो आने वाले दिन किसानों के साथ-साथ उद्योगों के लिए भी भारी होंगे.

condition of reservoirs in Chhattisgarh is bad
छत्तीसगढ़ के बांध हैं खाली, कम बारिश ने बढ़ाया सूखे का खतरा



प्रदेश के बड़े बांधों के जलभराव की स्थिति : जल संसाधन विभाग के मुताबिक प्रदेश के 12 बड़े जलाशयों की कुल क्षमता 5355.709 लाख घन मीटर है. कम बारिश की वजह से इन जलाशयों में केवल 41.65 फीसदी ही पानी जमा हो सका है. जबकि 2020 में इन जलाशयों में 70.40 फीसदी और 2021 में 51.50 फीसदी पानी था.

condition of reservoirs in Chhattisgarh is bad
छत्तीसगढ़ के बांध हैं खाली, कम बारिश ने बढ़ाया सूखे का खतरा

मध्यम बांधों में जलभराव की स्थिति : वहीं राज्य में मध्यम स्तर के 34 जलाशय है. बारिश के दिनों में बहुत से जलाशय लबालब हो जाते थे, लेकिन इस बार स्थिति अच्छी नहीं (below average rain in chhattisgarh ) है. इन 34 जलाशयों की कुल क्षमता 1004.519 लाख घन मीटर है. जबकि इनमें 392.830 लाख घन मीटर पानी बचा है. यानी कुल क्षमता का केवल 39.11 फीसदी पानी है. 2020 में इन जलाशयों में 51.78 फीसदी और 2021 में 40.53 फीसदी तक जलभराव हुआ था.

सबसे कम जलभराव वाले बांध : सबसे कम जलभराव वाले बांधों की बात की जाए तो साल 2022 में सोंढुर बांध में 6.26 लाख घन मीटर जलभराव हुआ है जबकि साल 2021 में 55.78 लाख घन मीटर था. इसी तरह मुरुमसिल्ली बांध में इस साल 0.15 लाख घन मीटर जलभराव हुआ है, जबकि साल 2021 में 38.48 लाख घन मीटर जलभराव था, वही कोडार बांध में 7.33 लाख घन मीटर जलभराव हुआ है जबकि पिछले साल 7.34 लाख घन मीटर जलभराव था.

4 जिलों में सबसे कम हुई बारिश : मौसम विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में जून के अंत तक इस बार औसत से काफी कम बारिश हुई है. राज्य के 4 जिलों में सबसे कम बारिश हुई है. इन जिलों में बलरामपुर, जशपुर, रायपुर और सरगुजा शामिल हैं.

condition of reservoirs in Chhattisgarh is bad
छत्तीसगढ़ के बांध हैं खाली, कम बारिश ने बढ़ाया सूखे का खतरा

12 अन्य जिले भी कम बारिश से प्रभावित : वहीं प्रदेश के 12 ऐसे जिले हैं जहां औसत से कम बारिश दर्ज की गई है. जिसमें बालोद, बलोदा बाजार, बीजापुर, बलरामपुर, धमतरी, गरियाबंद, जांजगीर-चांपा, कांकेर, कोंडागांव, कोरबा कोरिया, महासमुंद, रायगढ़, सुकमा और सूरजपुर शामिल है.

सिर्फ एक जिले में ज्यादा बारिश : एक जिला ऐसा भी है जहां औसत से ज्यादा बारिश हुई है. वह जिला कबीरधाम है. यहां 186.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. जबकि यहां 145.7 मिलीमीटर औसत बारिश होती थी. ऐसे में यहां पर 28 फीसदी दी अतिरिक्त बारिश हुई है.

औसत से 28 फीसदी कम दर्ज की गई बारिश : मौसम वैज्ञानिक बीके चिधालोरे का मानना है (Chhattisgarh Meteorological Department claims it will rain soon) कि प्रत्येक साल की अपेक्षा अब तक औसत बारिश काफी कम रही है. अब तक महज 154 मिलीमीटर बारिश हुई है. जबकि 215 मिलीमीटर सामान्य बारिश होनी थी. इस तरह लगभग 28% बारिश इस साल कम दर्ज की गई है. मौसम वैज्ञानिक बीके चिधालोरे यह भी कहते हैं कि आगामी तीन-चार दिनों बाद प्रदेश में अच्छी बारिश की संभावना है और कुछ जगह तो सामान्य से ज्यादा बारिश भी हो सकती है.अगर पूरे सीजन की बात की जाए तो मौसम वैज्ञानिक ने सामान्य बारिश होने की संभावना जताई है.

बारिश नहीं होने पर क्या : बता दें कि प्रदेश के बड़े जलाशयों में 50 फीसदी तक कम जलभराव हुआ (situation will worsen if there is no rain in Chhattisgarh) है. यदि जुलाई में मौसम ने साथ नहीं दिया तो आने वाले समय में जल संकट गहरा सकता है. इसका सीधा असर सिंचाई पर पड़ेगा. इससे फसलों का उत्पादन प्रभावित हो सकता है. वहीं उद्योग को कम पानी मिलने की स्थिति में भी नुकसान होगा. इसके साथ पेयजल और निस्तारी की समस्या भी खड़ी हो सकती है.

रायपुर : छत्तीसगढ़ में जून का महीना बीत चुका है. लेकिन मॉनसून अब तक प्रदेश पर मेहरबान नहीं है. जून माह में बारिश नहीं होने से प्रदेश के बड़े जलाशयों में जलभराव नहीं हो पाया है. हर साल शुरुआती बारिश में बांधों में जलभराव की स्थिति ठीक रहती थी. लेकिन इस बार बारिश नहीं होने से स्थिति गड़बड़ा गई ( Chhattisgarhs dams are empty) है. अब हालात ये हो गए हैं कि यदि हफ्ते भर के अंदर प्रदेश में भारी बारिश नहीं हुई तो आने वाले दिन किसानों के साथ-साथ उद्योगों के लिए भी भारी होंगे.

condition of reservoirs in Chhattisgarh is bad
छत्तीसगढ़ के बांध हैं खाली, कम बारिश ने बढ़ाया सूखे का खतरा



प्रदेश के बड़े बांधों के जलभराव की स्थिति : जल संसाधन विभाग के मुताबिक प्रदेश के 12 बड़े जलाशयों की कुल क्षमता 5355.709 लाख घन मीटर है. कम बारिश की वजह से इन जलाशयों में केवल 41.65 फीसदी ही पानी जमा हो सका है. जबकि 2020 में इन जलाशयों में 70.40 फीसदी और 2021 में 51.50 फीसदी पानी था.

condition of reservoirs in Chhattisgarh is bad
छत्तीसगढ़ के बांध हैं खाली, कम बारिश ने बढ़ाया सूखे का खतरा

मध्यम बांधों में जलभराव की स्थिति : वहीं राज्य में मध्यम स्तर के 34 जलाशय है. बारिश के दिनों में बहुत से जलाशय लबालब हो जाते थे, लेकिन इस बार स्थिति अच्छी नहीं (below average rain in chhattisgarh ) है. इन 34 जलाशयों की कुल क्षमता 1004.519 लाख घन मीटर है. जबकि इनमें 392.830 लाख घन मीटर पानी बचा है. यानी कुल क्षमता का केवल 39.11 फीसदी पानी है. 2020 में इन जलाशयों में 51.78 फीसदी और 2021 में 40.53 फीसदी तक जलभराव हुआ था.

सबसे कम जलभराव वाले बांध : सबसे कम जलभराव वाले बांधों की बात की जाए तो साल 2022 में सोंढुर बांध में 6.26 लाख घन मीटर जलभराव हुआ है जबकि साल 2021 में 55.78 लाख घन मीटर था. इसी तरह मुरुमसिल्ली बांध में इस साल 0.15 लाख घन मीटर जलभराव हुआ है, जबकि साल 2021 में 38.48 लाख घन मीटर जलभराव था, वही कोडार बांध में 7.33 लाख घन मीटर जलभराव हुआ है जबकि पिछले साल 7.34 लाख घन मीटर जलभराव था.

4 जिलों में सबसे कम हुई बारिश : मौसम विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में जून के अंत तक इस बार औसत से काफी कम बारिश हुई है. राज्य के 4 जिलों में सबसे कम बारिश हुई है. इन जिलों में बलरामपुर, जशपुर, रायपुर और सरगुजा शामिल हैं.

condition of reservoirs in Chhattisgarh is bad
छत्तीसगढ़ के बांध हैं खाली, कम बारिश ने बढ़ाया सूखे का खतरा

12 अन्य जिले भी कम बारिश से प्रभावित : वहीं प्रदेश के 12 ऐसे जिले हैं जहां औसत से कम बारिश दर्ज की गई है. जिसमें बालोद, बलोदा बाजार, बीजापुर, बलरामपुर, धमतरी, गरियाबंद, जांजगीर-चांपा, कांकेर, कोंडागांव, कोरबा कोरिया, महासमुंद, रायगढ़, सुकमा और सूरजपुर शामिल है.

सिर्फ एक जिले में ज्यादा बारिश : एक जिला ऐसा भी है जहां औसत से ज्यादा बारिश हुई है. वह जिला कबीरधाम है. यहां 186.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. जबकि यहां 145.7 मिलीमीटर औसत बारिश होती थी. ऐसे में यहां पर 28 फीसदी दी अतिरिक्त बारिश हुई है.

औसत से 28 फीसदी कम दर्ज की गई बारिश : मौसम वैज्ञानिक बीके चिधालोरे का मानना है (Chhattisgarh Meteorological Department claims it will rain soon) कि प्रत्येक साल की अपेक्षा अब तक औसत बारिश काफी कम रही है. अब तक महज 154 मिलीमीटर बारिश हुई है. जबकि 215 मिलीमीटर सामान्य बारिश होनी थी. इस तरह लगभग 28% बारिश इस साल कम दर्ज की गई है. मौसम वैज्ञानिक बीके चिधालोरे यह भी कहते हैं कि आगामी तीन-चार दिनों बाद प्रदेश में अच्छी बारिश की संभावना है और कुछ जगह तो सामान्य से ज्यादा बारिश भी हो सकती है.अगर पूरे सीजन की बात की जाए तो मौसम वैज्ञानिक ने सामान्य बारिश होने की संभावना जताई है.

बारिश नहीं होने पर क्या : बता दें कि प्रदेश के बड़े जलाशयों में 50 फीसदी तक कम जलभराव हुआ (situation will worsen if there is no rain in Chhattisgarh) है. यदि जुलाई में मौसम ने साथ नहीं दिया तो आने वाले समय में जल संकट गहरा सकता है. इसका सीधा असर सिंचाई पर पड़ेगा. इससे फसलों का उत्पादन प्रभावित हो सकता है. वहीं उद्योग को कम पानी मिलने की स्थिति में भी नुकसान होगा. इसके साथ पेयजल और निस्तारी की समस्या भी खड़ी हो सकती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.