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Exclusive: 30 जून को आईटी की रेड, 3 जून को कोरबा में हेमंत और रजनीकांत ने 25 करोड़ में खरीदी कोल वाशरी की प्रॉपर्टी !

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Published : Jun 30, 2022, 9:45 PM IST

Updated : Jun 30, 2022, 10:26 PM IST

कोरबा में आईटी रेड के तार कोल वाशरी की करोड़ों के जमीन सौदे से जुड़ती दिख रही है. कोरबा रजिस्ट्री ऑफिस से मिली जानकारी के अनुसार कोल व्यवसायी हेमंत जायसवाल और सूर्यकांत तिवारी के भाई रजनीकांत तिवारी ने 25 करोड़ रुपये में एक ही दिन में 35 टुकड़ों की रजिस्ट्री करवाई.

IT raid connected to coal washery in Korba
कोरबा में आईटी रेड से पहले जमीनों का सौदा

कोरबा: 30 जून को छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में आयकर विभाग की टीम ने छापामार कार्रवाई की है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यालय में पदस्थ सौम्या चौरसिया के निवास स्थान के साथ ही सूर्यकांत तिवारी और कोरबा के कोयला व्यवसायी हेमंत जायसवाल के घर आईटी विभाग की टीम ने कार्रवाई की. इसी बीच कोरबा के कोयला व्यवसायी हेमंत जायसवाल और सूर्यकांत तिवारी के भाई रजनीकांत तिवारी के बारे में ETV भारत को एक अहम जानकारी मिली है. कोरबा के पंजीयक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार कोरबा के कोथारी के पास गांव जमनीपाली में स्थित कोल साइडिंग/वाशरी/क्रशर मेसर्स इंडस उद्योग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (Property of Indus Udyog And Infrastructure Pvt Ltd) की प्रॉपर्टी को अलग-अलग रजिस्ट्री कराकर टुकड़ों में लगभग 25 करोड़ रुपयों में खरीदा गया है. यह सभी रजिस्ट्री जून माह के शुरुआत में 3 जून को हुई थी. जिसके बाद 30 जून को हेमंत जायसवाल सहित सूर्यकांति तिवारी के सभी ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापामार कार्रवाई की. (IT raid in Korba )

कोरबा में आईटी रेड से पहले जमीनों का सौदा

कोल वाशरी से जुड़े तार! कोरबा जिले के गांव कोथारी के पास जमनीपाली और पचपेड़ी में लंबे समय मेसर्स इंडस उद्योग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड की रेलवे साइडिंग/कोल वाशरी/ क्रशर स्थापित है. यहां से महाराष्ट्र के पावर प्लांट्स को कोयला सप्लाई किया जाता रहा है. जिसके डायरेक्टर आशीष अग्रवाल हैं. जिला पंजीयक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार
इसी महीने की 3 जून को आशीष अग्रवाल ने मड़वारानी कोल बेनिफिकेशन प्राइवेट लिमिटेड को जमीन बेची है. जिसके मालिक रजनीकांत तिवारी हैं. जो रायपुर रोड, महासमुंद के निवासी हैं. इस प्रॉपेर्टी की कुल 12 रजिस्ट्री हुई है. जिसमें से 3 में हेमंत जायसवाल पार्टनर हैं. जबकि बाकी सभी रजिस्ट्री रजनीकांत तिवारी के नाम पर हुई है. इन सभी रजिस्ट्री में से केवल 1 जमीन जिसका खसरा नंबर 259/1 और 259/4 कुल रकबा, 30 डिसमिल के मालिक राजेश मिश्रा हैं. लेकिन इसकी पावर ऑफ अटॉर्नी भी आशीष अग्रवाल के पास थी. इस खसरा नंबर की 30 डिसमिल जमीन के एवज में 3 लाख का सौदा कर रजिस्ट्री रजनीकांत तिवारी के नाम पर की गई है. इसे छोड़कर सभी के मालिक आशीष अग्रवाल हैं. जबकि जमीन खरीदने वाले रजनीकांत तिवारी और हेमंत जायसवाल हैं. (IT raid connected to coal washery in Korba)

छत्तीसगढ़ में राजधानी रायपुर सहित कई शहरों में IT का छापा

*जिन जमीनों का सौदा हुआ उनमे से कुछ प्रमुख का विवरण

स.क्र.- जमीन का खसरा नंबर- राशि(रुपये में)

1.438/1,442/1- 7 लाख 50 हजार

2. 263/5,265/4- 8 करोड़ 77 लाख 69 हजार

3. 423,424, 425, 439(में 8 टुकड़े)- 23 लाख 20 हजार

4. 263/6, 265/5- 8 करोड़ 77 लाख 69 हजार

5. 411/4ख, 358/4- 7 करोड़ 2 लाख 28 हजार

कुल 12 रजिस्ट्री, जिनमे से 3 एक आदिवासी के नाम पर :

पंजीयक कार्यालय में मौजूद रिकॉर्ड के अनुसार "3 जून को ही यह सभी रजिस्ट्री हुई है. सभी जमीन इसी कोल वाशरी की हैं. जो गांव जमनीपाली और इसके पड़ोसी गांव पचपेड़ी में स्थित है. गांव पचपेड़ी की 11 एकड़ जमीन का सौदा इंडस के डायरेक्टर आशीष अग्रवाल ने एक आदिवासी ईश्वर सिंह सिदार के नाम पर भी की है. इसका दाम भी करोड़ों में है. ईश्वर के नाम पर कुल 3 रजिस्ट्री की गई हैं.

एक ही दिन में 35 टुकड़ों की रजिस्ट्री, दाम 25 करोड़ से ज्यादा : पंजीयक कार्यालय में एक ही दिन इतनी अधिक रजिस्ट्री का होना कई सवालों को जन्म दे रहा है. कोरबा के कोठारी के समीप गांव जमनीपाली में स्थित कोल साइडिंग/वाशरी/क्रशर मेसर्स इंडस उद्योग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर आशीष अग्रवाल ने 37 टुकड़ों की 12 रजिस्ट्री की है. जिसे हेमंत जायसवाल, रजनीकांत तिवारी और ईश्वर सिंह सिदार ने खरीदा है. कुल जमीन का रकबा लगभग 25 एकड़ है. इसके एवज में करीब 25 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि का भुगतान किया गया है.

निर्धारित सीमा से अधिक की रजिस्ट्री तो इनकम टैक्स को जाती है सूचना : वर्तमान घटनाक्रम के अनुसार छापामार कार्रवाई का केंद्र बिंदु कोरबा का पंजीयक कार्यालय को कहना गलत नहीं होगा. दरअसल पंजीयक कार्यालय में जब भी एक निर्धारित सीमा से अधिक के रकम की रजिस्ट्री होती है. तब पंजीयक कार्यालय से एक सूचना इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को भी दी जाती है.
सूत्रों की माने तो इसी जानकारी के बाद इनकम टैक्स ने जांच पड़ताल शुरू की है. प्रॉपर्टी खरीदने के लिए पैसे कहां से आए? खरीदारी करने वाले खरीदारों के पीछे और किन लोगों की संलिप्तता है? खरीदी की प्रक्रिया में क्या कोई गड़बड़ी हुई है? यह इस तरह के कई सवालों का जवाब मिलना बाकी है. फिलहाल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की कार्रवाई प्रदेश भर में जा रही है.

एक दिन पहले ही हुआ है कलेक्टर का तबादला : जिले में इनकम टैक्स विभाग की छापामार कार्रवाई के ठीक 1 दिन पहले 29 जून को कलेक्टर रानू साहू का तबादला कोरबा से रायगढ़ किया गया है. जबकि सरगुजा के कलेक्टर संजीव झा का तबादला कोरबा किया गया है. फिलहाल संजीव झा ने कोरबा में आकर प्रभार नहीं लिया है.

कोरबा: 30 जून को छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में आयकर विभाग की टीम ने छापामार कार्रवाई की है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यालय में पदस्थ सौम्या चौरसिया के निवास स्थान के साथ ही सूर्यकांत तिवारी और कोरबा के कोयला व्यवसायी हेमंत जायसवाल के घर आईटी विभाग की टीम ने कार्रवाई की. इसी बीच कोरबा के कोयला व्यवसायी हेमंत जायसवाल और सूर्यकांत तिवारी के भाई रजनीकांत तिवारी के बारे में ETV भारत को एक अहम जानकारी मिली है. कोरबा के पंजीयक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार कोरबा के कोथारी के पास गांव जमनीपाली में स्थित कोल साइडिंग/वाशरी/क्रशर मेसर्स इंडस उद्योग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (Property of Indus Udyog And Infrastructure Pvt Ltd) की प्रॉपर्टी को अलग-अलग रजिस्ट्री कराकर टुकड़ों में लगभग 25 करोड़ रुपयों में खरीदा गया है. यह सभी रजिस्ट्री जून माह के शुरुआत में 3 जून को हुई थी. जिसके बाद 30 जून को हेमंत जायसवाल सहित सूर्यकांति तिवारी के सभी ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापामार कार्रवाई की. (IT raid in Korba )

कोरबा में आईटी रेड से पहले जमीनों का सौदा

कोल वाशरी से जुड़े तार! कोरबा जिले के गांव कोथारी के पास जमनीपाली और पचपेड़ी में लंबे समय मेसर्स इंडस उद्योग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड की रेलवे साइडिंग/कोल वाशरी/ क्रशर स्थापित है. यहां से महाराष्ट्र के पावर प्लांट्स को कोयला सप्लाई किया जाता रहा है. जिसके डायरेक्टर आशीष अग्रवाल हैं. जिला पंजीयक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार
इसी महीने की 3 जून को आशीष अग्रवाल ने मड़वारानी कोल बेनिफिकेशन प्राइवेट लिमिटेड को जमीन बेची है. जिसके मालिक रजनीकांत तिवारी हैं. जो रायपुर रोड, महासमुंद के निवासी हैं. इस प्रॉपेर्टी की कुल 12 रजिस्ट्री हुई है. जिसमें से 3 में हेमंत जायसवाल पार्टनर हैं. जबकि बाकी सभी रजिस्ट्री रजनीकांत तिवारी के नाम पर हुई है. इन सभी रजिस्ट्री में से केवल 1 जमीन जिसका खसरा नंबर 259/1 और 259/4 कुल रकबा, 30 डिसमिल के मालिक राजेश मिश्रा हैं. लेकिन इसकी पावर ऑफ अटॉर्नी भी आशीष अग्रवाल के पास थी. इस खसरा नंबर की 30 डिसमिल जमीन के एवज में 3 लाख का सौदा कर रजिस्ट्री रजनीकांत तिवारी के नाम पर की गई है. इसे छोड़कर सभी के मालिक आशीष अग्रवाल हैं. जबकि जमीन खरीदने वाले रजनीकांत तिवारी और हेमंत जायसवाल हैं. (IT raid connected to coal washery in Korba)

छत्तीसगढ़ में राजधानी रायपुर सहित कई शहरों में IT का छापा

*जिन जमीनों का सौदा हुआ उनमे से कुछ प्रमुख का विवरण

स.क्र.- जमीन का खसरा नंबर- राशि(रुपये में)

1.438/1,442/1- 7 लाख 50 हजार

2. 263/5,265/4- 8 करोड़ 77 लाख 69 हजार

3. 423,424, 425, 439(में 8 टुकड़े)- 23 लाख 20 हजार

4. 263/6, 265/5- 8 करोड़ 77 लाख 69 हजार

5. 411/4ख, 358/4- 7 करोड़ 2 लाख 28 हजार

कुल 12 रजिस्ट्री, जिनमे से 3 एक आदिवासी के नाम पर :

पंजीयक कार्यालय में मौजूद रिकॉर्ड के अनुसार "3 जून को ही यह सभी रजिस्ट्री हुई है. सभी जमीन इसी कोल वाशरी की हैं. जो गांव जमनीपाली और इसके पड़ोसी गांव पचपेड़ी में स्थित है. गांव पचपेड़ी की 11 एकड़ जमीन का सौदा इंडस के डायरेक्टर आशीष अग्रवाल ने एक आदिवासी ईश्वर सिंह सिदार के नाम पर भी की है. इसका दाम भी करोड़ों में है. ईश्वर के नाम पर कुल 3 रजिस्ट्री की गई हैं.

एक ही दिन में 35 टुकड़ों की रजिस्ट्री, दाम 25 करोड़ से ज्यादा : पंजीयक कार्यालय में एक ही दिन इतनी अधिक रजिस्ट्री का होना कई सवालों को जन्म दे रहा है. कोरबा के कोठारी के समीप गांव जमनीपाली में स्थित कोल साइडिंग/वाशरी/क्रशर मेसर्स इंडस उद्योग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर आशीष अग्रवाल ने 37 टुकड़ों की 12 रजिस्ट्री की है. जिसे हेमंत जायसवाल, रजनीकांत तिवारी और ईश्वर सिंह सिदार ने खरीदा है. कुल जमीन का रकबा लगभग 25 एकड़ है. इसके एवज में करीब 25 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि का भुगतान किया गया है.

निर्धारित सीमा से अधिक की रजिस्ट्री तो इनकम टैक्स को जाती है सूचना : वर्तमान घटनाक्रम के अनुसार छापामार कार्रवाई का केंद्र बिंदु कोरबा का पंजीयक कार्यालय को कहना गलत नहीं होगा. दरअसल पंजीयक कार्यालय में जब भी एक निर्धारित सीमा से अधिक के रकम की रजिस्ट्री होती है. तब पंजीयक कार्यालय से एक सूचना इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को भी दी जाती है.
सूत्रों की माने तो इसी जानकारी के बाद इनकम टैक्स ने जांच पड़ताल शुरू की है. प्रॉपर्टी खरीदने के लिए पैसे कहां से आए? खरीदारी करने वाले खरीदारों के पीछे और किन लोगों की संलिप्तता है? खरीदी की प्रक्रिया में क्या कोई गड़बड़ी हुई है? यह इस तरह के कई सवालों का जवाब मिलना बाकी है. फिलहाल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की कार्रवाई प्रदेश भर में जा रही है.

एक दिन पहले ही हुआ है कलेक्टर का तबादला : जिले में इनकम टैक्स विभाग की छापामार कार्रवाई के ठीक 1 दिन पहले 29 जून को कलेक्टर रानू साहू का तबादला कोरबा से रायगढ़ किया गया है. जबकि सरगुजा के कलेक्टर संजीव झा का तबादला कोरबा किया गया है. फिलहाल संजीव झा ने कोरबा में आकर प्रभार नहीं लिया है.

Last Updated : Jun 30, 2022, 10:26 PM IST
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