रायपुर: सीएम भूपेश बघेल ने लॉकडाउन के बाद प्रदेश में शुरू हुए उद्योगों को लेकर उद्योगपतियों से चर्चा की. इस दौरान उन्होंने उद्योगों के संचालन में कोरोना संक्रमण से बचाव की गाइडलाइन सहित सभी एहतियाती उपायों का गंभीरता से पालन करने के निर्देश दिए. सीएम ने अपने निवास कार्यालय में उद्योगपतियों से चर्चा करते हुए कहा कि लॉकडाउन के 60 से 70 दिनों बाद औद्योगिक गतिविधियां शुरू हुई है, ऐसे में ये जरूरी है कि उद्योगों में काम करने वाले संक्रमण से सुरक्षित रहें.
इसके तहत काम करने वालों के स्वास्थ्य की जांच सहित गाइडलाइन का पालन किया जाए और स्थानीय उद्योगों में काम करने वाले लोगों को बाहर से आने वाले लोगों के सम्पर्क से दूर रखा जाए.सीएम ने चर्चा के दौरान उद्योगों की समस्याओं की जानकारी ली और उद्योगपतियों को उनके समाधान के लिए राज्य सरकार के स्तर से हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया.
छत्तीसगढ़ को इंडस्ट्रियल हब बनाने की मंशा
वन मंत्री मोहम्मद अकबर भी इस चर्चा में शामिल रहे. सीएम ने कहा कि राज्य सरकार की ये मंशा है कि छत्तीसगढ़ इंडस्ट्रियल हब बने, यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार मिले और राज्य सरकार को भी उद्योगों से राजस्व की प्राप्ति हो. वहीं उद्योगपतियों ने चर्चा के दौरान कहा कि नई सरकार बनने के बाद प्रदेश में अच्छा औद्योगिक वातावरण बना है. अधिकारी उद्योगों की समस्याएं सुन रहे हैं और निराकरण का प्रयास भी कर रहे हैं.
उद्योगों के संचालन में स्थानीय लोगों को मिले प्राथमिकता
सीएम ने उद्योगपतियों से कहा कि कोरोना संकट से ये सीख मिली है कि उद्योगों के संचालन में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाए. स्थानीय श्रमिकों को उद्योगों की आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण देकर उनके कौशल का उन्नयन किया जाए।. साथ ही स्थानीय विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाए. सीएम ने बताया कि बाहर से आने वाले श्रमिकों की स्किल मैपिंग करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं. मैपिंग के बाद श्रमिकों की तैयार की जाने वाली सूची से उद्योगों को उनकी आवश्यकता अनुसार दक्ष श्रमिकों की सेवाएं लेने में आसानी होगी.
नई सरकार बनने के बाद बना अच्छा औद्योगिक वातावरण:उद्योगपति
बैठक में उद्योगपतियों ने सीएम से आग्रह किया कि पुरानी औद्योगिक नीति के तहत स्थापित उद्योगों को उस समय की औद्योगिक नीति में दी जाने वाली रियायतों का लाभ मिलना चाहिए. उद्योगपतियों ने भूखण्डों को फ्री होल्ड करने के नियमों में संशोधन के लिए भी आग्रह किया. उन्होंने बताया कि फ्री होल्ड के लिए भूखण्ड की जो सीमा निर्धारित की गई है, उससे बड़े आकार के भूखण्डों पर उद्योग स्थापित हैं इसलिए इस प्रावधान का लाभ उद्योगों को नहीं मिल पा रहा है. सीएम ने समस्याओं के निराकरण और हर संभव मदद का आश्वसान दिया.
पढ़ें-विशेष विमान से बेंगलुरू से रायपुर पहुंचे 180 प्रवासी मजदूर
सीएम ने उद्योगपतियों को हर संभव सहयोग का दिया आश्वासन
बैठक में मेसर्स सीमेंट लिमिटेड के रवि तिवारी, मेसर्स आर.आर. इस्पात के दिनेश अग्रवाल, मेसर्स मां कुदरगढ़ी एल्यूमिना रिफायनरी प्राइवेट लिमिटेड के अनिल कुमार अग्रवाल, एस.के.एस इस्पात एण्ड पावर लिमिटेड के हरिहरण, मेसर्स प्रकाश इंडस्ट्रिज लिमिटेड ए.के. चतुर्वेदी, मेसर्स गोपाल स्पंज एंड पावर लिमिटेड के विजय आनंद झावर, मेसर्स रामा पावर एंड स्टील प्रायवेट लिमिटेड के संजय गोयल, मेसर्स बजरंग एलायस लिमिटेड के नरेन्द्र गोयल, मेसर्स गोयल जेनिथ एग्रो प्रायवेट लिमिटेड के विरेन्द्र गोयल भी शामिल रहे.