रायपुर: मरवाही में अमित जोगी और ऋचा जोगी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने के बाद लगातार सरकार पर विपक्षी दल निशाना साध रहे हैं. कांग्रेस सरकार पर विपक्ष ने सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विपक्ष के आरोप पर पलटवार किया है. सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि बीजेपी ने 2003 के चुनाव में नकली आदिवासी के मुद्दे पर चुनाव लड़ा और सत्ता में आई, लेकिन फिर भी एक व्यक्ति की जाति प्रमाणित करने में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने 15 साल लगा दिए.
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मुख्यमंत्री ने बीजेपी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि शिकायत भाजपा ने की थी और सरकार भी उन्हीं की थी. मुझे याद है कि 2013 में सितंबर माह में चुनाव के पहले हाईकोर्ट से केस वापस मांग लिया गया था और जो हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट है, उसे वापस ले लिया गया था. जिस तरह से रमन सिंह और जोगी की जुगलबंदी रही है, वह दिख रही है. उन्होंने कहा कि आदिवासियों के नाम पर बहुत से लोग फर्जी सर्टिफिकेट बना लेते हैं और नौकरी करते हैं. शिकायत होती है तो इसे लेकर वर्षों तक कोई निराकरण नहीं होता. अब जब जाति मामले में फैसला आया है, तो बीजेपी को स्वागत करना चाहिए. जो 15 साल में बीजेपी की सरकार ने नहीं किया, वह 18 महीने में हमने कर दिया.
जेसीसीजे की प्रेस कॉन्फ्रेंस आज
मरवाही विधानसभा उपचुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) प्रत्याशी अमित जोगी का नामांकन रद्द होने के बाद आज जोगी निवास में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया है. इस प्रेसवार्ता में आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी. अमित जोगी ने नामांकन रद्द होने के बाद बघेल सरकार पर जमकर निशाना साधा. जोगी ने कहा कि देश विधि और संविधान से चलता है, बदलापुर और जोगेरिया से नहीं. वो सोचते हैं कि कुश्ती अकेले लड़ेंगे और खुद ही जीतेंगे. जनता को इतना बेबस और बेवकूफ नहीं समझना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के इशारे पर मेरा नामांकन खारिज कराना अजीत जोगी और मरवाही की जनता का अपमान है.