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सीएम बघेल का पीएम मोदी से अनुरोध, कहा- 'मजदूरों के हित में निर्णय लिया जाए' - गरीब कल्याण रोजगार अभियान’

छत्तीसगढ़ राज्य को 'प्रधामंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान' में शामिल नहीं किया गया है. इस बात को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य को इस योजना में शामिल करने की अपील की है.

bhupesh baghel and modi
सीएम बघेल और पीएम मोदी
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Published : Jun 21, 2020, 4:49 PM IST

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे छत्तीसगढ़ राज्य को 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान' में तत्काल शामिल करने का अनुरोध किया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि 'पीएम गरीब कल्याण रोजगार अभियान' में छत्तीसगढ़ के सभी जिलों को शामिल करने से राज्य के सभी प्रवासी श्रमिकों के जीवकोपार्जन के लिए उनकी रूचि एवं कौशल के अनुरूप रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे.

CM  bhupesh Baghel wrote a letter to PM Modi and appealing for inclusion of Chhattisgarh in poor welfare
सीएम बघेल का पीएम मोदी को पत्र
बघेल ने पत्र में लिखा है कि 'भारत सरकार द्वारा प्रवासी कामगारों को आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए 20 जून को बिहार के खगड़िया से देश के 6 राज्यों के 116 जिलों में ’गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ का शुभारंभ किया गया है, जिसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखण्ड एवं उड़ीसा राज्य को शामिल किया गया है. योजना में सम्मिलित मध्यप्रदेश, झारखण्ड एवं ओडिशा, छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य हैं लेकिन छत्तीसगढ़ को छोड़ दिया गया है, जबकि सम्मिलित इन राज्यों की भौगोलिक, आर्थिक एवं सामाजिक स्थितियों में काफी समानता है'

'5 लाख प्रवासी मजदूर वापस आ चुके हैं'
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि, 'कोरोना वायरस कोविड-19 के परिणाम स्वरूप पूरा देश प्रभावित है. इस भयंकर महामारी-त्रासदी के कारण रोज कमाने खाने वाले हमारा सर्वहारा प्रवासी मजदूर वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. उनके वर्तमान कार्यस्थलों में नियोजन-रोजगार के अवसर समाप्त होने के कारण प्रवासी मजदूरों को विवश होकर गृह राज्य लौटना पड़ा है. छत्तीसगढ़ राज्य में अब-तक लगभग 5 लाख प्रवासी मजदूर वापस आ चुके हैं. मजदूरों का गृह राज्य में वापस लौटना अभी भी जारी है'.

पढ़ें : 'गरीब कल्याण रोजगार योजना' से छत्तीसगढ़ बाहर, सीएम भूपेश ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

बघेल ने लिखा है कि, 'राज्य के लगभग तीन-चैथाई क्षेत्र अत्यंत पिछडे एवं वन क्षेत्र हैं, जहां पर राज्य के लगभग 80 प्रतिशत अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के लोग निवासरत हैं. राज्य की लगभग 90 प्रतिशत जनसंख्या कृषि एवं सामान्य मजदूरी पर निर्भर है, जो सामान्यतः असंगठित क्षेत्र, कृषि मजदूर एवं सीमांत कृषक है. राज्य का बस्तर, सरगुजा संभाग सहित अन्य संभागों में आदिवासी वर्ग की बहुलता है. साथ ही छत्तीसगढ़ में दस आकांक्षी जिले भी हैं. ’गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ में छत्तीसगढ़ को सम्मिलित नहीं किये जाने से यहां के गरीबों, कृषि मजदूरों, प्रवासी मजदूरों एवं सीमांत किसानों में अत्यंत निराशा का भाव है. उपरोक्त दृष्टि से राज्य वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों के साथ-साथ राज्य में निवासरत मजदूरों को भी तुरंत रोजगार उपलब्ध कराना प्राथमिक आवश्यकता है'.


'मजदूरों के हित में निर्णय लिया जाए'
मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध करते हुए लिखा कि छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त जिलों को ’गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ में तत्काल शामिल किया जाये, ताकि राज्य के सभी प्रवासी श्रमिकों के जीवकोपार्जन के लिए उनकी रूचि एवं कौशल के अनुरूप रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सके. मुख्यमंत्री ने विश्वास प्रकट किया है कि इस संबंध में राज्य के प्रवासी मजदूरों के हित में निर्णय लिया जाएगा.

बघेल ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर साधा था निशाना

बता दें सीएम बघेल ने छत्तीसगढ़ को इस योजना में शामिल नहीं करने पर ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था. साथ ही केंद्र सरकार पर छत्तीसगढ़ महतारी और उसके बच्चों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया था.

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे छत्तीसगढ़ राज्य को 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान' में तत्काल शामिल करने का अनुरोध किया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि 'पीएम गरीब कल्याण रोजगार अभियान' में छत्तीसगढ़ के सभी जिलों को शामिल करने से राज्य के सभी प्रवासी श्रमिकों के जीवकोपार्जन के लिए उनकी रूचि एवं कौशल के अनुरूप रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे.

CM  bhupesh Baghel wrote a letter to PM Modi and appealing for inclusion of Chhattisgarh in poor welfare
सीएम बघेल का पीएम मोदी को पत्र
बघेल ने पत्र में लिखा है कि 'भारत सरकार द्वारा प्रवासी कामगारों को आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए 20 जून को बिहार के खगड़िया से देश के 6 राज्यों के 116 जिलों में ’गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ का शुभारंभ किया गया है, जिसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखण्ड एवं उड़ीसा राज्य को शामिल किया गया है. योजना में सम्मिलित मध्यप्रदेश, झारखण्ड एवं ओडिशा, छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य हैं लेकिन छत्तीसगढ़ को छोड़ दिया गया है, जबकि सम्मिलित इन राज्यों की भौगोलिक, आर्थिक एवं सामाजिक स्थितियों में काफी समानता है'

'5 लाख प्रवासी मजदूर वापस आ चुके हैं'
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि, 'कोरोना वायरस कोविड-19 के परिणाम स्वरूप पूरा देश प्रभावित है. इस भयंकर महामारी-त्रासदी के कारण रोज कमाने खाने वाले हमारा सर्वहारा प्रवासी मजदूर वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. उनके वर्तमान कार्यस्थलों में नियोजन-रोजगार के अवसर समाप्त होने के कारण प्रवासी मजदूरों को विवश होकर गृह राज्य लौटना पड़ा है. छत्तीसगढ़ राज्य में अब-तक लगभग 5 लाख प्रवासी मजदूर वापस आ चुके हैं. मजदूरों का गृह राज्य में वापस लौटना अभी भी जारी है'.

पढ़ें : 'गरीब कल्याण रोजगार योजना' से छत्तीसगढ़ बाहर, सीएम भूपेश ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

बघेल ने लिखा है कि, 'राज्य के लगभग तीन-चैथाई क्षेत्र अत्यंत पिछडे एवं वन क्षेत्र हैं, जहां पर राज्य के लगभग 80 प्रतिशत अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के लोग निवासरत हैं. राज्य की लगभग 90 प्रतिशत जनसंख्या कृषि एवं सामान्य मजदूरी पर निर्भर है, जो सामान्यतः असंगठित क्षेत्र, कृषि मजदूर एवं सीमांत कृषक है. राज्य का बस्तर, सरगुजा संभाग सहित अन्य संभागों में आदिवासी वर्ग की बहुलता है. साथ ही छत्तीसगढ़ में दस आकांक्षी जिले भी हैं. ’गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ में छत्तीसगढ़ को सम्मिलित नहीं किये जाने से यहां के गरीबों, कृषि मजदूरों, प्रवासी मजदूरों एवं सीमांत किसानों में अत्यंत निराशा का भाव है. उपरोक्त दृष्टि से राज्य वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों के साथ-साथ राज्य में निवासरत मजदूरों को भी तुरंत रोजगार उपलब्ध कराना प्राथमिक आवश्यकता है'.


'मजदूरों के हित में निर्णय लिया जाए'
मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध करते हुए लिखा कि छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त जिलों को ’गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ में तत्काल शामिल किया जाये, ताकि राज्य के सभी प्रवासी श्रमिकों के जीवकोपार्जन के लिए उनकी रूचि एवं कौशल के अनुरूप रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सके. मुख्यमंत्री ने विश्वास प्रकट किया है कि इस संबंध में राज्य के प्रवासी मजदूरों के हित में निर्णय लिया जाएगा.

बघेल ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर साधा था निशाना

बता दें सीएम बघेल ने छत्तीसगढ़ को इस योजना में शामिल नहीं करने पर ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था. साथ ही केंद्र सरकार पर छत्तीसगढ़ महतारी और उसके बच्चों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया था.

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