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छत्तीसगढ़ के चित्रसेन साहू को बनाया गया CLAW मिशन का ब्रांड एंबेसडर

रायपुर के पर्वतारोही चित्रसेन साहू को CLAW मिशन का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है. CLAW का उद्देश्य अनुकूल साहसिक खेलों के माध्यम से दिव्यांग लोगों को पुनर्वास के लिए तैयार करना है.

Chitrasen Sahu of Chhattisgarh named Brand Ambassador of CLAW Mission
चित्रसेन साहू
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Published : Nov 28, 2020, 1:52 PM IST

रायपुर: पर्वतारोही चित्रसेन साहू राज्य के ब्लेड रनर 'हाफ ह्यूमन रोबो' के नाम से जाने जाते हैं. चित्रसेन साहू को CLAW मिशन का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है. कॉन्कर लैंड एयर एंड वॉटर (CLAW) का उद्देश्य अनुकूल साहसिक खेलों के माध्यम से दिव्यांग लोगों को पुनर्वास के लिए तैयार करना है.

Chitrasen Sahu of Chhattisgarh named Brand Ambassador of CLAW Mission
चित्रसेन साहू
ऑपरेशन ब्लू फ्रीडम दिव्यांगों के मजबूत हौसलों और उनकी योग्यताओं को व्यक्त करने के लिए एक आंदोलन है, ताकि समाज में उनके प्रति फैली अवधारणाओं को अपनी सही क्षमताओं से वे विकसित कर सकें और सार्थक रोजगार से अपने गौरव की रक्षा कर सकें. 'ऑपरेशन ब्लू फ्रीडम' CLAW जो भारतीय सेना और भारतीय नौसेना के पूर्व विशेष बलों के अधिकारियों की एक टीम है, इसे जून 2019 में शुरू किया गया था.
Chitrasen Sahu
चित्रसेन साहू

पढ़ें- वैक्सीन यात्रा पर प्रधानमंत्री मोदी, अहमदाबाद में टीके की तैयारियों का लिया जायजा

ऑपरेशन ब्लू फ्रीडम दिव्यांगों और विशेष बलों को संगठित करता है. इसका उद्देश्य उस मानसिकता को मुख्यधारा में शामिल करना है, जो विशेष बल और दिव्यांगों को शत्रुतापूर्ण वातावरण में सर्वाइव, स्टेबलाइज और थ्राइव करना सिखाता है.

विशेष बलों की एक टीम है CLAW

टीम CLAW भारतीय सशस्त्र बलों के अनुभवी विशेष बलों की एक टीम है. हर टीम का सदस्य सेना/ नौसेना के विशेष बलों में एक चोटिल सैनिक रहा है. पर्वतारोहण, स्काइडाइविंग, स्कूबा डाइविंग, निहत्थे मुकाबला, मल्टी-टेरेन सर्वाइवल टेक, इमरजेंसी मेड रिस्पॉन्स में कई विशेषज्ञता के साथ प्रशिक्षित किया गया है. टीम के हर सदस्य को विश्व के सबसे कठिन चयन, प्रशिक्षण और परिचालन वातावरण से गुजरना पड़ा है.

ट्रिपल वर्ल्ड रिकॉर्ड

दिव्यांगता से जुड़ी दया, दान और अक्षमता की सामान्य विचारों को तोड़ने और उनके गौरव, योग्यता और स्वतंत्रता को बनाने के लिए टीम CLAW भूमि, वायु और जल में तीन विश्व रिकॉर्ड बना रही है. क्षमता और स्वतंत्रता की एक शक्तिशाली धारणा बनाने के लिए आत्मविश्वास और सामूहिक प्रयास की शक्ति को प्रस्तुत करने के लिए लोग राष्ट्रीयता, धर्म, संस्कृति, रंग और क्षमता के साथ आगे आ रहे हैं.

दिव्यांगों को पूर्व विशेष बलों के प्रशिक्षकों और नागरिक स्वयंसेवकों स्काईडाइविंग, स्कूबा डाइविंग और पर्वतारोहण में प्रशिक्षित किया जाएगा. प्रशिक्षण के बाद टीमें ट्रिपल एलिमेंटल वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए आगे बढ़ेंगी, जिसके तहत –

  • लैंड - दुनिया की सबसे ऊंची बैटलफील्ड पर चढ़ने के लिए दिव्यांग व्यक्तियों की सबसे बड़ी टीम सियाचिन ग्लेशियर, भारत जाएगी.
  • एयर - दिव्यांगों की सबसे बड़ी टीम स्काईडाइव (accelerated फ्री फॉल) के लिए दुबई, यूएई जाएगी.
  • जल - खुले समुद्र में स्कूबा डाइविंग के लिए दिव्यांग व्यक्तियों की सबसे बड़ी टीम मालदीव जाएगी.

रीढ़ की हड्डी में चोट की वजह से जिन लोगों को लकवा मार गया, ऐसे 100 से अधिक लोगों को भारत के चार शहरों में स्कूबा डाइविंग का प्रशिक्षण दिया गया. टीम CLAW ने ओपन सी स्कूबा डाइविंग के लिए मार्च 2020 में लक्षद्वीप की यात्रा की. वहां टीम ने भारत का पहला स्कूबा डाइविंग प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया. जहां एक दिव्यांग व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति को स्कूबा डाइविंग का प्रशिक्षण दिया. टीम ने एक स्थानीय महिला को रिहैबिलिटेटिव स्कूबा डाइविंग में लक्षद्वीप की दिव्यांग महिलाओं को प्रशिक्षित करके इंटरसेक्शनल मार्जिनलाइजेशन को भी संबोधित किया. इस घटना के प्रभाव को प्रेरित करने के लिए एक डॉक्यूमेंट्री के रूप में कैप्चर किया गया था.

रायपुर: पर्वतारोही चित्रसेन साहू राज्य के ब्लेड रनर 'हाफ ह्यूमन रोबो' के नाम से जाने जाते हैं. चित्रसेन साहू को CLAW मिशन का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है. कॉन्कर लैंड एयर एंड वॉटर (CLAW) का उद्देश्य अनुकूल साहसिक खेलों के माध्यम से दिव्यांग लोगों को पुनर्वास के लिए तैयार करना है.

Chitrasen Sahu of Chhattisgarh named Brand Ambassador of CLAW Mission
चित्रसेन साहू
ऑपरेशन ब्लू फ्रीडम दिव्यांगों के मजबूत हौसलों और उनकी योग्यताओं को व्यक्त करने के लिए एक आंदोलन है, ताकि समाज में उनके प्रति फैली अवधारणाओं को अपनी सही क्षमताओं से वे विकसित कर सकें और सार्थक रोजगार से अपने गौरव की रक्षा कर सकें. 'ऑपरेशन ब्लू फ्रीडम' CLAW जो भारतीय सेना और भारतीय नौसेना के पूर्व विशेष बलों के अधिकारियों की एक टीम है, इसे जून 2019 में शुरू किया गया था.
Chitrasen Sahu
चित्रसेन साहू

पढ़ें- वैक्सीन यात्रा पर प्रधानमंत्री मोदी, अहमदाबाद में टीके की तैयारियों का लिया जायजा

ऑपरेशन ब्लू फ्रीडम दिव्यांगों और विशेष बलों को संगठित करता है. इसका उद्देश्य उस मानसिकता को मुख्यधारा में शामिल करना है, जो विशेष बल और दिव्यांगों को शत्रुतापूर्ण वातावरण में सर्वाइव, स्टेबलाइज और थ्राइव करना सिखाता है.

विशेष बलों की एक टीम है CLAW

टीम CLAW भारतीय सशस्त्र बलों के अनुभवी विशेष बलों की एक टीम है. हर टीम का सदस्य सेना/ नौसेना के विशेष बलों में एक चोटिल सैनिक रहा है. पर्वतारोहण, स्काइडाइविंग, स्कूबा डाइविंग, निहत्थे मुकाबला, मल्टी-टेरेन सर्वाइवल टेक, इमरजेंसी मेड रिस्पॉन्स में कई विशेषज्ञता के साथ प्रशिक्षित किया गया है. टीम के हर सदस्य को विश्व के सबसे कठिन चयन, प्रशिक्षण और परिचालन वातावरण से गुजरना पड़ा है.

ट्रिपल वर्ल्ड रिकॉर्ड

दिव्यांगता से जुड़ी दया, दान और अक्षमता की सामान्य विचारों को तोड़ने और उनके गौरव, योग्यता और स्वतंत्रता को बनाने के लिए टीम CLAW भूमि, वायु और जल में तीन विश्व रिकॉर्ड बना रही है. क्षमता और स्वतंत्रता की एक शक्तिशाली धारणा बनाने के लिए आत्मविश्वास और सामूहिक प्रयास की शक्ति को प्रस्तुत करने के लिए लोग राष्ट्रीयता, धर्म, संस्कृति, रंग और क्षमता के साथ आगे आ रहे हैं.

दिव्यांगों को पूर्व विशेष बलों के प्रशिक्षकों और नागरिक स्वयंसेवकों स्काईडाइविंग, स्कूबा डाइविंग और पर्वतारोहण में प्रशिक्षित किया जाएगा. प्रशिक्षण के बाद टीमें ट्रिपल एलिमेंटल वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए आगे बढ़ेंगी, जिसके तहत –

  • लैंड - दुनिया की सबसे ऊंची बैटलफील्ड पर चढ़ने के लिए दिव्यांग व्यक्तियों की सबसे बड़ी टीम सियाचिन ग्लेशियर, भारत जाएगी.
  • एयर - दिव्यांगों की सबसे बड़ी टीम स्काईडाइव (accelerated फ्री फॉल) के लिए दुबई, यूएई जाएगी.
  • जल - खुले समुद्र में स्कूबा डाइविंग के लिए दिव्यांग व्यक्तियों की सबसे बड़ी टीम मालदीव जाएगी.

रीढ़ की हड्डी में चोट की वजह से जिन लोगों को लकवा मार गया, ऐसे 100 से अधिक लोगों को भारत के चार शहरों में स्कूबा डाइविंग का प्रशिक्षण दिया गया. टीम CLAW ने ओपन सी स्कूबा डाइविंग के लिए मार्च 2020 में लक्षद्वीप की यात्रा की. वहां टीम ने भारत का पहला स्कूबा डाइविंग प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया. जहां एक दिव्यांग व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति को स्कूबा डाइविंग का प्रशिक्षण दिया. टीम ने एक स्थानीय महिला को रिहैबिलिटेटिव स्कूबा डाइविंग में लक्षद्वीप की दिव्यांग महिलाओं को प्रशिक्षित करके इंटरसेक्शनल मार्जिनलाइजेशन को भी संबोधित किया. इस घटना के प्रभाव को प्रेरित करने के लिए एक डॉक्यूमेंट्री के रूप में कैप्चर किया गया था.

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