रायपुर: मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने बुधवार को मंत्रालय महानदी भवन में समस्त विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और विशेष सचिव (स्वतंत्र प्रभार) स्तर के अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में मुख्य रूप से राज्य शासन की प्राथमिकताओं वाले कार्यों और उनके क्रियान्वयन के लिए राजस्व की प्राप्ति के संबंध में चर्चा की गई. बैठक में विभागीय सचिवों ने योजनाओं की प्रगति के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि शासन के सभी विभागों में संचालित किए जा रहे योजनाओं के क्रियान्वयन की सफलता के लिए मापदण्ड निर्धारित किए जाएं और इन्हीं के आधार पर योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जाएगी.
पढ़ें- CORONA LIVE UPDATE: छत्तीसगढ़ में कुल मरीजों की संख्या 2 लाख 40 हजार 863
मुख्य सचिव ने स्पष्ट रूप से कहा कि शासन की योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को मिले, इसके लिए एक जैसी कार्यप्रणाली वाले विभाग आपसी समन्वय करके कार्ययोजना बनाएं और उनका प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए. विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों का चिन्हांकन किया जाए, उनसे बातचीत की जाए और योजना के क्रियान्वयन में आने वाली बाधाओं को दूर किया जाए. उन्होंने कहा कि राज्य में उपलब्ध संसाधनों का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए. छत्तीसगढ़ राज्य की सीमाओं से लगे अन्य राज्यों के अच्छे और सफल कार्यों को जानने-समझने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों का दल बनाने और छत्तीसगढ़ के परिवेश में उन योजनाओं-कार्यों का क्रियान्वयन करने के निर्देश भी उन्होंने दिए हैं.
मुख्य सचिव ने विभागों को दिए निर्देश-
- योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए माइलस्टोन सुनिश्चित करने और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कार्ययोजना तैयार करने के लिए विभागों को 20 दिन का समय दिया है.
- भारत सरकार के विभिन्न विभागों को छत्तीसगढ़ राज्य के लिए जरूरी व्यवस्थाओं के संबंध में पत्र लिखे गए हैं. उनके संबंध में केन्द्रीय विभागों से लगातार सम्पर्क बनाए रखने के निर्देश ने विभागीय अधिकारियों को दिए हैं.
- अमिताभ जैन ने राज्य में औद्योगिक उत्पादनों की शुरुआत के लिए विभिन्न विभागों और निवेशकों के किए गए कुल 84 अनुबंधों की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर इन अनुबंधों के क्रियान्वयन के लिए वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाए और उत्पादन की दिशा में प्रगति लाई जाए.
- गन्ने से एथेनाॅल बनाने के लिए एक और धान से एथनाॅल बनाने के लिए पांच अनुबंध किए गए हैं. उत्पादन शुरू करने के लिए जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
- गौठानों को मल्टीएक्टिविटी सेंटर के रूप में विकसित किए जाएं. यहां स्वसहायता समूहों के माध्यम से उन्हीं सामग्रियों का निर्माण कराया जाए, जिनके लिए पहले से ही बाजार उपलब्ध हो.
- अमिताभ जैन ने स्थानीय स्तर पर होने वाले लघु वनोपज-सब्जी-कंदमूल का सही और गुणवत्तापूर्ण तरीके से प्रसंस्करण करने और विपणन के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं.
पढ़ें- CM भूपेश बघेल ने दुर्ग को दी 1000 करोड़ से ज्यादा के विकास कार्यों की सौगात
- राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी के लिए वन विभाग, खनिज विभाग, परिवहन विभाग, ऊर्जा विभाग, सिंचाई विभाग, राजस्व विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग सहित अन्य विभागों को निर्देशित किया है.
- विभागों के राजस्व प्राप्ति वाले योजनाओं का क्रियान्वयन प्राथमिकता के आधार पर किया जाए.
- शासकीय अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को प्रारंभ करने के लिए सभी जरूरी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.
- बैठक में नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी, गौठानों का रखरखाव और उससे ग्रामवासियों को हो रहे लाभ, घुरवा में कम्पोस्ट का निर्माण, बाड़ी से किसानों को हो रहे लाभ, गोबर खरीदी, नदियों के पुनर्जीवन, संस्कृति का संरक्षण-संवर्धन, सिंचाई संसाधनों में वृद्धि, सड़कों का निर्माण, जल जीवन मिशन, जल कर की वसूली, हाट बाजार क्लीनिक, वनाधिकार पट्टों का वितरण, शहरी विकास योजनाएं सहित अन्य विषयों पर विस्तार से जानकारी ली और योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए मार्गदर्शन किया.