पलक्कड़: छत्तीसगढ़ की रहने वाली 'केरल की बहू' ज्योति निकाय चुनाव में हार गई हैं. ज्योति पक्कड़ जिले के कोल्लंगोड ब्लॉक पंचायत में बीजेपी की उम्मीदवार थी. वे तीसरे नंबर पर रही. कोल्लंगोड ब्लॉक में सीपीएम प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है. छत्तीसगढ़ की ज्योति ने कोल्लेंगोडे के लोगों से वोट अपील की थी. लेकिन उनका चुनाव जीतने का सपना पूरा नहीं हो सका. उन्होंने केरल के रहने वाले सीआरपीएफ जवान विकास की जान बचाई थी, बाद में दोनों ने शादी कर ली थी.
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फिल्मी है ज्योति-विकास की प्रेम कहानी
ज्योति की प्रेम कहानी, शादी और सियासत का सफर फिल्म से कम नहीं है. 3 जनवरी 2010 को मैत्री कॉलेज से नर्सिंग की पढ़ाई कर रही ज्योति बस से अपने गांव जा रही थी. रास्ते में उन्होंने देखा कि ट्रक बेकाबू होकर बस की तरफ आ रही है. उस वक्त विकास खिड़की पर सिर टिका कर सो रहे थे. ज्योति ने विकास को खींच कर बचा लिया लेकिन उनका दाहिना हाथ चपेट में आ गया. इस हादसे में ज्योति ने दाहिना हाथ खो दिया.
हादसे ने मिलाए दिल
दुर्घटना के बाद आवाज से जब विकास की आंख खुली तो उन्होंने ज्योति को खून से लथपथ देखा. किसी तरह से ज्योति को हॉस्पिटल लेकर जाया गया. वहां सर्जरी की सुविधा न होने की वजह से उसे अपना हाथ खोना पड़ा. विकास को जब ये एहसास हुआ कि ज्योति ने उसकी जान बचाने के लिए खुद की जिंदगी को दांव पर लगा दिया, तो उसने ज्योति के साथ शादी के बंधन में बंधने का फैसला लिया.
शादी के खिलाफ था परिवार
शुरू में दोनों का परिवार इस शादी के खिलाफ था. लेकिन विकास ने दृढ़ फैसला कर लिया था कि उसे ज्योति से ही शादी करनी है. बाद में दोनों एक हो गए और परिवार ने भी उन्हें अपना लिया. आज ज्योति, विकास और दो बच्चों के साथ जीवन बिता रही हैं. उन्होंने केरल में हाल ही में हुए निकाय चुनाव में बीजेपी की तरफ से चुनाव लड़ा लेकिन हार गईं. उनकी कहानी ने सबका दिल जरूर जीत लिया था.