रायपुर : हाल ही में संपन्न पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम ने छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेताओं की चिंता बढ़ा दी है. नतीजों के बाद प्रदेश के राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारी शुरू कर दी है. कांग्रेस और बीजेपी नेता अभी से बूथ स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. लेकिन इसी बीच कांग्रेस नेताओं की चिंता इस बात को लेकर है कि क्या आगामी विधानसभा चुनाव में वे छत्तीसगढ़ मॉडल को लेकर जाएंगे या फिर उन्हें अपने चुनावी रणनीति में बदलाव करना पड़ेगा. हाल के विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ मॉडल का जोर-शोर से प्रचार-प्रसार किया गया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित छत्तीसगढ़ के तमाम कांग्रेस के बड़े नेता देश के उन राज्यों में जहां चुनाव होने थे, वहां गए और छत्तीसगढ़ मॉडल की जानकारी दी. बावजूद इसके विधानसभा चुनाव परिणाम आया तो कांग्रेस को सभी राज्यों में हार का मुंह देखना पड़ा.
कांग्रेस का छत्तीसगढ़ मॉडल दूसरे राज्यों में बेअसर, लेकिन पार्टी की सोच अलग
पंजाब में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद उन्हें जीत नहीं मिली. कांग्रेस और बीजेपी दोनों को पछाड़ते हुए "आप" ने पंजाब में सरकार बनाई, वहीं उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में में कांग्रेस दहाई का अंक भी नहीं छू सकी. यही वजह है कि अब कांग्रेस को आगामी दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चिंता सताने लगी है. लेकिन कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इस चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा की गई है. भले ही हम वहां अपेक्षाकृत चुनाव परिणाम हासिल नहीं कर सके हैं, लेकिन वहां भी हम सफल रहे हैं. पहली बार ऐसा देखने को मिला कि भाजपा राम के नाम से वोट मांगने से बचती रही.
प्रधानमंत्री खुद उत्तर प्रदेश में 10 मार्च के बाद आवारा पशुओं के प्रबंधन की बात कह रहे हैं. गोबर से धन एकत्रित करने की बात कर रहे हैं. यही छत्तीसगढ़ मॉडल की सफलता है. यदि उत्तर प्रदेश चुनाव में समाजवादी पार्टी जातिवाद को छोड़कर किसानों को समर्थन मूल्य देने की बात करने को विवश होती है तो यह कांग्रेस के छत्तीसगढ़ मॉडल की सफलता है. चुनाव में सफल होना असफल होना अलग बात है, लेकिन 35 साल बाद कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 403 सीटों पर चुनाव लड़ा. हर जगह हमारे कार्यकर्ता दिखे, इसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे.
विपक्ष ने छत्तीसगढ़ मॉडल को बताया भूपेश मॉडल
वहीं विपक्ष का कहना कि आज पूरे देश में छत्तीसगढ़ मॉडल को नकार दिया गया है. छत्तीसगढ़ मॉडल फेल हो चुका है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव कहना है कि छत्तीसगढ़ के मॉडल को असम और बिहार पहले ही रिजेक्ट कर चुका था. अब हाल ही में हुए चुनाव के बाद यह मॉडल उत्तर प्रदेश सहित जिन राज्यों में चुनाव हुए, वहां भी फेल रहा है. श्रीवास्तव ने कहा कि एक बार आपने जनता को भ्रम में डालकर सत्ता हासिल कर ली है. आपने वादा किया था शराबबंदी होगी. रोजगार मिलेगा. लेकिन आज लोग अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं.
संजय श्रीवास्तव ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि अब कहीं भी यदि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जाते हैं तो वह छत्तीसगढ़ मॉडल की जगह भूपेश मॉडल के नाम से अपनी बात रखें. क्योंकि यदि छत्तीसगढ़ मॉडल अन्य राज्यों में रिजेक्ट होता है तो वह कहीं न कहीं छत्तीसगढ़ की जनता का अपमान है. इसलिए छत्तीसगढ़ मॉडल का नाम बदलकर भूपेश मॉडल किया जाए.
छत्तीसगढ़ में किसान ग्रामीण अर्थव्यवस्था भूपेश सरकार का मॉडल : राम अवतार तिवारी
वहीं वरिष्ठ पत्रकार राम अवतार तिवारी का कहना है कि हाल ही में संपन्न चुनाव परिणाम आने के बाद निश्चित तौर पर भाजपा में उत्साह का माहौल है. कांग्रेस के लिए यह चिंता का विषय है. कांग्रेस आगामी दिनों में छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए किस तरह की रणनीति तैयार करे, उसे लेकर विचार करने में जुट गई है. राम अवतार ने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसान ग्रामीण अर्थव्यवस्था भूपेश सरकार का मॉडल है. इसे लेकर भूपेश सरकार द्वारा कई क्रांतिकारी निर्णय लिए गए हैं. इन निर्णय का फायदा भी कांग्रेस को नगरीय निकाय, पंचायत चुनाव सहित विधानसभा उपचुनाव में मिला है.
भूपेश सरकार ने किसानों के लिए ऐतिहासिक फैसले लिये...
भूपेश सरकार द्वारा किसानों, पशुपालकों के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिया गया. आज गोबर और खेती पर काम किया जा रहा है. किसान संबंधित योजनाओं वनोपज के अलावा कोदो कुटकी का समर्थन मूल देना, जैसे कई ऐसे फैसले लिए हैं जिसकी चर्चा पूरे देश में हुई है. क्योंकि आज भी भारत वर्ष में कहा जाता है कि 70 से 80 प्रतिशत लोग कृषि से संबंधित या उस पर आधारित काम से जुड़े हुए हैं.
आज छत्तीसगढ़ की नीति और मॉडल को कांग्रेस के द्वारा देशभर में बताया जा रहा है इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ के इस मॉडल को कई राज्यों ने अपनाया भी है. हमारे कई पड़ोसी भाजपा शासित राज्यों ने भी छत्तीसगढ़ मॉडल की प्रशंसा की है और उसे समझने की कोशिश कर रहे हैं.