रायपुर: छत्तीसगढ़ के कोसा सिल्क की चमक सात समंदर पार भी पहुंच गई है. विभाग इन उत्पादों की बिक्री के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध करा रहा है. इस संबंध में हाल ही में ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रुद्रकुमार ने अफ्रीका महाद्वीप के जांबिया, मोरक्को, गिनीबिसाओ, सेनेगल जैसे देशों के व्यावसायिक प्रतिनिधियों से ऑनलाइन व्यापारिक परिचर्चा की है. इस दौरान सेनेगल में भारतीय राजदूत श्रीनिवास राव भी मौजूद थे.
ग्रामोद्योग विभाग के संचालक सुधाकर खलखो ने कोसा सिल्क धागों के धागाकरण, रंगाई और व्यापार की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कोसा सिल्क के विभिन्न उत्पादों के फोटोग्राफ्स सहित इनकी उपयोगिता की शानदार प्रस्तुति दी गई है. संचालक ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में चाइनीज और कोरियन यार्न की अनुपलब्धता और इनके मुकाबले छत्तीसगढ़ के कोसा सिल्क धागे के आकर्षक, मजबूत और किफायती होने के कारण अन्य देशों में इसकी मांग बढ़ेगी.
ग्राम उद्योग का ट्रायफेड के साथ एमओयू
उत्पादों की प्रस्तुतिकरण से अफ्रीकी व्यापारिक संस्थान इनके दीवाने हो गए. उन्होंने बताया कि हाल ही में ग्रामोद्योग का ट्रायफेड के साथ एमओयू होने से राज्य की शिल्पकला को एक नई पहचान मिली है. कोसा अन्य राज्यों के लोगों की पहली पसंद भी बन गया है. इससे छत्तीसगढ़ में ग्रामोद्योग से जुड़े ग्रामीणों का जीवन स्तर और आर्थिक स्थिति सुधर रही है.