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विपक्ष का विरोध के सिवाय नहीं दूजा कोई काम, बीजेपी बताए-देश में महंगाई से क्यों है लोगों का जीना हराम?: कुलदीप जुनेजा

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Published : Dec 11, 2021, 4:04 PM IST

Updated : Dec 11, 2021, 7:23 PM IST

छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड अध्यक्ष (Chhattisgarh Housing Board President) और रायपुर उत्तर विधायक कुलदीप जुनेजा (MLA Kuldeep Juneja) ने कांग्रेस सरकार के 3 सालों की उपलब्धियों को गिनाया. उन्होंने ईटीवी भारत से हाउसिंग बोर्ड की नई योजनाओं के क्रियान्वयन (implementation of new plans) पर विस्तार से चर्चा की. विभिन्न चौक-चौराहों पर अपने स्कूटी पर बैठने के किस्से को भी बताया.

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रायपुर: आज के हमारे फेस टू फेस के खास मेहमान हैं, कांग्रेस विधायक एवं छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान उन्होंने भूपेश सरकार के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाईं. 17 दिसंबर को भूपेश सरकार के तीन साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है. कुलदीप जुनेजा ने हाउसिंग बोर्ड की नई योजनाओं और उनके क्रियान्वयन पर भी चर्चा की.

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सवाल: कांग्रेस सरकार का 3 साल का कार्यकाल कैसा रहा?जवाब: कांग्रेस सरकार के 3 साल के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ ने कई क्षेत्रों में पहला स्थान प्राप्त किया है. इसके लिए प्रदेश की जनता और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बधाई के पात्र हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणाएं (Announcements of Chief Minister Bhupesh Baghel) थीं, उसमें से 80 से 90% घोषणाओं को सरकार ने पूरा किया है. इससे बड़ा और क्या काम हो सकता है?

सवाल: ऐसी कौन सी घोषणा है, जिसे कांग्रेस सरकार ने पूरा किया?
जवाब: ऐसी बहुत सी घोषणाएं हैं, जिसे राज्य सरकार ने पूरा किया. इनमें किसानों के मामले को ही देख लीजिए. आज पूरे हिंदुस्तान में किसानों को धान का 2500 रुपये नहीं दिया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में किसानों को दिया जा रहा है. अब मुख्यमंत्री ने आगामी दिनों में 2800 की घोषणा की है, जो कि प्रदेश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि का विषय है. किसानों की जेब मे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पैसा डालने का काम किया है. किसानों की जेब में पैसा डालने के कारण ही आज पूरे देश में जहां आर्थिक मंदी थी, छत्तीसगढ़ में उसका असर देखने को नहीं मिला. किसानों का पैसा बाजार में रोटेट हुआ और यही वजह है कि व्यापारी उद्योगपति भी इससे खुश हैं.

सवाल: प्रदेश में ऐसा माना जा रहा है कि राज्य सरकार सिर्फ किसानों के लिए ही काम कर रही है. बाकी वर्गों को महत्त्व नहीं दिया जा रहा है? इस वजह से अन्य वर्ग नाराज है.
जवाब: कुछ वर्ग की कुछ न कुछ कारण से तो सरकार से नाराजगी रहेगी लेकिन जितना प्रयास और काम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया है. इसकी दूसरों से तुलना करना ही बेकार है. लोग खुद बोलते हैं कि भूपेश है तो भरोसा है.

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सवाल: यदि सब संतुष्ट हैं तो तृतीय श्रेणी स्वास्थ्य कर्मचारी (third class health worker) समेत अन्य संस्थाएं और संगठन धरना क्यों दे रही हैं?
जवाब: जो मांगे जायज होती हैं, उस पर विचार होता है. विचार होने के बाद विषय कैबिनेट में जाता है. जहां मुख्यमंत्री और पूरा मंत्रिमंडल उस पर निर्णय लेता है. कई ऐसे विषय भी होते हैं, जिसे पूरा करना संभव नहीं होता. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आता है, देखने को मिलता है कि बहुत सारे संगठन धरना आंदोलन पर बैठ जाते हैं. बावजूद इसके प्रदेश के अंदर बहुत सी मांगे पूरी की गई हैं.


सवाल: क्या आप मानते हैं कि 6 महीने पहले जो मुख्यमंत्री बदलने को लेकर कवायद चल रही थी, उस वजह से सरकारी कामकाज प्रभावित (government work affected) हुआ है ?
जवाब: इस तरह की चर्चा के बाद संभावित है कि काम थोड़ा बहुत प्रभावित तो होता ही है और काम प्रभावित हुआ भी था लेकिन जहां तक चर्चा की बात है तो मुख्यमंत्री बदलने में हाईकमान का निर्णय (High command's decision to change chief minister) है. हाईकमान जिसको चाहेगा, मुख्यमंत्री बनाएगा. जिसको चाहेगा हटाएगा. हाईकमान ने भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाया था और वह मुख्यमंत्री हैं.

सवाल: मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा अब समाप्त हो गई है कि आने वाले समय में कुछ गुंजाइश बची हुई है? क्योंकि आपका भी दिल्ली बीच-बीच में जाना होता रहता है.
जवाब: समय पर मैं भी दिल्ली जाता रहता हूं लेकिन अभी इस तरह की कोई चर्चा नहीं आ रही है.

सवाल: आप अपने अलग अंदाज के लिए जाने जाते हैं. आप विभिन्न चौक-चौराहों पर स्कूटी पर ही बैठे नजर आते हैं. तो क्या माना जाए कि आपको स्कूटी पसंद है या फिर लोग आपको स्कूटी पर ही पसंद करते हैं?
जवाब: मैं स्कूटर अभी कोई नया नहीं चला रहा हूं. बहुत सारे लोग एक या दो दिन चलाते हैं. मुझे एक्टिवा चलाते 30 साल हो गए हैं. जब रायपुर में एक्टिवा नहीं थी तब से मैं चला रहा हूं. आपको एक और बात बताऊं, एक्टिवा कंपनी ने मुझे एक एक्टिवा हाल ही में गिफ्ट की है. उसकी वजह थी कि मैं लगातार 30 सालों से एक्टिवा गाड़ी चला रहा हूं. मैं 1 दिन या 2 दिन दिखाने के लिए एक्टिवा नहीं चलाता हूं. मैं हमेशा एक्टिवा पर ही घूमता हूं. मेरे सारे सील लेटर पैड सहित अन्य जरूरी चीजें भी मौजूद होती हैं. जहां जनता की आवाज आती है, वहां मैं रुक जाता हूं.

सवाल: पहली बार विधायक बनने के बाद आप एक्टिवा पर ही विधानसभा पहुंच गए थे?
जवाब: मैं विधानसभा एक्टिवा पर गया था. हाउसिंग बोर्ड का चेयरमैन बना तब भी अपनी पत्नी के साथ एक्टिवा पर दफ्तर पहुंचा था. आज भी शहर में एक्टिवा से ही घूमता हूं.
सवाल: आप तो एक्टिवा पर घूमते हैं. इस वजह से कहीं ना कहीं आपके जो पीएसओ और गार्ड हैं, उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है?
जवाब : गार्ड को एक्टिवा पर नहीं ले जाता हूं. वे घर और ऑफिस में ही बैठते हैं, ऐसा जरूरी नहीं है. शहर के अंदर किसी बंदूक वालों को लेकर घूमूं, पीएसओ को लेकर घूमूं, यहीं पैदा हुआ हूं, यहीं बढ़ा हूं, सब से प्यार है, सब लोग मुझे भी प्यार करते हैं. मैं भी सब लोगों को इज्जत, मान-सम्मान देता हूं.

सवाल: पीएसओ लेकर घूमने से कल्चर नहीं होता है, बल्कि लोगों के दिलों में भी जगह होनी चाहिए. क्या आप भी मानते हैं?
जवाब: मैं वीआईपी एपीकल्चर वाला नहीं हुआ, ना ही वीआईपी कल्चर में रहता हूं. मैं रोड पर बैठता हूं. मैंने विधायक प्रतिनिधि भी नहीं बनाया. जिसको मिलना है, सीधा मेरे से आकर मिल सकता है. सीधा मुझसे बात करें. जो भी काम हो सकता है, उसे मैं करता हूं.

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सवालः आपके परिवार के सदस्य राजनीति में रहे. आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीति रही. क्या इस वजह से आप ने राजनीति में प्रवेश किया या फिर और कोई वजह थी?
जवाब: मेरे बड़े भैया बलबीर जुनेजा महापौर थे. उस दौरान भी आप लोगों ने देखा होगा कि वह भी एक्टिवा पर ही घूमते थे. शहर के अंदर कहीं भी जाना होता था तो एक्टिवा पर ही जाते थे. लोगों की मदद करते थे. आज कुष्ट बस्ती बसी है. यह उनके द्वारा ही बसाया गया है. उनकी प्रेरणा से ही मैं भी कोशिश करता हूं कि गरीबों की सेवा करूं, गरीबों का काम कर सकूं, यह मेरा सौभाग्य है.

सवाल: कुछ नेता मंत्री, विधायक बनते ही कारों में घूमने लगते हैं. उन पर वीआईपी कल्चर का असर दिखने लगता है?
जवाब: उनके बारे में कुछ नहीं कह सकता. उनका अपना स्टाइल है. मेरा अपना स्टाइल है. मैं जनता के बीच में रहता हूं, जनता के लिए काम करता हूं.

सवाल: हाउसिंग बोर्ड की बात की जाए तो आपके कार्यकाल के दौरान इसमें कुछ खास काम देखने को नहीं मिला है?
जवाब: भाजपा के 15 साल के कार्यकाल में हाउसिंग बोर्ड ने ऐसी ऐसी जगह मकान बनाया, यहां कोई जाना नहीं चाहता. वहां कोई मकान नहीं लेता. हमारी 1000 करोड़ की प्रॉपर्टी अनसोल्ड है. जो बिक नहीं रही है. इससे हाउसिंग बोर्ड नुकसान में आ गया था. उसको लेकर हमने प्रयास किया. नुकसान से उबरने के लिए अटल आवास योजना थी, उसके बदले राजीव गांधी आवास योजना की शुरुआत की है. गरीबों को बहुत कम दरों पर मकान उपलब्ध हो रहा है.

एलआईजी, एमआईजी और ईडब्ल्यूएस मकान बनाएंगे. इसके लिए पूरे प्रदेश में दौरा कर चुका हूं. प्रदेश में विभिन्न जगहों पर हमने जमीनों की मांग की है. शासन से हमको 1रुपए फीट पर जमीन मिल जाएगी. करीब 90 से 95% काम एनओसी मिल के कलेक्टर के पास फाइलें पहुंच चुकी हैं. हमारे अधिकारी कलेक्टरों के संपर्क में हैं. जैसे ही जमीन का अलॉटमेंट होगा, काम शुरू हो जाएगा. इससे गरीबों को अच्छा मकान मिल सकेगा, मुख्यमंत्री का भी यही सोचना है.

सवाल: आपने कहा कि अटल आवास योजना की जगह राजीव गांधी आवास योजना शुरू की गई है. क्या मानते हैं कि नाम को लेकर भी राजनीति की जा रही है?
जवाब: नाम की राजनीति नहीं, अटल जी सम्मानित हैं. पूरा देश उनका सम्मान करता है. कोई पार्टी का ऐसा व्यक्ति नहीं होगा जो अटल जी का सम्मान नहीं करता. कभी भी आप किसी के मुंह से अटल नहीं बल्कि अटल जी ही सुनेंगे. अटल जी की योजना समाप्त हो चुकी थी. इसके बाद राजीव गांधी आवास योजना लाया गया था.

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सवाल: हाउसिंग बोर्ड के मकानों को लेकर हमेशा शिकायत रहती है कि उसने सीलन होती है. गुणवत्ता का ध्यान नहीं दिया जाता. क्या आने वाले समय में बनने वाले मकानों पर इस पर ध्यान दिया जाएगा?
जवाब: आने वाले समय में इसमें सुधार होगा. यही कारण है कि मैंने प्रतिबंध लगाया था कि कहीं भी जो जमीन की मांग की थी, उसके पहले मैं जमीन का निरीक्षण करूंगा और जमीन का निरीक्षण किया भी. दूर-दूर जो जगह है, वहां मकान नहीं बनाए जाएंगे. सर्वे कराने के बाद जितनी मांग आएगी, जितनी बुकिंग आएगी, उसके अनुसार ही मकान बनाए जाएंगे. यदि 100 मकानों में से 25 की बुकिंग आई है तो 25 मकान ही बनाए जाएंगे. 100 मकान नहीं बनाए जाएंगे. कमरों की साइज भी बदलने के निर्देश दिए हैं.

जो छोटे छोटे कमरे होते थे, उसकी जगह अब 12 बाई 14 से छोटा कोई कमरा नहीं बनाया जाएगा. यदि कोई आदमी जीवन में एक मकान ले रहा है तो उसके मकान के कमरे का साइज ठीक रहना चाहिए. नए प्रोजेक्ट में बहुत सारे बदलाव किए गए हैं. गुणवत्ता को लेकर भी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है. सब इंजीनियर साइड में बैठे, अपने सामने काम कराएं. क्योंकि पूर्ववर्ती सरकार ने 15 साल में गुणवत्ता को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया, सिर्फ भ्रष्टाचार पर ध्यान दिया, भ्रष्टाचार किया. 15 साल में कहीं भी कोई मकान बेचने का प्रयास नहीं किया. सिर्फ मकान खड़ा करने का काम किया है.

सवाल:अभी ऐसे कौन-कौन से प्रोजेक्ट हैं जो आने वाले हैं?
जवाब: बिलासपुर, महासमुंद कई जगहों पर प्रोजेक्ट आने वाला है. राजनंदगांव में भी जगह मांगी गई है. रायपुर में ही पांच जगह सड्डू, मोवा, दलदल सिवनी में जगह मांगी गई है. 90% से ज्यादा एनओसी आ गई है. कलेक्टर के पास फाइल पहुंच गई है और बहुत जल्दी हमारे प्रोजेक्ट शुरू हो जाएंगे.

सवाल: हाउसिंग बोर्ड का उद्देश्य था कि गरीब और मध्य वर्गीय परिवारों को सस्ते दामों पर मकान मिल सके. लेकिन मकानों की कीमत जिस तेजी से बढ़ रही है, यह मकान उनकी पहुंच से दूर होते जा रहे हैं?
जवाब : पुराने मकानों के रेट बढ़ाए नहीं गए हैं बल्कि उनके दामों में कटौती की गई है. 15 से 25% कम किए गए हैं. उसके बाद हमारे बहुत सारे मकान बिके हैं. हमारी कोशिश थी कि हमने जितना लगाया है, जो हमारा मूल लगा है, उतनी राशि ही वापस मिल जाए. उसे ऊपर नहीं चाहिए था. अब हमारे मकान बिकना चालू हैं.

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सवाल: आपके द्वारा जो योजनाएं बनी बनाई गई हैं, अब धीरे-धीरे समय खिसकता जा रहा है. क्या आप मानते हैं कि समय के अभाव कि वजह से आपकी योजनाएं प्रभावित होंगी? क्या काम में तेजी लाने की जरूरत है?
जवाब: समय के अभाव का कारण दूसरा है डेढ़ दो साल कोरोना में चले गए. उसका बहुत बड़ा नुकसान हुआ है. अब जितना समय मिलेगा, उतनी समय पर ही काम कर सकते हैं. सारे कामों की प्रक्रिया जारी है. अधिकारी काम में लगे हुए हैं. जल्दी इसके परिणाम भी देखने को मिलेंगे.

सवाल: क्या माना जाए कि आने वाले समय में गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को अच्छा और गुणवत्ता युक्त मकान मिलेगा?
जवाब: मुख्यमंत्री की मंशा है कि मध्य में गरीब वर्ग के लोगों को सस्ता अच्छा मकान और जमीन उपलब्ध हो. उनकी मंशा के अनुरूप मैं काम करूंगा.

सवाल: आप जिस तरह काम कर रहे हैं, अगर इन कामों को देखा जाए तो विपक्ष की भूमिका कहां मानते हैं?
जवाब: विपक्ष का काम ही होता है विरोध करना. कोई भी विपक्ष विरोध करने के अलावा उनके पास कोई काम ही नहीं होता. वर्तमान में तो भाजपा के पास कोई मुद्दा ही नहीं है. भूपेश बघेल ने इतना काम किया है कि भाजपा के पास सिर्फ सांप्रदायिकता फैलाने के अलावा और कोई काम नहीं बचा है. वे सिर्फ सांप्रदायिकता के मुद्दे पर ही बात करते हैं. महंगाई को लेकर कुछ नहीं बोलते. जो पहले देश में पेट्रोल-डीजल गैस की महंगाई की बात करते थे, आज इनके दाम आसमान छू रहे हैं. तब उनके नेता, मंत्री कुछ नहीं बोल रहे हैं. जनता सब चीज को देख रही है, सोच-समझ रही है. समय आने पर इसका जवाब देगी.

रायपुर: आज के हमारे फेस टू फेस के खास मेहमान हैं, कांग्रेस विधायक एवं छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान उन्होंने भूपेश सरकार के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाईं. 17 दिसंबर को भूपेश सरकार के तीन साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है. कुलदीप जुनेजा ने हाउसिंग बोर्ड की नई योजनाओं और उनके क्रियान्वयन पर भी चर्चा की.

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सवाल: कांग्रेस सरकार का 3 साल का कार्यकाल कैसा रहा?जवाब: कांग्रेस सरकार के 3 साल के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ ने कई क्षेत्रों में पहला स्थान प्राप्त किया है. इसके लिए प्रदेश की जनता और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बधाई के पात्र हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणाएं (Announcements of Chief Minister Bhupesh Baghel) थीं, उसमें से 80 से 90% घोषणाओं को सरकार ने पूरा किया है. इससे बड़ा और क्या काम हो सकता है?

सवाल: ऐसी कौन सी घोषणा है, जिसे कांग्रेस सरकार ने पूरा किया?
जवाब: ऐसी बहुत सी घोषणाएं हैं, जिसे राज्य सरकार ने पूरा किया. इनमें किसानों के मामले को ही देख लीजिए. आज पूरे हिंदुस्तान में किसानों को धान का 2500 रुपये नहीं दिया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में किसानों को दिया जा रहा है. अब मुख्यमंत्री ने आगामी दिनों में 2800 की घोषणा की है, जो कि प्रदेश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि का विषय है. किसानों की जेब मे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पैसा डालने का काम किया है. किसानों की जेब में पैसा डालने के कारण ही आज पूरे देश में जहां आर्थिक मंदी थी, छत्तीसगढ़ में उसका असर देखने को नहीं मिला. किसानों का पैसा बाजार में रोटेट हुआ और यही वजह है कि व्यापारी उद्योगपति भी इससे खुश हैं.

सवाल: प्रदेश में ऐसा माना जा रहा है कि राज्य सरकार सिर्फ किसानों के लिए ही काम कर रही है. बाकी वर्गों को महत्त्व नहीं दिया जा रहा है? इस वजह से अन्य वर्ग नाराज है.
जवाब: कुछ वर्ग की कुछ न कुछ कारण से तो सरकार से नाराजगी रहेगी लेकिन जितना प्रयास और काम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया है. इसकी दूसरों से तुलना करना ही बेकार है. लोग खुद बोलते हैं कि भूपेश है तो भरोसा है.

धरना प्रदर्शनों से बिगड़ी छत्तीसगढ़ सरकार की सेहत, विधानसभा चुनावों में पड़ सकता है असर
सवाल: यदि सब संतुष्ट हैं तो तृतीय श्रेणी स्वास्थ्य कर्मचारी (third class health worker) समेत अन्य संस्थाएं और संगठन धरना क्यों दे रही हैं?
जवाब: जो मांगे जायज होती हैं, उस पर विचार होता है. विचार होने के बाद विषय कैबिनेट में जाता है. जहां मुख्यमंत्री और पूरा मंत्रिमंडल उस पर निर्णय लेता है. कई ऐसे विषय भी होते हैं, जिसे पूरा करना संभव नहीं होता. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आता है, देखने को मिलता है कि बहुत सारे संगठन धरना आंदोलन पर बैठ जाते हैं. बावजूद इसके प्रदेश के अंदर बहुत सी मांगे पूरी की गई हैं.


सवाल: क्या आप मानते हैं कि 6 महीने पहले जो मुख्यमंत्री बदलने को लेकर कवायद चल रही थी, उस वजह से सरकारी कामकाज प्रभावित (government work affected) हुआ है ?
जवाब: इस तरह की चर्चा के बाद संभावित है कि काम थोड़ा बहुत प्रभावित तो होता ही है और काम प्रभावित हुआ भी था लेकिन जहां तक चर्चा की बात है तो मुख्यमंत्री बदलने में हाईकमान का निर्णय (High command's decision to change chief minister) है. हाईकमान जिसको चाहेगा, मुख्यमंत्री बनाएगा. जिसको चाहेगा हटाएगा. हाईकमान ने भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाया था और वह मुख्यमंत्री हैं.

सवाल: मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा अब समाप्त हो गई है कि आने वाले समय में कुछ गुंजाइश बची हुई है? क्योंकि आपका भी दिल्ली बीच-बीच में जाना होता रहता है.
जवाब: समय पर मैं भी दिल्ली जाता रहता हूं लेकिन अभी इस तरह की कोई चर्चा नहीं आ रही है.

सवाल: आप अपने अलग अंदाज के लिए जाने जाते हैं. आप विभिन्न चौक-चौराहों पर स्कूटी पर ही बैठे नजर आते हैं. तो क्या माना जाए कि आपको स्कूटी पसंद है या फिर लोग आपको स्कूटी पर ही पसंद करते हैं?
जवाब: मैं स्कूटर अभी कोई नया नहीं चला रहा हूं. बहुत सारे लोग एक या दो दिन चलाते हैं. मुझे एक्टिवा चलाते 30 साल हो गए हैं. जब रायपुर में एक्टिवा नहीं थी तब से मैं चला रहा हूं. आपको एक और बात बताऊं, एक्टिवा कंपनी ने मुझे एक एक्टिवा हाल ही में गिफ्ट की है. उसकी वजह थी कि मैं लगातार 30 सालों से एक्टिवा गाड़ी चला रहा हूं. मैं 1 दिन या 2 दिन दिखाने के लिए एक्टिवा नहीं चलाता हूं. मैं हमेशा एक्टिवा पर ही घूमता हूं. मेरे सारे सील लेटर पैड सहित अन्य जरूरी चीजें भी मौजूद होती हैं. जहां जनता की आवाज आती है, वहां मैं रुक जाता हूं.

सवाल: पहली बार विधायक बनने के बाद आप एक्टिवा पर ही विधानसभा पहुंच गए थे?
जवाब: मैं विधानसभा एक्टिवा पर गया था. हाउसिंग बोर्ड का चेयरमैन बना तब भी अपनी पत्नी के साथ एक्टिवा पर दफ्तर पहुंचा था. आज भी शहर में एक्टिवा से ही घूमता हूं.
सवाल: आप तो एक्टिवा पर घूमते हैं. इस वजह से कहीं ना कहीं आपके जो पीएसओ और गार्ड हैं, उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है?
जवाब : गार्ड को एक्टिवा पर नहीं ले जाता हूं. वे घर और ऑफिस में ही बैठते हैं, ऐसा जरूरी नहीं है. शहर के अंदर किसी बंदूक वालों को लेकर घूमूं, पीएसओ को लेकर घूमूं, यहीं पैदा हुआ हूं, यहीं बढ़ा हूं, सब से प्यार है, सब लोग मुझे भी प्यार करते हैं. मैं भी सब लोगों को इज्जत, मान-सम्मान देता हूं.

सवाल: पीएसओ लेकर घूमने से कल्चर नहीं होता है, बल्कि लोगों के दिलों में भी जगह होनी चाहिए. क्या आप भी मानते हैं?
जवाब: मैं वीआईपी एपीकल्चर वाला नहीं हुआ, ना ही वीआईपी कल्चर में रहता हूं. मैं रोड पर बैठता हूं. मैंने विधायक प्रतिनिधि भी नहीं बनाया. जिसको मिलना है, सीधा मेरे से आकर मिल सकता है. सीधा मुझसे बात करें. जो भी काम हो सकता है, उसे मैं करता हूं.

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सवालः आपके परिवार के सदस्य राजनीति में रहे. आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीति रही. क्या इस वजह से आप ने राजनीति में प्रवेश किया या फिर और कोई वजह थी?
जवाब: मेरे बड़े भैया बलबीर जुनेजा महापौर थे. उस दौरान भी आप लोगों ने देखा होगा कि वह भी एक्टिवा पर ही घूमते थे. शहर के अंदर कहीं भी जाना होता था तो एक्टिवा पर ही जाते थे. लोगों की मदद करते थे. आज कुष्ट बस्ती बसी है. यह उनके द्वारा ही बसाया गया है. उनकी प्रेरणा से ही मैं भी कोशिश करता हूं कि गरीबों की सेवा करूं, गरीबों का काम कर सकूं, यह मेरा सौभाग्य है.

सवाल: कुछ नेता मंत्री, विधायक बनते ही कारों में घूमने लगते हैं. उन पर वीआईपी कल्चर का असर दिखने लगता है?
जवाब: उनके बारे में कुछ नहीं कह सकता. उनका अपना स्टाइल है. मेरा अपना स्टाइल है. मैं जनता के बीच में रहता हूं, जनता के लिए काम करता हूं.

सवाल: हाउसिंग बोर्ड की बात की जाए तो आपके कार्यकाल के दौरान इसमें कुछ खास काम देखने को नहीं मिला है?
जवाब: भाजपा के 15 साल के कार्यकाल में हाउसिंग बोर्ड ने ऐसी ऐसी जगह मकान बनाया, यहां कोई जाना नहीं चाहता. वहां कोई मकान नहीं लेता. हमारी 1000 करोड़ की प्रॉपर्टी अनसोल्ड है. जो बिक नहीं रही है. इससे हाउसिंग बोर्ड नुकसान में आ गया था. उसको लेकर हमने प्रयास किया. नुकसान से उबरने के लिए अटल आवास योजना थी, उसके बदले राजीव गांधी आवास योजना की शुरुआत की है. गरीबों को बहुत कम दरों पर मकान उपलब्ध हो रहा है.

एलआईजी, एमआईजी और ईडब्ल्यूएस मकान बनाएंगे. इसके लिए पूरे प्रदेश में दौरा कर चुका हूं. प्रदेश में विभिन्न जगहों पर हमने जमीनों की मांग की है. शासन से हमको 1रुपए फीट पर जमीन मिल जाएगी. करीब 90 से 95% काम एनओसी मिल के कलेक्टर के पास फाइलें पहुंच चुकी हैं. हमारे अधिकारी कलेक्टरों के संपर्क में हैं. जैसे ही जमीन का अलॉटमेंट होगा, काम शुरू हो जाएगा. इससे गरीबों को अच्छा मकान मिल सकेगा, मुख्यमंत्री का भी यही सोचना है.

सवाल: आपने कहा कि अटल आवास योजना की जगह राजीव गांधी आवास योजना शुरू की गई है. क्या मानते हैं कि नाम को लेकर भी राजनीति की जा रही है?
जवाब: नाम की राजनीति नहीं, अटल जी सम्मानित हैं. पूरा देश उनका सम्मान करता है. कोई पार्टी का ऐसा व्यक्ति नहीं होगा जो अटल जी का सम्मान नहीं करता. कभी भी आप किसी के मुंह से अटल नहीं बल्कि अटल जी ही सुनेंगे. अटल जी की योजना समाप्त हो चुकी थी. इसके बाद राजीव गांधी आवास योजना लाया गया था.

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सवाल: हाउसिंग बोर्ड के मकानों को लेकर हमेशा शिकायत रहती है कि उसने सीलन होती है. गुणवत्ता का ध्यान नहीं दिया जाता. क्या आने वाले समय में बनने वाले मकानों पर इस पर ध्यान दिया जाएगा?
जवाब: आने वाले समय में इसमें सुधार होगा. यही कारण है कि मैंने प्रतिबंध लगाया था कि कहीं भी जो जमीन की मांग की थी, उसके पहले मैं जमीन का निरीक्षण करूंगा और जमीन का निरीक्षण किया भी. दूर-दूर जो जगह है, वहां मकान नहीं बनाए जाएंगे. सर्वे कराने के बाद जितनी मांग आएगी, जितनी बुकिंग आएगी, उसके अनुसार ही मकान बनाए जाएंगे. यदि 100 मकानों में से 25 की बुकिंग आई है तो 25 मकान ही बनाए जाएंगे. 100 मकान नहीं बनाए जाएंगे. कमरों की साइज भी बदलने के निर्देश दिए हैं.

जो छोटे छोटे कमरे होते थे, उसकी जगह अब 12 बाई 14 से छोटा कोई कमरा नहीं बनाया जाएगा. यदि कोई आदमी जीवन में एक मकान ले रहा है तो उसके मकान के कमरे का साइज ठीक रहना चाहिए. नए प्रोजेक्ट में बहुत सारे बदलाव किए गए हैं. गुणवत्ता को लेकर भी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है. सब इंजीनियर साइड में बैठे, अपने सामने काम कराएं. क्योंकि पूर्ववर्ती सरकार ने 15 साल में गुणवत्ता को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया, सिर्फ भ्रष्टाचार पर ध्यान दिया, भ्रष्टाचार किया. 15 साल में कहीं भी कोई मकान बेचने का प्रयास नहीं किया. सिर्फ मकान खड़ा करने का काम किया है.

सवाल:अभी ऐसे कौन-कौन से प्रोजेक्ट हैं जो आने वाले हैं?
जवाब: बिलासपुर, महासमुंद कई जगहों पर प्रोजेक्ट आने वाला है. राजनंदगांव में भी जगह मांगी गई है. रायपुर में ही पांच जगह सड्डू, मोवा, दलदल सिवनी में जगह मांगी गई है. 90% से ज्यादा एनओसी आ गई है. कलेक्टर के पास फाइल पहुंच गई है और बहुत जल्दी हमारे प्रोजेक्ट शुरू हो जाएंगे.

सवाल: हाउसिंग बोर्ड का उद्देश्य था कि गरीब और मध्य वर्गीय परिवारों को सस्ते दामों पर मकान मिल सके. लेकिन मकानों की कीमत जिस तेजी से बढ़ रही है, यह मकान उनकी पहुंच से दूर होते जा रहे हैं?
जवाब : पुराने मकानों के रेट बढ़ाए नहीं गए हैं बल्कि उनके दामों में कटौती की गई है. 15 से 25% कम किए गए हैं. उसके बाद हमारे बहुत सारे मकान बिके हैं. हमारी कोशिश थी कि हमने जितना लगाया है, जो हमारा मूल लगा है, उतनी राशि ही वापस मिल जाए. उसे ऊपर नहीं चाहिए था. अब हमारे मकान बिकना चालू हैं.

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सवाल: आपके द्वारा जो योजनाएं बनी बनाई गई हैं, अब धीरे-धीरे समय खिसकता जा रहा है. क्या आप मानते हैं कि समय के अभाव कि वजह से आपकी योजनाएं प्रभावित होंगी? क्या काम में तेजी लाने की जरूरत है?
जवाब: समय के अभाव का कारण दूसरा है डेढ़ दो साल कोरोना में चले गए. उसका बहुत बड़ा नुकसान हुआ है. अब जितना समय मिलेगा, उतनी समय पर ही काम कर सकते हैं. सारे कामों की प्रक्रिया जारी है. अधिकारी काम में लगे हुए हैं. जल्दी इसके परिणाम भी देखने को मिलेंगे.

सवाल: क्या माना जाए कि आने वाले समय में गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को अच्छा और गुणवत्ता युक्त मकान मिलेगा?
जवाब: मुख्यमंत्री की मंशा है कि मध्य में गरीब वर्ग के लोगों को सस्ता अच्छा मकान और जमीन उपलब्ध हो. उनकी मंशा के अनुरूप मैं काम करूंगा.

सवाल: आप जिस तरह काम कर रहे हैं, अगर इन कामों को देखा जाए तो विपक्ष की भूमिका कहां मानते हैं?
जवाब: विपक्ष का काम ही होता है विरोध करना. कोई भी विपक्ष विरोध करने के अलावा उनके पास कोई काम ही नहीं होता. वर्तमान में तो भाजपा के पास कोई मुद्दा ही नहीं है. भूपेश बघेल ने इतना काम किया है कि भाजपा के पास सिर्फ सांप्रदायिकता फैलाने के अलावा और कोई काम नहीं बचा है. वे सिर्फ सांप्रदायिकता के मुद्दे पर ही बात करते हैं. महंगाई को लेकर कुछ नहीं बोलते. जो पहले देश में पेट्रोल-डीजल गैस की महंगाई की बात करते थे, आज इनके दाम आसमान छू रहे हैं. तब उनके नेता, मंत्री कुछ नहीं बोल रहे हैं. जनता सब चीज को देख रही है, सोच-समझ रही है. समय आने पर इसका जवाब देगी.

Last Updated : Dec 11, 2021, 7:23 PM IST
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