रायपुर: छत्तीसगढ़ में साल 2021 के सड़क हादसों की रिपोर्ट से सड़क सुरक्षा के तमाम दावे खोखले साबित हो रहे हैं. राज्य गठन के बाद से छत्तीसगढ़ में साल 2021 में सबसे ज्यादा सड़क हादसे से मौतें हुई हैं. हैरत की बात यह है कि साल 2021 में ब्लैक स्पॉट में कमी आई, सड़क सुधारी गई, जंक्शन में भी सुधार किया गया, लेकिन हादसों में होने वाली मौतों का रिकॉर्ड बन गया. साल 2021 में 5234 मौतें हुई है. साल 2021 में करीब डेढ़ महीने लॉकडाउन भी था. हादसों की इस रिपोर्ट से यह बात साबित हो रही है कि छत्तीसगढ़ की सड़कें अब ज्यादा जानलेवा हो गई है.
14 साल में दोगुनी हुई मौतें
छत्तीसगढ़ में साल 2021 में करीब 12 हजार हादसे हुए. इनमें 5234 मौतें हुई. करीब 10 हजार घायल हुए. साल 2021 के हादसों की यह संख्या साल 2007 से 2019 तक के मुकाबले कम है. लेकिन इन हादसों में होने वाली मौतों ने हैरान कर दिया. पहली बार साल 2007 में 12000 से ज्यादा हादसे हुए. साल 2007 में 12296 हादसे हुए. यह साल 2021 से भी ज्यादा थे. लेकिन तब हादसों में मौतें आधी थी. 14 साल पहले सड़क हादसों में 2607 मौतें हुई थी. इन आंकड़ों से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि एजेंसी हादसों को नियंत्रित करने में कामयाब हुई हैं, लेकिन इससे होने वाली मौतों को नियंत्रित नहीं कर पा रही है.
2020 में लॉकडाउन ने सुधारा रिकॉर्ड
साल 2020 में कोरोनाकाल ने उस साल का रिकॉर्ड सुधार दिया. पूरे साल भर करीब 2 महीने प्रदेश भर में लॉकडाउन लगा रहा. लॉकडाउन की वजह से नेशनल हाइवे से लेकर स्टेट हाइवे और दूसरे रास्ते पर गाड़ियां नहीं चली. यही वजह है कि साल 2007 के बाद पहली बार साल 2020 में सड़क हादसों में कमी का रिकॉर्ड टूटा.
8 जिलों में 40 से 50 फीसदी मौत
प्रदेश में 8 जिले ऐसे हैं, जहां सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं. 21 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो 40 से 50 फीसदी मौतें इन्हीं 8 जिलों में हुईं हैं. साल 2019 में 40 प्रतिशत मौत रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, जांजगीर, रायगढ़ और बलौदा बाजार में हुई. साल 2020 में 40.37 की मौत रायपुर, राजनांदगांव, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, महासमुंद और बलौदा बाजार में हुई.
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युवाओं की मौत सबसे अधिक
रिपोर्ट में हादसों को लेकर कई तरह के तथ्य रखे गए हैं. सबसे पहला तथ्य ये है कि दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे के बीच सबसे ज्यादा हादसे और मौतें हो रही है. मरने वालों में सबसे ज्यादा युवा हैं. वे 18 से 35 वर्ष आयु वर्ग के हैं. मरने वालों में दोपहिया सवार सबसे ज्यादा हैं. 55 से 65 प्रतिशत मौतें दोपहिया सवार की हुई है.
छत्तीसगढ़ गठन के बाद सड़क हादसों का रिकॉर्ड
वर्ष | हादसे | मौतें | घायल |
2001 | 7480 | 1303 | 6674 |
2002 | 8485 | 1673 | 7718 |
2003 | 9913 | 1881 | 8732 |
2004 | 10600 | 2068 | 9897 |
2005 | 11,164 | 2258 | 10378 |
2006 | 11934 | 2374 | 11208 |
2007 | 12296 | 2607 | 11735 |
2008 | 12945 | 2966 | 12873 |
2009 | 12888 | 2865 | 13274 |
वर्ष | हादसे | मौतें | घायल |
2010 | 13664 | 2956 | 13599 |
2011 | 14108 | 2983 | 13929 |
2012 | 13511 | 3167 | 13517 |
2013 | 13657 | 3477 | 12503 |
2014 | 13821 | 4022 | 13157 |
2015 | 14446 | 4082 | 13426 |
2016 | 13580 | 3908 | 12955 |
2017 | 13563 | 4136 | 12550 |
2018 | 13864 | 4592 | 12715 |
2019 | 13899 | 5003 | 13090 |
2020 | 11656 | 4606 | 10505 |
2021 | 12139 | 5234 | 10496 |
पुलिस विभाग की वेबसाइट से लिए गए आंकड़े