रायपुर : छत्तीसगढ़ में सुंदर पहाड़, नदियां, झरने, धार्मिक स्थल, पुरातत्व से जुड़ी जगह होने के बावजूद भी पर्यटन को बढ़ावा नहीं मिला है. अब सरकार इसे लेकर गंभीर है. इसके लिए एक प्रयास कर रही है. यह प्रयास पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश और ओडिशा की तर्ज पर होगा. जिसके तहत पर्यटन मंडल (Chhattisgarh Tourism Board) से संबंधित होटल-मोटल 30 साल के लिए किराए पर निजी हाथों को सौंपने की योजना है.
पर्यटन मंडल के लिहाज से छत्तीसगढ़ में कई जगहों पर होटल और रेस्ट हाउस बनाए गए हैं. इनके निर्माण में करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं. वहीं निर्माण के बाद रखरखाव में भी साल में करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं. बावजूद इसके यदि आमदनी की बात की जाए तो वो ना के बराबर है. सरकार के ये होटल और रेस्टहाउस अब बोझ बनते जा रहे हैं. यही वजह है कि अब इस सफेद हाथी से निजात पाने पर्यटन मंडल (Chhattisgarh Tourism Board) ने एक योजना बनाई है, जिसके तहत पर्यटन मंडल के होटल मोटल और रेस्ट हाउस को निजी हाथों को सौंपा जाएगा. इसके लिए 30 साल की लीज दी जाएगी.
जल्द शुरू होगी टेंडर प्रक्रिया : पर्यटन विभाग इसके लिए टेंडर (Global tender for government hotel) की प्रक्रिया भी जल्द शुरू करेगा. इसके लिए पर्यटन मंडल के द्वारा पूरी तैयारी कर ली गई है. योजना के क्रियान्वयन होते ही पर्यटन मंडल को न सिर्फ इन होटल मोटल और रेस्ट हाउस के मेंटेनेंस सहित अन्य व्यवस्था के खर्चे से निजात मिलेगी बल्कि इन जगहों से अच्छा खासा राजस्व भी विभाग को प्राप्त होगा. पर्यटन मंडल इसे फायदे के सौदा के रूप में देख रहा है. पड़ोसी राज्य ओडिशा और मध्यप्रदेश में भी इसी तर्ज पर काम किया जा रहा है. जिस वजह से वहां पर्यटन को बेहतर बढ़ावा मिला है. पर्यटन मंडल के अधिकारियों ने प्रदेश के होटल-मोटल को किराए में देने से पूर्व ओडिशा और मध्यप्रदेश का दौरा करके वहां की पर्यटन नीति को समझा था.
सीएम ने भी योजना को सराहा : छत्तीसगढ़ में पर्यटन को बढ़ावा देने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने कहा कि छत्तीसगढ़ को केवल खनिज या नक्सलवाद के लिए नहीं जाना जाना चाहिए. हर युग और हर काल में छत्तीसगढ़ का महत्व है. त्रेतायुग में भगवान राम ने यहां लंबा समय गुजारा. द्वापर में भगवान कृष्ण और अर्जुन यहां आए थे. बौद्ध काल में कहें तो सिरपुर में सबसे बड़ा बौद्ध विहार है. आजादी की लड़ाई में कहेंगे तो 1857 के पहले ही चाहे गुंडाधुर या राजा गैंदसिह की बात कहें, चाहे शहीद वीर नारायण सिंह की बात करें, सब काल में छत्तीसगढ़ का योगदान है. इसे सहेजने-संवारने की आवश्यकता है.
छत्तीसगढ़ में ग्लोबल स्तर पर बुलाया जाएगा टेंडर : जानकारी के अनुसार होटल-मोटल किराए में देने के लिए ग्लोबल टेंडर किया जाएगा. इस टेंडर में प्रदेश के अलावा दूसरे प्रदेश के कारोबारी भी शिरकत कर सकेंगे. टेंडर के दौरान जो कारोबारी सबसे ज्यादा पैसा देगा, उसको होटल मोटल किराए में दिया जाएगा. विवाद की स्थिति ना निर्मित हो, इसलिए दो चरणों में टेंडर कराए जाएगा. पर्यटन मंडल के अधिकारियों के अनुसार जगदलपुर के मितान होटल में जिला प्रशासन बस्तर अकादमी ऑफ डांस आर्ट एंड लिटरेचर चला रहा है. इसी तरह से बस्तर के नगरनार मोटल एनएमडीसी को हस्तांतरित कर दिया गया है. महासमुंद के कांपा मितान मोटल में अब कृषि कॉलेज चल रहा है. सिंगारभाठा के मितान होटल को बीएसएफ को किराए पर दिया गया है. केशकाल का जोहार रिसॉर्ट सीआरपीएफ के अधीन है. इन होटल-मोटल पर अभी किसी तरह की छेड़छाड़ मंडल द्वारा नहीं की जाएगी.
कहां के होटल मोटल हैं शामिल : पर्यटन मंडल के होटल मोटलों में टूरिस्ट मोटल केंदी, भाठागांव, नथिया नवागांव मोटल, टूरिस्ट मोटल कांकेर, भोरमदेव रेस्ट हाउस, मोटल कांपा महासमुंद, लखोली रेस्ट हाउस रायपुर, बालार अर्जुनी रेस्ट हाउस, टूरिस्ट मोटल रायगढ़, टूरिस्ट मोटल आसना, तीरथगढ़, हाराम दंतेवाड़ा, खपरी दुर्ग, तुमड़ीबोड़ राजनांदगांव, तांदुला रेस्ट हाउस, कवर्धा मोटल, कुनकुरी रेस्ट हाउस, खुमार पाकुट रेस्ट हाउस रायगढ़, मोटल सारागांव बिलासपुर, धरमपुरा रेस्ट हाउस, गोंडख़ाम्ही रेस्ट हाउस, खूंटाघाट रेस्ट हाउस, खुड़िया रेस्ट हाउस बिलासपुर,टूरिस्ट मोटल जांजगीर-चांपा, मोटल छादिराम अंबिकापुर, मोटल चिरगुड़ा कोरिया, श्याम घुनघुट्टा अंबिकापुर, कोनकोना कोरबा, माचाडोली कोरबा, टूरिस्ट मोटल राजिम, रेस्ट हाउस कुकदा आदि शामिल हैं.
छत्तीसगढ़ में पर्यटकों की स्थिति: पर्यटन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 3 साल 2019 से लेकर 2021 तक 9145 विदेशी पर्यटक छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं . जिन्होंने छत्तीसगढ़ के विभिन्न पर्यटन स्थलों का दौरा किया है. साल 2019 में कुल 131 पर्यटन स्थलों में 6817 विदेशी पर्यटक छत्तीसगढ़ पहुंचे. वहीं साल 2020 में कुल 152 पर्यटन स्थलों में 2322 विदेशी पर्यटक आए . यदि साल 2020 की बात कि जाए तो इस साल कोरोना की वजह से लॉक डाउन लगाया गया था जिस वजह इस साल एक भी विदेशी पर्यटक छत्तीसगढ़ नहीं पहुंचा . हालांकि साल 2021 में जनवरी से लेकर अक्टूबर माह तक कुल 152 पर्यटन स्थलों में मात्र 6 विदेशी पर्यटक भ्रमण करने पहुंचे.
बीजेपी शासन काल में विदेशी पर्यटकों की संख्या की : कांग्रेस सरकार के पहले छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार थी इस दौरान अगर 2014 से लेकर 2018 के बीच के आंकड़ों पर नजर डालें तो लगातार विदेशी पर्यटकों की संख्या में काफी उछाल आया था. मिले आंकड़े के अनुसार साल 2014 में राज्य में जहां 7777 विदेशी पर्यटक आए थे वहीं साल 2015 में यह संख्या घटकर 6168 हो गई थी. हालांकि साल 2016 में संख्या में फिर उछाल आया और आंकड़ा 9216 तक पहुंच गया. साल 2017 में संख्या लुढ़क कर फिर 6701 पर आ गई. लेकिन साल 2018 में छत्तीसगढ़ में विदेशी पर्यटकों की संख्या में काफी उछाल आया . यह आंकड़ा 10000 को पार कर गया. जनवरी से लेकर दिसंबर 2018 के बीच छत्तीसगढ़ में कुल 14399 विदेशी पर्यटक है जो अब तक की सबसे अधिक संख्या रही है.