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Institute of Driving and Traffic Research: छत्तीसगढ़ का पहला ड्राइविंग इंस्टीट्यूट तैयार, 15 हजार लोगों को मिलेगी ट्रेनिंग

राजधानी रायपुर के नवा रायपुर में इंस्टिट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च सेंटर (Institute of Driving and Traffic Research Center) बनकर तैयार है. इसका शुभारंभ सीएम भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel inaugurate IDTR) करेंगे. यहां बुधवार से ड्राइविंग की ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी. यह छत्तीसगढ़ का पहला ड्राइविंग (Chhattisgarh first driving institute) ट्रेनिंग संस्थान है. आइए जानते हैं इस संस्थान में और क्या खास होगा.

Institute of Driving and Traffic Research
छत्तीसगढ़ का पहला ड्राइविंग इंस्टीट्यूट
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Published : Dec 7, 2021, 9:04 PM IST

Updated : Dec 7, 2021, 10:28 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में आखिरकार इंस्टिट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च सेंटर (Institute of Driving and Traffic Research Nava Raipur) (आईडीटीआर) बनकर तैयार हो गया है. अब इसे जल्द शुरू करने की तैयारी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बुधवार (Chief Minister Bhupesh Baghel inaugurate IDTR) को इसका लोकार्पण करेंगे. राज्य सरकार ने पहली बार महानगरों की तर्ज पर इस संस्थान का निर्माण किया है. ताकि राज्य के लोगों को बेहतर ड्राइविंग की ट्रेनिंग (driving training in raipur) दी जा सके. जिससे राज्य में होने वाली सड़क दुर्घटना पर रोक लगाई जा सके.

छत्तीसगढ़ का पहला ड्राइविंग इंस्टीट्यूट

20 एकड़ में फैला है ड्राइविंग इंस्टीट्यूट

राज्य सरकार ने इंस्टिट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च सेंटर के निर्माण के लिए नवा रायपुर अटल नगर (Nava Raipur Atal Nagar IDTR) के ग्राम तेंदुआ में करीब 17 एकड़ शासकीय भूमि आवंटित की है. यहां चयनित निजी एजेंसी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (Maruti Suzuki India to operate IDTR) द्वारा इंस्टिट्यूट का संचालन किया जाएगा. इसके लिए परिवहन विभाग, छत्तीसगढ़ शासन और चयनित एजेंसी के बीच एमओयू किया जा चुका है. इंस्टिट्यूट में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए दर का निर्धारण संचालन समिति करेगी. इसके निर्माण में करीब 17 करोड़ की लागत आई है.

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हर साल 15 हजार लोग ले सकेंगे ट्रेनिंग

जानकारी के मुताबिक इंस्टिट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च सेंटर में प्रशिक्षण के लिए लगभग 78 प्रशिक्षणार्थियों के ठहरने की व्यवस्था है. परिवहन विभाग ने इसके लिए हॉस्टल भी बनाया है. इससे दूरदराज से आने वाले प्रशिक्षणार्थियों को काफी सुविधा मिल सकेगी. आईडीटीआर में हर साल करीब 15 हजार लोग प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे.

युवाओं को मिलेगा रोजगार

बताया गया है कि इंस्टीट्यूट से प्रशिक्षण के बाद लोगों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे. परिवहन विभाग की तरफ से स्थानीय उद्योगों और विभिन्न संस्थानों से समन्वय कर ट्रेंड ड्राइवरों को रोजगार उपलब्ध कराने में मदद की जाएगी. इसके लिए रोजगार विभाग की भी मदद ली जाएगी. क्योंकि कई संस्थानों में ड्राइवर की मांग अधिक रहती है. ऐसे में इस संस्थान से प्रशिक्षण लेकर जो युवा पासआउट होंगे उन्हें रोजगार मुहैया कराई जाएगी.

खबर का असर: ट्रैफिक डीएसपी के खिलाफ एसपी ने दिए जांच के निर्देश

निर्माण में देरी से परिवहन मंत्री हुए थे नाराज

नया रायपुर में इंस्टिट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च सेंटर शुरू करने में काफी देरी हो चुकी है. निर्माण कार्य में विलंब को लेकर परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर(Transport Minister Mohammad Akbar) ने भी नाराजगी जताते हुए इंस्टिट्यूट के निर्माण कार्य को तत्काल पूरा करने की हिदायत चयनित एजेंसी को दी थी. इसके बाद निर्माण कार्य में तेजी आई और जल्द ही यह संस्थान पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका है.

इंस्टिट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च सेंटर में आधुनिक सुविधाएं

इंस्टिट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च सेंटर में कई ट्रैक बनाए गए हैं. ट्रैक में सिग्नल के साथ ही तमाम दिशा सूचक बोर्ड लगाए गए हैं. ताकि ट्रेनिंग के दौरान लोगों को उन तमाम यातायात नियमों की बारीकियों से जानकारी दी जाएगी. जिसका लोगों द्वारा पालन नहीं किया जाता. जो एक बड़ी दुर्घटना की वजह बन जाती है.

लाइब्रेरी की भी है व्यवस्था

परिवहन विभाग के संयुक्त आयुक्त वेदव्रत सिरमौर ने बताया कि यह प्रदेश का पहला इंस्टिट्यूट है. यहां वाहन चालकों को लाइट मोटर व्हीकल या हेवी गुड्स व्हीकल की ट्रेनिंग दी जाएगी. ट्रेनिंग के बाद उन्हें यहां से एक सर्टिफिकेट और लाइसेंस भी उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही रेसिडेंशियल कोर्स भी कराया जाएगा. जिसमें यहां पर उनके लिए हॉस्टल फैसिलिटी है. जहां पर रहकर अपनी ट्रेनिंग ले सकते हैं. इस संस्थान में लाइब्रेरी की भी व्यवस्था है वे ऑनलाइन ट्रेनिंग के साथ ऑफलाइन क्लास में मददगार साबित होगा. इस संस्थान के बनने से ट्रैफिक के क्षेत्र में सहूलियत मिलेगी. क्योंकि यहां से जो ट्रेंड ड्राइवर ट्रेनिंग लेकर आएंगे उन्हें यातायात की बारीक से बारीक जानकारी भी होगी.

रायपुर: छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में आखिरकार इंस्टिट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च सेंटर (Institute of Driving and Traffic Research Nava Raipur) (आईडीटीआर) बनकर तैयार हो गया है. अब इसे जल्द शुरू करने की तैयारी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बुधवार (Chief Minister Bhupesh Baghel inaugurate IDTR) को इसका लोकार्पण करेंगे. राज्य सरकार ने पहली बार महानगरों की तर्ज पर इस संस्थान का निर्माण किया है. ताकि राज्य के लोगों को बेहतर ड्राइविंग की ट्रेनिंग (driving training in raipur) दी जा सके. जिससे राज्य में होने वाली सड़क दुर्घटना पर रोक लगाई जा सके.

छत्तीसगढ़ का पहला ड्राइविंग इंस्टीट्यूट

20 एकड़ में फैला है ड्राइविंग इंस्टीट्यूट

राज्य सरकार ने इंस्टिट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च सेंटर के निर्माण के लिए नवा रायपुर अटल नगर (Nava Raipur Atal Nagar IDTR) के ग्राम तेंदुआ में करीब 17 एकड़ शासकीय भूमि आवंटित की है. यहां चयनित निजी एजेंसी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (Maruti Suzuki India to operate IDTR) द्वारा इंस्टिट्यूट का संचालन किया जाएगा. इसके लिए परिवहन विभाग, छत्तीसगढ़ शासन और चयनित एजेंसी के बीच एमओयू किया जा चुका है. इंस्टिट्यूट में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए दर का निर्धारण संचालन समिति करेगी. इसके निर्माण में करीब 17 करोड़ की लागत आई है.

स्वच्छता दीदियों की मेहनत लाई रंग, साफ-सफाई में छत्तीसगढ़ फिर बना अव्वल

हर साल 15 हजार लोग ले सकेंगे ट्रेनिंग

जानकारी के मुताबिक इंस्टिट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च सेंटर में प्रशिक्षण के लिए लगभग 78 प्रशिक्षणार्थियों के ठहरने की व्यवस्था है. परिवहन विभाग ने इसके लिए हॉस्टल भी बनाया है. इससे दूरदराज से आने वाले प्रशिक्षणार्थियों को काफी सुविधा मिल सकेगी. आईडीटीआर में हर साल करीब 15 हजार लोग प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे.

युवाओं को मिलेगा रोजगार

बताया गया है कि इंस्टीट्यूट से प्रशिक्षण के बाद लोगों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे. परिवहन विभाग की तरफ से स्थानीय उद्योगों और विभिन्न संस्थानों से समन्वय कर ट्रेंड ड्राइवरों को रोजगार उपलब्ध कराने में मदद की जाएगी. इसके लिए रोजगार विभाग की भी मदद ली जाएगी. क्योंकि कई संस्थानों में ड्राइवर की मांग अधिक रहती है. ऐसे में इस संस्थान से प्रशिक्षण लेकर जो युवा पासआउट होंगे उन्हें रोजगार मुहैया कराई जाएगी.

खबर का असर: ट्रैफिक डीएसपी के खिलाफ एसपी ने दिए जांच के निर्देश

निर्माण में देरी से परिवहन मंत्री हुए थे नाराज

नया रायपुर में इंस्टिट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च सेंटर शुरू करने में काफी देरी हो चुकी है. निर्माण कार्य में विलंब को लेकर परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर(Transport Minister Mohammad Akbar) ने भी नाराजगी जताते हुए इंस्टिट्यूट के निर्माण कार्य को तत्काल पूरा करने की हिदायत चयनित एजेंसी को दी थी. इसके बाद निर्माण कार्य में तेजी आई और जल्द ही यह संस्थान पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका है.

इंस्टिट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च सेंटर में आधुनिक सुविधाएं

इंस्टिट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च सेंटर में कई ट्रैक बनाए गए हैं. ट्रैक में सिग्नल के साथ ही तमाम दिशा सूचक बोर्ड लगाए गए हैं. ताकि ट्रेनिंग के दौरान लोगों को उन तमाम यातायात नियमों की बारीकियों से जानकारी दी जाएगी. जिसका लोगों द्वारा पालन नहीं किया जाता. जो एक बड़ी दुर्घटना की वजह बन जाती है.

लाइब्रेरी की भी है व्यवस्था

परिवहन विभाग के संयुक्त आयुक्त वेदव्रत सिरमौर ने बताया कि यह प्रदेश का पहला इंस्टिट्यूट है. यहां वाहन चालकों को लाइट मोटर व्हीकल या हेवी गुड्स व्हीकल की ट्रेनिंग दी जाएगी. ट्रेनिंग के बाद उन्हें यहां से एक सर्टिफिकेट और लाइसेंस भी उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही रेसिडेंशियल कोर्स भी कराया जाएगा. जिसमें यहां पर उनके लिए हॉस्टल फैसिलिटी है. जहां पर रहकर अपनी ट्रेनिंग ले सकते हैं. इस संस्थान में लाइब्रेरी की भी व्यवस्था है वे ऑनलाइन ट्रेनिंग के साथ ऑफलाइन क्लास में मददगार साबित होगा. इस संस्थान के बनने से ट्रैफिक के क्षेत्र में सहूलियत मिलेगी. क्योंकि यहां से जो ट्रेंड ड्राइवर ट्रेनिंग लेकर आएंगे उन्हें यातायात की बारीक से बारीक जानकारी भी होगी.

Last Updated : Dec 7, 2021, 10:28 PM IST
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