रायपुर: मृगशिरा नक्षत्र सौभाग्य योग कौलव और तैतिल करण वृषभ और मिथुन राशि के चंद्रमा के साथ स्कंद षष्ठी का पर्व माता कात्यायनी के स्वरूप की पूजा कर मनाया जाएगा. नव दुर्गा के छठवें स्वरूप का नाम माता कात्यायनी माना गया है. माता कात्यायनी ऋषि की सुपुत्री मानी गईं है. कात्यायनी माता ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी मानी गई है. समस्त गोपियां माता की ही पूजा करती थीं. कात्यायनी माता आज्ञा चक्र से संबंधित हैं. ज्योतिष शास्त्र में कात्यायनी मां का संबंध बृहस्पति ग्रह से माना गया है. देवगुरु बृहस्पत संतान और मनचाहे विवाह के कारक माने गए हैं. इस शुभ दिन कुवांरी कन्या माता कात्यायनी की आराधना और साधना कर मनचाहे पति की प्राप्ति कर सकते हैं.
नवरात्रि का छठवां दिन : माता कात्यायनी को करें प्रसन्न
नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रुपों की आराधना की जाती है. छठवें दिन मां कात्यायनी की पूजा का विधान है.
रायपुर: मृगशिरा नक्षत्र सौभाग्य योग कौलव और तैतिल करण वृषभ और मिथुन राशि के चंद्रमा के साथ स्कंद षष्ठी का पर्व माता कात्यायनी के स्वरूप की पूजा कर मनाया जाएगा. नव दुर्गा के छठवें स्वरूप का नाम माता कात्यायनी माना गया है. माता कात्यायनी ऋषि की सुपुत्री मानी गईं है. कात्यायनी माता ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी मानी गई है. समस्त गोपियां माता की ही पूजा करती थीं. कात्यायनी माता आज्ञा चक्र से संबंधित हैं. ज्योतिष शास्त्र में कात्यायनी मां का संबंध बृहस्पति ग्रह से माना गया है. देवगुरु बृहस्पत संतान और मनचाहे विवाह के कारक माने गए हैं. इस शुभ दिन कुवांरी कन्या माता कात्यायनी की आराधना और साधना कर मनचाहे पति की प्राप्ति कर सकते हैं.