रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से प्रवेश परीक्षाओं की फीस माफ किए जाने के बाद आवेदन संख्या में कई गुना वृद्धि देखी गई है. लेकिन परीक्षा में छात्रों की अनुपस्थिति व्यापम की मेहनत पर पानी फेर रही है. व्यवसायिक परीक्षा मंडल (Professional Examination Board Chhattisgarh ) की ओर से आवेदन संख्या के आधार पर ही परीक्षाओं की तैयारी की जाती है. प्रश्न पत्र छापने से लेकर परीक्षा केंद्रों का निर्धारण केंद्राध्यक्ष सहित अन्य स्टाफ की नियुक्ति भी आवेदन संख्या के आधार पर ही होती है. क्योंकि प्रवेश परीक्षाओं के लिए बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरे हैं तो अधिक संख्या में पेपर छपवाने के साथ ही सेंटर भी बढ़ाने पड़ते हैं.
क्यों हुआ करोड़ों रुपए नुकसान : प्रवेश परीक्षा में कोई शुल्क नहीं होने के कारण छात्र आवेदन तो कर रहे हैं. लेकिन परीक्षा देने नहीं पहुंच रहे हैं. इसके कारण व्यापम की तैयारियों के साथ ही पैसे भी बेकार हो रहे (Disadvantages of absence of students in Vyapam ) हैं. कुछ परीक्षाओं में तो केंद्र आधे भरे थे. अब तक प्रवेश परीक्षाओं के लिए व्यापम को 3 लाख 35 हजार 274 आवेदन मिल चुके हैं. प्रति छात्र से 250 रुपये परीक्षा शुल्क लिया जाता था. इस तरह से व्यापम ने मौजूदा सत्र में 8 करोड़ 43 लाख 18 हजार 500 रुपये माफ किए हैं.
परीक्षा में कितने छात्रों की उपस्थिति : 22 मई को पीईटी के साथ व्यापम की प्रवेश परीक्षाएं शुरू हुई थी. पीईटी के लिए इस बार 19 हजार 820 छात्रों ने आवेदन किया था. इनमें से 12 हजार 490 छात्र ही शामिल हुए. इस तरह से 37% छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी. पीईटी के लिए 71 केंद्र बनाए गए थे. पीपीएचटी में 35 फीसदी छात्र अनुपस्थित रहे. इसके लिए प्रदेश में 104 केंद्र बनाए गए थे. इसमें 33 हजार 154 छात्रों ने फॉर्म भरे थे. इनमें से 67.42 फीसदी यानी 22 हजार 354 छात्रों ने ही परीक्षा दिलाई. 10 हजार 800 छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी. मास्टर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन की परीक्षा में सिर्फ 35.52% छात्र ही परीक्षा देने पहुंचे. एमसीए के लिए 2686 आवेदन व्यापम को मिले थे. इसके लिए 954 छात्र ही केंद्र पहुंचे. व्यापम ने इसके लिए 8 केंद्र बनाए थे. प्री पॉलिटेक्निक टेस्ट के लिए व्यापम ने 70 परीक्षा केंद्र बनाए थे. इसके लिए 18 हजार 614 छात्रों ने आवेदन किया था. इनमें से 11 हजार 796 छात्र अर्थात 63.37% प्रतिशत ही परीक्षा में उपस्थित रहे. शेष 37% छात्र नदारद रहे.
आने वाली परीक्षाएं : प्री बीएड डीएलएड बीएससी बीएड के लिए 2 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं. 12 और 19 जून को यह परीक्षाएं होगी. 19 जून को आयोजित बीएससी नर्सिंग के लिए 18000 आवेदन मिले हैं.
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क्या कहते हैं शिक्षाविद : व्यापमं को हुए नुकसान को लेकर शिक्षाविद् शुभम अग्रवाल का कहना है कि ''राज्य सरकार ने पहली बार फीस माफ की है. जिसकी वजह से अधिक छात्रों ने आवेदन किया. कुछ छात्र पर्टिकुलर सब्जेक्ट की तैयारी में जुटे हुए थे. ऐसे में कई छात्रों ने फॉर्म तो भरा लेकिन उसी बीच और भी परीक्षाएं होनी थी. ऐसे में छात्रों पर्टिकुलर सब्जेक्ट के परीक्षा में ही शामिल हुए हैं. हालांकि छात्रों की अनुपस्थिति से व्यापमं को बहुत नुकसान उठाना पड़ा (cgvyapam lose crores of rupees) है. इसके लिए व्यापमं को कोई दूसरा तरीका निकालने की जरूरत है, ताकि मेहनत के साथ ही पैसे की भी बचत को रोकी जा सके.''