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कर्मचारियों की हड़ताल जारी, लेकिन सरकार की क्या है तैयारी

छत्तीसगढ़ में हड़ताल के कारण स्कूली बच्चों से लेकर आम जनता तक परेशान है. ऐसे में सरकार ने अब तक हड़ताल को खत्म करने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया है.आपको बता दें कि 22 अगस्त से कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल में है.

अनिश्चितकालीन हड़ताल से निपटने सरकार की क्या है तैयारी
अनिश्चितकालीन हड़ताल से निपटने सरकार की क्या है तैयारी
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Published : Aug 27, 2022, 4:39 PM IST

रायपुर : DA सहित दो सूत्रीय मांगों को लेकर शासकीय कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर ( workers strike in Chhattisgarh) हैं. इस हड़ताल में लगभग 90 संगठनों के पांच लाख कर्मचारी शामिल हैं. जिसकी वजह से प्रदेश के शासकीय काम बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. प्रदेश भर के लाखों कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है. इस हड़ताल को 90 संगठनों का समर्थन मिलने का दावा पदाधिकारियों ने किया है. जिसमें लगभग 5 लाख कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे. दो सूत्रीय मांगों में केंद्र के समान देय तिथि से 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता, एरियर्स सहित एवं सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता देने की मांग शामिल है.सरकार ने सिर्फ 6 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया.जबकि कर्मचारी 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता एरियर्स सहित मांग कर रहे (Government plan regarding workers strike )हैं.

आंदोलन को बीजेपी का समर्थन : अपनी 2 सूत्री मांगों को लेकर सोमवार से हजारों शासकीय कर्मचारियों ने रायपुर के बूढ़ा तालाब पर धरना दे रहे हैं. यह धरना प्रदर्शन अनिश्चितकालीन जारी है. कर्मचारी संघ का कहना है कि ''जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती तब तक वे प्रदर्शन करते रहेंगे. वहीं विपक्ष ने भी इनकी मांगों का समर्थन किया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव (BJP state president Arun Sao) शुक्रवार को कर्मचारियों के आंदोलन को समर्थन देने धरना स्थल बूढ़ा तालाब पहुंचे. साव ने कहा कि '' आज कर्मचारी अधिकारी कार्यालय में बैठकर जनता की सेवा कर रहे थे. लेकिन उन्हें अपनी मांगों के लिए बरसात में सड़कों पर उतरना पड़ रहा है.130 कर्मचारी संगठन सड़क पर अपनी मांगों के लिए आंदोलन कर रहे हैं. आज ऐसी स्थिति हो गई कि राजधानी में आंदोलन प्रदर्शन के लिए जगह कम पड़ रही है. जो बताता है कि यह सरकार कर्मचारी अधिकारी के साथ कितना अन्याय और अत्याचार कर रही है. जिसकी वजह से आज पूरे प्रदेश में आंदोलन करना पड़ रहा है.''

कांग्रेस का बीजेपी पर पलटवार : वहीं स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम (Minister Premsai Singh Tekam) ने अरुण साव के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि ''यह घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं. इन लोगों ने 15 साल कर्मचारियों पर डंडा बरसाया. कई कर्मचारियों की मौत हो गई. अपने समय में उन्होंने जो कर्मचारियों पर लाठियां बरसाई उन पर अत्याचार किए हैं. उसको याद करना चाहिए. हम तो शिक्षकों की भर्ती कर रहे हैं. 15 हजार शिक्षकों की भर्ती हो रही है. हम रोजगार देने की बात कर रहे हैं. पुलिस और स्वास्थ्य विभाग में भर्ती हो रही है. उनके जमाने में 15 साल तक केवल आउटसोर्सिंग के जरिए काम होता था.''


कांग्रेस ने वादा निभाने की कही बात : कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर का कहना है कि ''भूपेश सरकार के द्वारा पहले ही कर्मचारियों के डीए में 6% की बढ़ोतरी की गई है बाकी मांगों के लिए भी कमेटी गठित की गई जो उस पर भी विचार कर रही है. ऐसे में कर्मचारियों का आंदोलन करना उचित नही है. यही वजह है कि कई कर्मचारी संगठन इस आंदोलन से दूर है. राज्य सरकार कर्मचारियों के साथ खड़ी है. और उनकी मांगों पर भी ध्यान दे रही है. साथ ही बातचीत का रास्ता खुला हुआ है. वहीं भाजपा के समर्थन पर धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि ''आज कर्मचारी महंगाई भत्ते की मांग कर रहे हैं और महंगाई केंद्र सरकार की वजह से बढ़ रही है ऐसे में भाजपा को चाहिए कि केंद्र सरकार से महंगाई करने की मांग करें.''

आम जनता को हो रही परेशानी : वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का कहना है कि ''आंदोलन लोकतंत्र में सब का अधिकार है. लेकिन इसकी वजह से दूसरों को परेशानी नहीं होनी चाहिए. आज कर्मचारी संगठन अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. कर्मचारियों का अपना पक्ष है और सरकार का अपना पक्ष. लेकिन कर्मचारियों और सरकार के बीच आम जनता को परेशानी हो रही है. आज आम लोगों के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में जहां कर्मचारियों को चाहिए कि सांकेतिक प्रदर्शन करें जिससे उनकी बात भी सरकार तक पहुंच जाए और आम लोगों की शासकीय कार्य में भी व्यवधान उत्पन्न ना हो.'' आपको बता दें कि कर्मचारियों का आंदोलन जारी है लेकिन अब तक इस आंदोलन को लेकर सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है. ना ही सरकार उनकी मांगों को लेकर कोई बात कर रही है.ऐसे में आंदोलन कब खत्म होगा ये कोई नहीं जानता.

रायपुर : DA सहित दो सूत्रीय मांगों को लेकर शासकीय कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर ( workers strike in Chhattisgarh) हैं. इस हड़ताल में लगभग 90 संगठनों के पांच लाख कर्मचारी शामिल हैं. जिसकी वजह से प्रदेश के शासकीय काम बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. प्रदेश भर के लाखों कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है. इस हड़ताल को 90 संगठनों का समर्थन मिलने का दावा पदाधिकारियों ने किया है. जिसमें लगभग 5 लाख कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे. दो सूत्रीय मांगों में केंद्र के समान देय तिथि से 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता, एरियर्स सहित एवं सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता देने की मांग शामिल है.सरकार ने सिर्फ 6 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया.जबकि कर्मचारी 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता एरियर्स सहित मांग कर रहे (Government plan regarding workers strike )हैं.

आंदोलन को बीजेपी का समर्थन : अपनी 2 सूत्री मांगों को लेकर सोमवार से हजारों शासकीय कर्मचारियों ने रायपुर के बूढ़ा तालाब पर धरना दे रहे हैं. यह धरना प्रदर्शन अनिश्चितकालीन जारी है. कर्मचारी संघ का कहना है कि ''जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती तब तक वे प्रदर्शन करते रहेंगे. वहीं विपक्ष ने भी इनकी मांगों का समर्थन किया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव (BJP state president Arun Sao) शुक्रवार को कर्मचारियों के आंदोलन को समर्थन देने धरना स्थल बूढ़ा तालाब पहुंचे. साव ने कहा कि '' आज कर्मचारी अधिकारी कार्यालय में बैठकर जनता की सेवा कर रहे थे. लेकिन उन्हें अपनी मांगों के लिए बरसात में सड़कों पर उतरना पड़ रहा है.130 कर्मचारी संगठन सड़क पर अपनी मांगों के लिए आंदोलन कर रहे हैं. आज ऐसी स्थिति हो गई कि राजधानी में आंदोलन प्रदर्शन के लिए जगह कम पड़ रही है. जो बताता है कि यह सरकार कर्मचारी अधिकारी के साथ कितना अन्याय और अत्याचार कर रही है. जिसकी वजह से आज पूरे प्रदेश में आंदोलन करना पड़ रहा है.''

कांग्रेस का बीजेपी पर पलटवार : वहीं स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम (Minister Premsai Singh Tekam) ने अरुण साव के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि ''यह घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं. इन लोगों ने 15 साल कर्मचारियों पर डंडा बरसाया. कई कर्मचारियों की मौत हो गई. अपने समय में उन्होंने जो कर्मचारियों पर लाठियां बरसाई उन पर अत्याचार किए हैं. उसको याद करना चाहिए. हम तो शिक्षकों की भर्ती कर रहे हैं. 15 हजार शिक्षकों की भर्ती हो रही है. हम रोजगार देने की बात कर रहे हैं. पुलिस और स्वास्थ्य विभाग में भर्ती हो रही है. उनके जमाने में 15 साल तक केवल आउटसोर्सिंग के जरिए काम होता था.''


कांग्रेस ने वादा निभाने की कही बात : कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर का कहना है कि ''भूपेश सरकार के द्वारा पहले ही कर्मचारियों के डीए में 6% की बढ़ोतरी की गई है बाकी मांगों के लिए भी कमेटी गठित की गई जो उस पर भी विचार कर रही है. ऐसे में कर्मचारियों का आंदोलन करना उचित नही है. यही वजह है कि कई कर्मचारी संगठन इस आंदोलन से दूर है. राज्य सरकार कर्मचारियों के साथ खड़ी है. और उनकी मांगों पर भी ध्यान दे रही है. साथ ही बातचीत का रास्ता खुला हुआ है. वहीं भाजपा के समर्थन पर धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि ''आज कर्मचारी महंगाई भत्ते की मांग कर रहे हैं और महंगाई केंद्र सरकार की वजह से बढ़ रही है ऐसे में भाजपा को चाहिए कि केंद्र सरकार से महंगाई करने की मांग करें.''

आम जनता को हो रही परेशानी : वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का कहना है कि ''आंदोलन लोकतंत्र में सब का अधिकार है. लेकिन इसकी वजह से दूसरों को परेशानी नहीं होनी चाहिए. आज कर्मचारी संगठन अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. कर्मचारियों का अपना पक्ष है और सरकार का अपना पक्ष. लेकिन कर्मचारियों और सरकार के बीच आम जनता को परेशानी हो रही है. आज आम लोगों के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में जहां कर्मचारियों को चाहिए कि सांकेतिक प्रदर्शन करें जिससे उनकी बात भी सरकार तक पहुंच जाए और आम लोगों की शासकीय कार्य में भी व्यवधान उत्पन्न ना हो.'' आपको बता दें कि कर्मचारियों का आंदोलन जारी है लेकिन अब तक इस आंदोलन को लेकर सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है. ना ही सरकार उनकी मांगों को लेकर कोई बात कर रही है.ऐसे में आंदोलन कब खत्म होगा ये कोई नहीं जानता.

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