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विधानसभा में गूंजा गुणवत्ताहीन टेबलेट खरीदी मामला : विधायक ने अपनी ही सरकार को घेरा, विधानसभा समिति करेगी जांच

CG Assembly budget session 2022 : छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने टेबलेट खरीदी और वितरण मामले में अपनी ही सरकार को घेरा है. विधायक ने टेबलेट खरीदी को लेकर शिक्षा मंत्री पर सवाल खड़े किए.

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Published : Mar 14, 2022, 5:02 PM IST

रायपुर : विधानसभा बजट सत्र (Assembly budget session) के दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम (School education minister premsai tekaam) अपने ही विधायक के सवालों से घिरते नजर आए. कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल (Congress mla lakheswar baghel) ने अपने सवाल में बताया कि 2017-18 से लेकर 2021-22 तक कंपनी को करोड़ों रुपए का भुगतान हुआ. लेकिन उसके द्वारा सप्लाई किये गए 637 टेबलेट अनुपयोगी हो गए. लखेश्वर ने पूछा ये कब से खराब हैं और इनमें कितनों की मरम्मत हुई है. इसके जवाब में मंत्री टेकाम ने कहा कि शिक्षकों के लिए यह योजना 2017-18 में स्वीकृत हुई थी. बस्तर जिले के लिए 1.40 करोड़ खर्च कर टेबलेट दिये गए थे. सप्लाई फर्म को 2021 तक यह टेबलेट सप्लाई करनी थी. टेबलेट एक बार खराब होता है तो दोबारा नहीं बन सकता है. उसकी जगह नए टेबलेट देने की व्यवस्था है.

मंत्री के जवाब पर विधानसभा अध्यक्ष की नसीहत

मंत्री टेकाम के जवाब के बाद लखेश्वर बघेल और विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत (Dr charandas mahant) ने मंत्री से सवाल किया कि एक टेबलेट की कीमत क्या है और कितनी अवधि में खराब होता है. इस पर मंत्री ने बताया कि इसकी अवधि 3 साल की है. जो खराब हुए हैं, वे रिपेयर नहीं हो सकते. इस पर इस विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि ऐसी सप्लाई के लिए फर्म की शिकायत कीजिये और ब्लैक लिस्ट करिये. विधायक लखेश्वर ने आरोप लगाया कि यह 200 करोड़ की खरीदी का मामला है. लास्ट ईयर दिये ही नहीं गए. मंत्री ने जवाब में कहा कि यह 2 साल की योजना थी, जो खत्म हो गई है. इसके बाद भी इस मामले को लेकर लगातार सदन में चर्चा जारी रही.


ये भी पढ़ें-कोरोना मुआवजा, मंडी टैक्स, धान खरीदी में अनियमितता पर हो सकता है हंगामा

क्या था विधायक का आरोप ?

लखेश्वर बघेल का आरोप था कि टेबलेट खरीदने के लिए भंडारण क्रय नियम का पालन नहीं किया गया. कम से कम 3 फर्मों का टेंडर होना चाहिए था. लेकिन इसके लिए दो फर्मों का ही टेंडर आया. इसमें से एक को काम दे दिया गया. क्या मंत्री विधानसभा समिति से इसकी जांच कराएंगे? इसके जवाब में मंत्री ने स्वीकार किया कि परिस्थितियां जांच कराने लायक हैं. टेबलेट के सैंपल मैंने भी देखे हैं, जो रिपेयर के लायक नहीं हैं. इस पर बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि मंत्री ने स्वीकार कर लिया है तो उन्हें जांच की घोषणा करनी चाहिए. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा समिति से जांच कराए जाने की घोषणा की. समिति के सदस्यों के नामों की घोषणा जल्द की जाएगी.

रायपुर : विधानसभा बजट सत्र (Assembly budget session) के दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम (School education minister premsai tekaam) अपने ही विधायक के सवालों से घिरते नजर आए. कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल (Congress mla lakheswar baghel) ने अपने सवाल में बताया कि 2017-18 से लेकर 2021-22 तक कंपनी को करोड़ों रुपए का भुगतान हुआ. लेकिन उसके द्वारा सप्लाई किये गए 637 टेबलेट अनुपयोगी हो गए. लखेश्वर ने पूछा ये कब से खराब हैं और इनमें कितनों की मरम्मत हुई है. इसके जवाब में मंत्री टेकाम ने कहा कि शिक्षकों के लिए यह योजना 2017-18 में स्वीकृत हुई थी. बस्तर जिले के लिए 1.40 करोड़ खर्च कर टेबलेट दिये गए थे. सप्लाई फर्म को 2021 तक यह टेबलेट सप्लाई करनी थी. टेबलेट एक बार खराब होता है तो दोबारा नहीं बन सकता है. उसकी जगह नए टेबलेट देने की व्यवस्था है.

मंत्री के जवाब पर विधानसभा अध्यक्ष की नसीहत

मंत्री टेकाम के जवाब के बाद लखेश्वर बघेल और विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत (Dr charandas mahant) ने मंत्री से सवाल किया कि एक टेबलेट की कीमत क्या है और कितनी अवधि में खराब होता है. इस पर मंत्री ने बताया कि इसकी अवधि 3 साल की है. जो खराब हुए हैं, वे रिपेयर नहीं हो सकते. इस पर इस विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि ऐसी सप्लाई के लिए फर्म की शिकायत कीजिये और ब्लैक लिस्ट करिये. विधायक लखेश्वर ने आरोप लगाया कि यह 200 करोड़ की खरीदी का मामला है. लास्ट ईयर दिये ही नहीं गए. मंत्री ने जवाब में कहा कि यह 2 साल की योजना थी, जो खत्म हो गई है. इसके बाद भी इस मामले को लेकर लगातार सदन में चर्चा जारी रही.


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क्या था विधायक का आरोप ?

लखेश्वर बघेल का आरोप था कि टेबलेट खरीदने के लिए भंडारण क्रय नियम का पालन नहीं किया गया. कम से कम 3 फर्मों का टेंडर होना चाहिए था. लेकिन इसके लिए दो फर्मों का ही टेंडर आया. इसमें से एक को काम दे दिया गया. क्या मंत्री विधानसभा समिति से इसकी जांच कराएंगे? इसके जवाब में मंत्री ने स्वीकार किया कि परिस्थितियां जांच कराने लायक हैं. टेबलेट के सैंपल मैंने भी देखे हैं, जो रिपेयर के लायक नहीं हैं. इस पर बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि मंत्री ने स्वीकार कर लिया है तो उन्हें जांच की घोषणा करनी चाहिए. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा समिति से जांच कराए जाने की घोषणा की. समिति के सदस्यों के नामों की घोषणा जल्द की जाएगी.

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