रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 6 नई तहसील बनाने की घोषणा की है. (Bhupesh Baghel announced new tehsils) बघेल ने पिछले 3 सालों में 74 नई तहसीलों के गठन की घोषणा की है. वर्तमान में प्रदेश में 222 तहसीलें हैं. 6 नई तहसीलों के जुड़ने से राज्य में तहसीलों की संख्या 228 हो जाएगी. आखिर इन तहसीलों से लोगों को क्या सुविधा मिलेगी और प्रशासन को इन तहसीलों के बनाने के बाद किस तरह से मदद मिलेगी. आइए जानते हैं पक्ष-विपक्ष सहित वरिष्ठ पत्रकार से इन सवालों का जवाब...
छत्तीसगढ़ मॉडल से प्रदेश में बेरोजगारी दर घटी या यह महज आंकड़ों की बाजीगरी, कांग्रेस-भाजपा में रार
15 साल में बीजेपी ने जो नहीं किया वो कांग्रेस ने 3 साल में किया: कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि 'नई तहसील बनने से विकास कार्य होते हैं, नए रोजगार पैदा होते हैं. सरकार लोगों तक सुलभ रूप से पहुंच पाती है. योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन होता है. मॉनिटरिंग सही ढंग से होती है. भाजपा विपक्ष में बैठी है और उनको कुछ ना कुछ बोलना राजनीतिक रूप से जरूरी है इसलिए कुछ भी आरोप लगाती है. आज भाजपा को पीड़ा इस बात की है कि 15 सालों में उन्होंने यह सब काम नहीं किया, जो आज कांग्रेस सरकार तीन साल में कर रही है. छत्तीसगढ़ राज्य इसलिए बनाया गया था कि रायपुर से और बस्तर से भोपाल की दूरी कम हो सके. आम आदमी और सरकार के बीच की दूरी को कम किया जा सके और आज पूर्व की सरकार तहसीलों तक का निर्माण नहीं कर सकी जो उनकी विफलता है'.
नई तहसील बनने से आम लोगों को मिलेगी सुविधाएं: वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का कहना है कि 'किसी भी सरकार की सफलता का बड़ा पैमाना माना जाता है कि प्रशासन लोगों तक पहुंचे. अंतिम छोर तक उनकी योजना पहुंचे. आज 21वीं सदी में भी यदि लोगों को बिजली, पानी, सड़क सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए दूर-दूर तक भटकना पड़े तो उससे प्रशासन की सक्रियता और जवाबदेही कम होती है. ऐसे में प्रशासन को आम आदमी के करीब पहुंचने के लिए नई तहसील और नए जिले बनाए गए हैं. उसके लिए अधोसंरचना तैयार करनी होगी. मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा था कि नए जिले और तहसील बनाने से लगभग 1000 नई भर्तियां होंगी, प्रशासन के काम आसानी से निपट सकेंगे, आम लोगों की समस्याएं दूर होंगी. हालांकि ये भी आरोप लगते रहे है कि अधिकारी कर्मचारियों की कमी की वजह से विकास से कार्य नहीं हो पा रहे हैं. लोगों के आवेदन कई महीने तक लंबित पड़े रहते हैं, उनका निराकरण नहीं हो पाता है. यदि नई तहसील और जिले बनाए जाते हैं तो इससे इन प्रकरणों को निपटाने में सहूलियत मिलेगी'.